आरसीबी की हार पर तुषार देशपांडे की इंस्टाग्राम पोस्ट
चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के तेज गेंदबाज तुषार देशपांडे ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 से बाहर होने पर एक इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दी। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई और उसने क्रिकेट फैंस के बीच काफी चर्चा का विषय बन गया।
आरसीबी, जो फाफ डू प्लेसिस की कप्तानी में खेल रही थी, प्लेऑफ में पहुंचने के लिए एक शानदार वापसी की थी। टीम ने लगातार छह मैच जीतकर प्लेऑफ में जगह बनाई थी, लेकिन उनकी यह यात्रा राजस्थान रॉयल्स के हाथों हार कर खत्म हो गई, जिसमें वे 4 विकेट से हार गए। इस हार के बाद इकलौती आईपीएल ट्रॉफी जीतने का सपना फिर से अधूरा रह गया।
तुषार देशपांडे ने इस मौके पर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट डाली, जिसमें बेंगलुरु कैंट स्टेशन की तस्वीर दिख रही थी। इस तस्वीर के साथ उन्होंने कैप्शन दिया, "सीएसके फैंस अलग ही बनावट के होते हैं," जो आरसीबी की हार पर एक तंज माना गया। हालांकि, देशपांडे ने बाद में इस पोस्ट को हटा लिया, लेकिन तब तक यह सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी थी और व्यापक रूप से साझा की जा रही थी।
इस पोस्ट के कारण क्रिकेट जगत में काफी हलचल मच गई। आरसीबी के फैंस ने इसे सीएसके समर्थकों और खासकर तुषार की ओर से एक अप्रिय टिप्पणी के रूप में देखा। वहीं सीएसके समर्थकों ने इस पोस्ट को मजाकिया अंदाज में लिया और इसे आरसीबी के प्रति एक चुटीला जवाब माना।
आरसीबी बनाम सीएसके: मुकाबले की यादें
इस सीजन में आरसीबी और सीएसके के बीच खेला गया मैच खासा विवादास्पद रहा। इस मुकाबले के आखिरी ओवर में आरसीबी के खिलाड़ियों ने एमएस धोनी का विकेट गिरने पर जिस तरह का जश्न मनाया, वह चर्चा का विषय बना। इस पर पूर्व इंग्लैंड के कप्तान माइकल वॉन ने भी टिप्पणी की कि आरसीबी के खिलाड़ियों को धोनी के प्रति अधिक सम्मान और शालीनता दिखानी चाहिए थी।
ऐसे में तुषार देशपांडे की यह पोस्ट एक और तेल की आग में घी डालने जैसा काम कर गई। हालांकि, यह पोस्ट मैच के बाद के तनाव और विवाद को दर्शाती है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट करती है कि क्रिकेट केवल एक खेल नहीं, बल्कि फैंस के जुनून और उम्मीदों का भी प्रतीक है।
आरसीबी के निराशाजनक सफर का अंत
आरसीबी ने अपनी प्लेऑफ तक की यात्रा में शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन उनकी उम्मीदों पर राजस्थान रॉयल्स ने पानी फेर दिया। फाफ डू प्लेसिस की कप्तानी में आरसीबी ने दमदार खेल दिखाया और कुछ अद्वितीय मैच जीते, लेकिन अंततः वे ट्रॉफी से एक बार फिर दूर रह गए।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की यह हार उनके फैंस के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई। लेकिन क्रिकेट का खेल ऐसा ही है, यहां हर मैच एक नई चुनौती के रूप में आता है और हर हार या जीत एक नए अध्याय का आरंभ होती है।
आशा करते हैं कि अगले सीजन में आरसीबी और अन्य टीमें दुगने उत्साह और ऊर्जा के साथ मैदान में उतरेंगी और हमें कुछ और यादगार मुकाबले देखने को मिलेंगे।
Dipak Moryani - 24 मई 2024
इस पोस्ट को हटाना बिल्कुल सही था। फैंस के बीच तनाव बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं। खेल तो खेल है, इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।
Jaya Bras - 26 मई 2024
अरे यार तुषार ने बस एक तस्वीर डाली और सब उठ खड़े हुए। अगर आरसीबी विकेट गिराने पर जश्न मनाते हैं तो सीएसके के फैंस को क्या करना चाहिए था शांत बैठे रहना?
Ravi Kant - 27 मई 2024
भारत में क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, धर्म है। एक तस्वीर पर इतना बवाल होना अजीब नहीं, बल्कि अपेक्षित है। फैंस के दिलों में टीमों के लिए ऐसे भाव होते हैं जो बाहर से समझे नहीं जाते।
Harsha kumar Geddada - 29 मई 2024
यह सब एक गहरे सामाजिक विभाजन का प्रतीक है। आरसीबी के फैंस अपनी नाकामयाबी को व्यक्तिगत अपमान मानते हैं, जबकि सीएसके के फैंस इसे एक बातचीत का अवसर समझते हैं। यह तुषार की पोस्ट नहीं, बल्कि हमारे सामाजिक अंतर का दर्पण है। हम खेल के बारे में नहीं, बल्कि अपने अहंकार के बारे में लड़ रहे हैं। यह एक आध्यात्मिक असंतोष का रूप है जो एक टीम के नाम पर व्यक्त हो रहा है।
Rupesh Sharma - 30 मई 2024
खेल के बाद जश्न मनाना ठीक है, लेकिन धोनी के विकेट पर जो जश्न हुआ, वो बहुत अधिक था। तुषार की पोस्ट भी उसी भावना का जवाब थी। दोनों ओर के फैंस थोड़ा संयम रखें, खेल तो बस खेल है।
Abhishek Rathore - 1 जून 2024
मुझे लगता है दोनों ओर के फैंस थोड़े ज्यादा भावुक हो गए हैं। ये सब एक छोटी सी पोस्ट के लिए बहुत बड़ी बात नहीं होनी चाहिए। अगर तुषार ने ये पोस्ट हटा दी, तो ये बात भी खत्म हो जानी चाहिए।
saikiran bandari - 2 जून 2024
तुषार ने क्या किया वो तो बस तस्वीर डाली बाकि सब फैंस ने बना डाला
Vishakha Shelar - 3 जून 2024
ये तो बस शुरुआत है अब तुषार की तस्वीर पर फैंस रो रहे हैं अगले हफ्ते क्या होगा अरे भगवान
Vijay Kumar - 4 जून 2024
क्रिकेट में जीत और हार तो होती है, लेकिन जब फैंस अपने अहं को टीम से जोड़ देते हैं, तो खेल बन जाता है जंग।
sachin gupta - 5 जून 2024
तुषार की पोस्ट बिल्कुल नहीं थी। ये तो एक बहुत ही एलिट, बहुत ही एंटी-आरसीबी एक्सप्रेशन था। जिन्होंने इसे लाइक किया, वो सब अपने आप को कल्चरल कॉरपोरेट इंटेलिजेंस का हिस्सा समझते हैं।
Subham Dubey - 6 जून 2024
यह पोस्ट केवल एक शुरुआत है। मैंने जानकारी जुटाई है कि सीएसके के अंदरूनी ग्रुप में एक बड़ी योजना है जिसके तहत आरसीबी के फैंस को निरंतर टारगेट किया जा रहा है। यह एक संगठित मनोवैज्ञानिक अभियान है। बेंगलुरु के लोगों को अपनी आत्मा की रक्षा करनी होगी।
Arun Sharma - 7 जून 2024
यह घटना खेल के भावनात्मक अतिरेक को दर्शाती है। एक व्यक्ति की अल्पकालिक भावना ने लाखों लोगों के जीवन में अस्थिरता पैदा कर दी। यह निर्माणात्मक विवाद का एक उदाहरण है, जो सामाजिक संरचना के भीतर अस्थिरता को बढ़ाता है।
Rashmi Naik - 9 जून 2024
अगर तुषार ने बस इतना कह दिया तो ये अभी तक वायरल नहीं होता ये तो सीएसके के डिजिटल एंगेजमेंट स्ट्रैटेजी का हिस्सा है
Shivakumar Kumar - 9 जून 2024
देखो, ये सब एक बड़ा चक्र है। आरसीबी के फैंस जश्न मनाते हैं, सीएसके के फैंस तंज काटते हैं, फिर आरसीबी के फैंस गुस्सा होते हैं, और फिर सीएसके के फैंस उसे और बढ़ा देते हैं। ये चक्र कभी नहीं रुकता। लेकिन अगर हम सब एक दूसरे को इंसान के रूप में देखें, तो ये चक्र टूट जाएगा। ये सिर्फ एक तस्वीर नहीं, ये हमारी भावनाओं की आईना है।
Rajeev Ramesh - 10 जून 2024
तुषार देशपांडे के द्वारा इस पोस्ट को हटाने का निर्णय एक उचित और व्यावहारिक कदम था। यह एक व्यक्तिगत अभिव्यक्ति थी, जिसे व्यापक सामाजिक अर्थ दे दिया गया। ऐसे मामलों में शांति और विनम्रता का पालन करना ही सर्वोत्तम उपाय है।