सेन्सरिन्यूरल हियरिंग लॉस – समझें और बचाव करें

अगर आपको या आपके परिवार में किसी को ध्वनि सुनने में दिक्कत होती है, तो यह आम तौर पर सेन्सरिन्यूरल हियरिंग लॉस (SNHL) हो सकता है। इस समस्या का मतलब है कि कान के अंदर की नर्व्स ठीक नहीं काम कर रही हैं और आवाज़ सही ढंग से मस्तिष्क तक नहीं पहुँच पाती। चलिए, इसे आसान शब्दों में समझते हैं और देखते हैं कैसे इससे बचा जा सकता है।

सेन्सरिन्यूरल हियरिंग लॉस के मुख्य कारण

SNHL कई बार उम्र बढ़ने से होता है, पर यह अचानक भी हो सकता है। प्रमुख कारणों में शामिल हैं:

  • उच्च आवाज़ वाले माहौल में लगातार काम करना – जैसे कारखाने या कंसर्ट.
  • ऑडियोटॉक्सीस ड्रग्स – कुछ दवाइयाँ कान की नर्व को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
  • बुखार, मलेरिया या वायरल इन्फेक्शन से उत्पन्न सूजन.
  • जीनेटिक कारण – परिवार में अगर सुनने की समस्या है तो जोखिम बढ़ता है।

इनमें से कुछ कारण हमारे नियंत्रण में होते हैं, जैसे तेज़ आवाज़ से बचना या दवाइयों का सही उपयोग। बाकी कारणों के लिए समय पर जांच जरूरी है।

लक्षण और कैसे पहचानें?

सुनने की कमी धीरे-धीरे या अचानक आ सकती है। आम लक्षण हैं:

  • बोलते हुए शब्दों को समझना मुश्किल होना.
  • फ़ोन या टेलीविज़न की आवाज़ बहुत तेज़ लगना.
  • हेल्पिंग साउंड (टिनिटस) यानी कान में बज्ज़ या गूँज सुनाई देना.

यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत ऑडियोलॉजिस्ट के पास जाएँ। शुरुआती पहचान इलाज को आसान बनाती है।

पता लगाने की प्रक्रिया

डॉक्टर सबसे पहले सुनवाई टेस्ट (ऑडियोमेट्री) करेंगे। इस टेस्ट से यह पता चलता है कि कौन-सी फ्रीक्वेंसी पर सुनने में कमी है। अगर नर्व के कारण समस्या है, तो अक्सर हाई‑फ्रीक्वेंसी पर असर दिखता है। कभी-कभी MRI या CT स्कैन की ज़रूरत पड़ती है ताकि ट्यूमर या चोट का पता चल सके।

उपचार और राहत के उपाय

सेन्सरिन्यूरल हियरिंग लॉस का इलाज कारण पर निर्भर करता है:

  • दवा बदलना: यदि दवाइयों से समस्या हुई है, तो डॉक्टर वैकल्पिक दवा देंगे.
  • कोक्लिया इम्प्लांट: गंभीर मामलों में कोक्लिया इम्प्लांट एक विकल्प हो सकता है।
  • हियरिंग ऐड: छोटे-से-मध्यम नुकसान के लिए सुनने वाले उपकरण (हेयरिंग एड) मदद करते हैं.
  • भाषा प्रशिक्षण: सैद्धान्तिक रूप से सुनना कठिन हो तो लिप पढ़ना या संकेत भाषा सीख सकते हैं.

घर पर भी कुछ चीज़ें कर सकते हैं। तेज़ आवाज़ वाले उपकरणों का उपयोग कम करें, कान को धूल और पानी से बचाएँ, और नियमित रूप से सुनवाई टेस्ट करवाते रहें।

रोकथाम के आसान टिप्स

सेन्सरिन्यूरल हियरिंग लॉस पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, पर जोखिम घटाया जा सकता है:

  • कान में इयरप्लग या ईयरफ़ोन का वॉल्यूम 60% से नीचे रखें.
  • शोर वाले माहौल में काम करते समय हेल्मेट या एअर कंडीशनर लगाएँ.
  • डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न लें, खासकर एंटीबायोटिक और एंटीसाइकोटिक दवाओं को.
  • संतुलित आहार रखें – विटामिन B12 और मैग्नीशियम सुनने की तंत्र में मदद करते हैं.

इन छोटे कदमों से आप अपने कान को स्वस्थ रख सकते हैं। याद रहे, अगर आवाज़ सुनाई नहीं देती या बदलती है तो जल्द ही डॉक्टर के पास जाएँ; समय पर कार्रवाई से बहुत सुधार हो सकता है।

अलका याग्निक को हुआ दुर्लभ सेंसोरीन्यूरल हियरिंग लॉस: जानें इसके बारे में सबकुछ

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बॉलीवुड की मशहूर गायिका अलका याग्निक को सेंसोरीन्यूरल हियरिंग लॉस नामक दुर्लभ बीमारी का सामना करना पड़ा है, जिससे सुनने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि एक वायरल अटैक के बाद उन्हें सुनने की समस्या हो रही है। डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि वे इस स्थिति से ठीक हो रही हैं।

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