डोनाल्ड ट्रंप की वापसी और अमेरिकी विदेश नीति के परिदृश्य
डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी पर अटकलें एक बार फिर गर्म हो गई हैं। उनकी पिछली राष्ट्रपति काल की विदेश नीति यूक्रेन और ईरान जैसे देशों के लिए उल्लेखनीय थी, जहां इस नीति के परिणाम काफी गहरे और लम्बे समय तक महसूस किए जा सकते हैं। पिछले कार्यकाल के दौरान ट्रंप की नीति इतनी अधिक व्यक्तिगत लाभ पर केंद्रित थी कि इसे एक संक्रमणकालीन नीति कहा जा सकता है। यूक्रेन में जो सैन्य सहायता रोकी गई थी, वह इसका सबसे अच्छा उदाहरण है। ट्रंप के प्रभुत्व में वे अव्यक्त रूप से यूक्रेन को अपनी नीति के जाल में हेरफेर करते रहे, जो अंततः चुनाव में उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन के खिलाफ जांच के रूप में सामने आया।
ईरान पर ट्रंप का प्रभाव
ईरान के मामले में, ट्रंप ने 2015 के परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर निकाल लिया था और गंभीर आर्थिक प्रतिबंध फिर से लगा दिए थे। इसका असर ईरान की अर्थव्यवस्था और वहां की जनता पर गहराई से पड़ा। ईरान पर 'अधिकतम दबाव' की नीति का परिणाम मध्य पूर्व क्षेत्र में विस्फोटक स्थिति उत्पन्न करने में हुआ। इसके तीव्र परिणाम के रूप में न केवल ईरान में बल्कि उसके पड़ोसी देशों की स्थिरता पर भी प्रभाव पड़ा।
यूक्रेन और यूरोप पर संभावित अंतर्ध्वनियाँ
यदि ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो इसमें शामिल प्रमुख खतरों में से एक यह है कि यह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को और भी समर्थन दे सकता है, जो हमेशा से यूक्रेन की संप्रभुता को कमजोर करने की रणनीति बनाते रहे हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेन्स्की ने भी हाल ही में एक भाषण में चेताया कि ट्रंप की नीतियों के व्रात्युद्धान का मतलब यूक्रेन के लिए बहुत ही हानिकारक हो सकता है, खासकर जब देश की संप्रभुता की बात आती है।
यूरोप की सुरक्षा के लिए अमेरिकी चुनाव का महत्व
ट्रंप की वापसी यूरोपीय सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा सवालिया निशान बन सकती है। नाटो के साथ अमेरिका के संबंध उनके पिछले कार्यकाल के दौरान तनावपूर्ण थे और एक ऐसे समय में जब यूरोप अपनी सुरक्षा के लिए अमेरिका पर निर्भर है, ट्रंप की वापसी स्थितियां और भी जटिल बना सकती है। यूरोपीय काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस की एक नवीनतम रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है कि ट्रंप की नीतियों के पुनरागमन से अमेरिका और यूरोप के बीच विश्वास का और भी क्षय हो सकता है।
विश्व की नजरें ट्रंप युग की वापसी पर
ट्रंप का राष्ट्रपति पद पर पुनः आगमन एक बार फिर दुनियाभर की नजरों का केंद्र बन गया है। यूक्रेन और ईरान को लेकर उनके संभावित कदम उच्च दांव पर हैं। इन नीतियों के परिणाम क्या होंगे यह देखने के लिए सबकी नजरें अब अमेरिका की राजनीतिक दिशा पर हैं। इन सबके बीच, दुनियाभर के राजनयिक और नीति-निर्माता यह सोच रहे हैं कि कैसे ट्रंप के संभावित निर्णय वैश्विक राजनीति को आकार देंगे।
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