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मई 19 2025 - समाचार
क्या आप भी सोचते हैं कि IIT में जगह पाना मुश्किल है? असल में सही योजना और लगातार मेहनत से यह लक्ष्य बहुत करीब आ जाता है। इस लेख में हम आपको ज्वे मेन, ज्वे एडवांस्ड, तैयारी के तरीके और काउंसलिंग तक का सारा रोडमैप देंगे – बिना कोई झंझट.
पहला कदम है JEE Main देना। यह दो बार हो सकता है – जनवरी और अप्रैल में. अगर आपके स्कोर से आप एडवांस्ड के लिये कटा नहीं रहे तो अगली कोशिश करें, लेकिन बहुत देर न करें। JEE Main का पैटर्न 90 प्रश्नों वाला होता है (भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित) और हर साल थोड़ा बदलता है, इसलिए आधिकारिक साइट पर अपडेटेड सिलेबस देखना ज़रूरी है.
JEE Main में कट ऑफ़ मार्क्स के बाद JEE Advanced का समय आता है। केवल उन छात्रों को बुलाया जाता है जिनका रैंक टॉप 2.5 लाख में आती है (सेंटरल लॉजिस्टिक)। यहाँ प्रश्न अधिक गहराई वाले होते हैं, अक्सर कॉन्सेप्ट एप्प्लिकेशन पर फोकस रहता है। दो पेपर होते हैं – दोनों एक दिन में और अलग-अलग टाइमिंग के साथ.
पढ़ाई को रोज़ाना छोटे-छोटे हिस्सों में बाँटें। 2‑3 घंटे का सत्र, 10‑15 मिनट की ब्रेक, फिर दूसरा सत्र – इस रूटीन से थकान नहीं होगी और कॉन्सेप्ट समझ में रहेंगे. नोट्स बनाते समय सिर्फ फ़ॉर्मूले नहीं, बल्कि एक छोटा उदाहरण भी लिखें; परीक्षा में वही याद आता है.
मॉक टेस्ट को हल करने का महत्व मत कम आँकिए। हर हफ्ते कम से कम दो पूरे ज्वे मॉक दें और टाइमिंग पर ध्यान दें. गलतियां नोट करें – यही आपका बूस्टर होगा. अगर किसी टॉपिक में बार‑बार गलती हो रही है, तो उसपर एक अतिरिक्त रिवीजन सत्र रखें.
ऑनलाइन रिसोर्सेज़ बहुत मददगार हैं, लेकिन फ्री या पेड प्लेटफ़ॉर्म चुनते समय भरोसेमंद स्रोत देखें. यूट्यूब चैनल्स, नेशनल टेस्ट सर्विस (NTS) और फ़िज़िक्स/केमिस्ट्री के टॉप क्लासरूम लेक्चर अक्सर मुफ्त में मिल जाते हैं.
डायरेक्टरी बनाकर अपने लक्ष्य को लिखें – “2025 में IIT Delhi में कंप्यूटर साइंस”. हर सुबह इस लक्ष्य को पढ़ें, इससे मोटिवेशन बना रहेगा. साथ ही स्वस्थ रहना भी जरूरी है; पर्याप्त नींद और हल्की एक्सरसाइज़ से दिमाग तेज़ चलता है.
काउंसलिंग के समय सभी दस्तावेज़ तैयार रखें – 10वीं, 12वीं मार्कशीट, JEE एडवांस्ड रैंक कार्ड, फोटो आदि. देर से जमा करने की वजह से कोई सीट नहीं मिल पाती, इसलिए इस हिस्से को पहले ही निपटा लें.
अगर आप किसी विशिष्ट IIT में जाना चाहते हैं, तो उसके कट ऑफ़ रैंक देख कर अपना लक्ष्य सेट करें। अक्सर दिल्ली, बॉम्बे और कर्नाटक के कुछ कॉलेजों का रैंक थोड़ा कम होता है, इसलिए विकल्प रखें – इससे डाउntime नहीं रहेगा.
आखिर में एक बात याद रखें: IIT प्रवेश सिर्फ अंक नहीं, बल्कि आपके लगातार प्रयास की कहानी है. अगर आज गिरते हैं तो कल फिर से उठें, क्योंकि सफलता उन्हीं को मिलती है जो हार नहीं मानते.
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