गोवा एयरपोर्ट पर बिजली गिरने से रनवे की लाइटें खराब, छह उड़ानों को किया गया डायवर्ट

गोवा एयरपोर्ट पर बिजली गिरने से रनवे की लाइटें खराब, छह उड़ानों को किया गया डायवर्ट

बुधवार शाम को करीब 5:15 बजे गोवा के मनोहर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (MIA) पर बिजली गिरने की घटना ने हवाई यातायात को प्रभावित कर दिया। बिजली ने रनवे किनारे की लाइटें खराब कर दीं, जिससे छह उड़ानों को नजदीकी हवाई अड्डों पर डायवर्ट करना पड़ा। इस समयावधि में हवाई अड्डा अधिकारियों को यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कदम उठाने पड़े।

घटना के कुछ ही मिनटों बाद, हवाई अड्डा प्रबंधन ने NOTAM (Notice to Airmen) जारी कर दिया। यह नोटिस शाम 5:15 बजे से 8 बजे तक प्रभावी था, जिसका मुख्य उद्देश्य सभी विमान चालकों और संबंधित अधिकारियों को इस असामान्य स्थिति के बारे में सूचित करना था। जीएमआर गोवा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (GGIAL) के प्रवक्ता आर वि शेषण ने बताया कि समस्याओं का समाधान करने के लिए तुरंत कार्यवाही की गई और रात 8 बजे तक सामान्य हवाई अड्डा संचालन बहाल कर दिया गया।

इस प्रक्रिया में, हवाई अड्डा प्रबंधन ने यह सुनिश्चित किया कि रनवे की खराब लाइटों को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए ताकि हवाई यातायात में कोई और अवरोध न हो। हवाई अड्डा अधिकारियों की तत्परता और समर्पण के चलते लाइटों को समय पर ठीक किया जा सका, जिससे विमान फिर से सुरक्षित रूप से उतर और टेकऑफ कर सकें।

यात्रियों को हुई असुविधा

इस घटना के कारण डायवर्ट की गई छह उड़ानों ने यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। कई यात्रियों को नजदीकी हवाई अड्डों पर अपने कनेक्टिंग उड़ानों के लिए इंतजार करना पड़ा। कुछ यात्रियों ने इस असामान्य स्थिति के लिए सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी भी जताई। हवाई अड्डा प्रबंधन ने इसके लिए क्षमा याचना की और कहा कि इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं पर मानव का कोई वश नहीं होता।

गोवा एयरपोर्ट पर बिजली गिरने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार इस प्रकार की घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे हवाई यातायात में बाधा आई है। हवाई अड्डा प्रबंधन ने बताया कि वे इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए हर संभव कदम उठाते हैं और यात्रियों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

प्राकृतिक आपदा के प्रभाव

प्राकृतिक आपदा के प्रभाव

प्राकृतिक आपदाएं, जैसे की बिजली गिरना, अक्सर हवाई यातायात को प्रभावित कर देती हैं। यह केवल यात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि हवाई अड्डा प्रबंधन और विमान चालक दल के लिए भी चुनौतीपूर्ण होती है। बिजली गिरने से पैदा हुए करंट और संभावित आग की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, मैन्युअल और तकनीकी सुधार कार्य तुरंत शुरू करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है।

इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए हवाई अड्डा पर एक विस्तृत आपदा प्रबंधन योजना होती है। इसमें बिजली गिरने से होने वाले नुकसान को जल्द से जल्द पहचानना और उसे ठीक करना शामिल है। फायर डिपार्टमेंट और अन्य आपातकालीन सेवाओं का तत्काल पहुंचना और उनकी समन्वयित कार्रवाई इस प्रकार की आपदाओं को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

हवाई यातायात पर प्रभाव

हवाई यातायात पर प्रभाव

इस घटना का हवाई यातायात पर व्यापक प्रभाव पड़ा। उड़ानों को डायवर्ट करना ही एकमात्र विकल्प नहीं था, बल्कि नजदीकी हवाई अड्डों पर यात्रियों को समायोजित करना और उनकी जरूरतों को पूरा करना हवाई अड्डा प्रबंधन के सामने एक बड़ी चुनौती थी। इन स्थितियों में, यात्रियों को तुरंत और स्पष्ट जानकारी प्रदान करना और उनकी मदद करना अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।

विमान कंपनियों और हवाई अड्डा प्रबंधन के तालमेल से ही इस प्रकार की आपदाओं से निपटा जा सकता है। सुनिश्चित करना कि विमान पुनः सुरक्षित परिस्थितियों में उड़ सकते हैं और यात्रियों का सफर बिना किसी और रुकावट के पूरा हो सके, एयरपोर्ट प्रबंधन का मुख्य ध्येय होता है।

भविष्य के लिए सबक

इस घटना ने हवाई अड्डा प्रबंधन को मौजूदा आपदा प्रबंधन योजना की समीक्षा करने और उसमें आवश्यक सुधार करने की भी आवश्यकता जताई है। अब ये देखना महत्वपूर्ण है कि आने वाले दिनों में हवाई अड्डा प्रबंधन किस प्रकार इन चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी तैयारी को और पुख्ता करता है।

प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्रशिक्षण और उपकरण अद्यतन करना, साथ ही नए तकनीकी समाधानों का आविष्कार और उनका अनुकूलन करना हवाई यातायात उद्योग के विकास का हिस्सा है। हमें उम्मीद है कि ये घटना भविष्य में यह सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण सीख साबित होगी कि हवाई यातायात में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

हम आशा करते हैं कि सभी हवाई यात्री सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा कर सकें और ऐसी घटनाओं का सामना न करना पड़े। सभी हवाई अड्डा और विमान सेवा प्रदाताओं का सहयोग और तत्परता ही इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने का सबसे मजबूत साधन है।

Shifa khatun

लेखक के बारे में

Shifa khatun

मैं एक स्वतंत्र पत्रकार हूँ जो भारत में दैनिक समाचारों के बारे में लिखती हूँ। मुझे लेखन और रिपोर्टिंग में गहरी रुचि है। मेरा उद्देश लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है। मैंने कई प्रमुख समाचार पत्रों और वेबसाइट्स के लिए काम किया है।

टिप्पणि (15)

  1. PK Bhardwaj

    PK Bhardwaj - 24 मई 2024

    बिजली गिरने से रनवे लाइट्स फेल होना तो बहुत आम बात है, खासकर गोवा जैसे तटीय इलाकों में जहाँ बारिश और बिजली का कॉम्बिनेशन बहुत एक्सट्रीम होता है। लेकिन जो एयरपोर्ट मैनेजमेंट ने किया, उसकी रिस्पॉन्स टाइम और NOTAM जारी करने का तरीका बहुत प्रोफेशनल रहा। जब तक लाइट्स ठीक नहीं हो जातीं, तब तक डायवर्ट करना ही सबसे सुरक्षित ऑप्शन है।

  2. Soumita Banerjee

    Soumita Banerjee - 25 मई 2024

    अरे भाई, फिर से ये गोवा एयरपोर्ट की बात? ये लाइट्स तो 2018 से ठीक नहीं हुईं। एयरपोर्ट मैनेजमेंट के पास तो बस एक ही रिस्पॉन्स है - ‘प्राकृतिक आपदा’। अगर आपको बिजली गिरने का डर है, तो लाइट्स को अर्थ लेवल एडवांस्ड लाइटिंग सिस्टम से अपग्रेड कर लो। ये जो बातें कर रहे हो, वो तो बच्चों की कहानी है।

  3. Navneet Raj

    Navneet Raj - 25 मई 2024

    मैं इस घटना को देखकर बहुत प्रभावित हुआ। जब एक एयरपोर्ट इतनी जल्दी रिस्पॉन्ड कर देता है, तो ये दिखाता है कि उनके पास एक अच्छी टीम है। रनवे लाइट्स की रिपेयर टाइम लगभग 2.5 घंटे थी - ये बहुत अच्छा है। बारिश के मौसम में ऐसी घटनाएं अटल हैं, लेकिन उनका मैनेजमेंट अच्छा रहा।

  4. Neel Shah

    Neel Shah - 26 मई 2024

    बिजली गिरी?? 😱 ये तो बस एक बार नहीं हुआ था यार, ये तो गोवा का रोज़ का रूटीन है!! 🤦‍♀️ और फिर भी लाइट्स नहीं अपग्रेड की गईं?? ये एयरपोर्ट तो बस अपने बजट के नाम पर लोगों को जोखिम में डाल रहा है!! 🤯💥

  5. shweta zingade

    shweta zingade - 26 मई 2024

    ये जो लाइट्स बंद हुईं, वो बस लाइट्स नहीं थीं - ये यात्रियों की सुरक्षा का प्रतीक थीं! 🙌 लेकिन जब एयरपोर्ट टीम ने 2 घंटे में सब कुछ ठीक कर दिया, तो ये एक जीत है! 🎉 इस तरह की टीमवर्क की जरूरत है - न कि बस शिकायतें! ये लोग निश्चित रूप से अपना काम कर रहे हैं, और ये बहुत बड़ी बात है! 💪

  6. Pooja Nagraj

    Pooja Nagraj - 27 मई 2024

    इस घटना को केवल एक तकनीकी विफलता के रूप में देखना एक अत्यंत उपेक्षापूर्ण दृष्टिकोण है। यह एक अस्तित्वगत असमर्थता का प्रतीक है - जहाँ मानवीय नियंत्रण और प्राकृतिक शक्तियों के बीच एक अनिवार्य असंगति विकसित हो गई है। आधुनिक यातायात प्रणाली ने भौतिक दुनिया के अनियमितताओं को अनदेखा कर दिया है। यह एक दार्शनिक चुनौती है।

  7. Anuja Kadam

    Anuja Kadam - 28 मई 2024

    ye toh bas ek aur flight delay ka case hai... sab kuch thik hai, bas light fail hui... 😅

  8. Pradeep Yellumahanti

    Pradeep Yellumahanti - 29 मई 2024

    गोवा में बिजली गिरती है - और हम इसे ‘प्राकृतिक आपदा’ कहते हैं? अगर ये प्राकृतिक आपदा है, तो भारत का हर एयरपोर्ट एक बार तो बंद हो चुका होगा। ये तो सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर की लापरवाही है। बिजली गिरती है? तो लाइट्स को अर्थ लेवल लाइटिंग से अपग्रेड करो। नहीं तो अगली बार लोगों के टिकट बांट दो।

  9. Shalini Thakrar

    Shalini Thakrar - 29 मई 2024

    मुझे लगता है कि ये घटना हमें एक बहुत बड़ा सबक देती है - कि जब तक हम तकनीक को नियंत्रित नहीं कर पाएंगे, तब तक प्रकृति हमेशा हमें याद दिलाती रहेगी। बिजली गिरना तो एक घटना है, लेकिन उसका जवाब देना हमारी जिम्मेदारी है। इस बार एयरपोर्ट टीम ने बहुत अच्छा किया, लेकिन अगली बार? 🤔

  10. pk McVicker

    pk McVicker - 29 मई 2024

    बिजली गिरी। लाइट्स बंद। उड़ानें डायवर्ट। अब बस इतना ही।

  11. Laura Balparamar

    Laura Balparamar - 30 मई 2024

    मैंने ये देखा कि एयरपोर्ट ने तुरंत NOTAM जारी किया - ये बहुत अच्छा है। लेकिन ये बात नहीं है कि लाइट्स को ठीक करने में 2.5 घंटे लगे। अगर ये बिजली गिरने का पहला मामला होता, तो शायद ठीक होता। लेकिन ये बार-बार हो रहा है। इसका जवाब एक नया सिस्टम होना चाहिए।

  12. Shivam Singh

    Shivam Singh - 30 मई 2024

    अरे यार, बिजली गिरी तो लाइट्स बंद हो गईं - बस इतना ही? लेकिन जो लोग डायवर्ट हुए, उनके लिए ये एक बड़ी बात है। और जो लोग अपनी नाराजगी सोशल मीडिया पर दिखा रहे हैं, वो भी समझ सकते हैं। लेकिन ये नहीं कि हम एयरपोर्ट को गलत ठहराएं। ये तो एक अनप्रिडिक्टेबल इवेंट है।

  13. Piyush Raina

    Piyush Raina - 1 जून 2024

    मुझे लगता है कि इस घटना को एक अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए - एक ऐसा अवसर जहाँ हम एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की लचीलापन की जांच कर सकें। अगर एक बिजली गिरने से हमारा पूरा सिस्टम रुक जाता है, तो ये बताता है कि हमारा सिस्टम बहुत फ्रेजाइल है। क्या हम एक डिस्ट्रीब्यूटेड बैकअप सिस्टम पर विचार कर सकते हैं?

  14. Srinath Mittapelli

    Srinath Mittapelli - 1 जून 2024

    एक बार जब बिजली गिरी तो लाइट्स बंद हो गईं - लेकिन जब लोग बिना बिजली के चलते हैं, तो वो बिजली के बिना जीते हैं। ये एयरपोर्ट ने जो किया, वो बहुत अच्छा था। लेकिन अगली बार? अगली बार तो हमें बिजली गिरने के बाद भी लाइट्स चलाने की ताकत रखनी होगी। ये सिर्फ एक लाइट नहीं, ये एक निशान है।

  15. Vineet Tripathi

    Vineet Tripathi - 3 जून 2024

    ये तो हर साल होता है गोवा में। बस एक बार एयरपोर्ट ने जल्दी रिस्पॉन्ड किया - ये बहुत अच्छा है। लेकिन अगर तुम लोग इतने ज्यादा घबरा रहे हो, तो एयरपोर्ट के बाहर बैठ जाओ। उड़ानें चलती रहेंगी।

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