नवरात्रि 2025 के नौ रंग: दुर्गा के रूपों के अनुसार पहनें ये रंग
सित॰ 23 2025 - धर्म संस्कृति
अगर आप गुजरात की संस्कृति के बारे में जानना चाहते हैं, तो सबसे पहले गरबा को समझना ज़रूरी है। गरबा सिर्फ एक नाच नहीं, बल्कि एक जश्न है जहाँ लोग घुमते‑घुमते, ताल के साथ अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हैं। बहुत से लोग इसे सिर्फ संगीत और डांस मानते हैं, पर असल में यह सामाजिक जुड़ाव, सामूहिक उत्साह और परंपरा का मिश्रण है।
गरबा का मूल १५वीं सदी के आसपास जुड़ाव से है, जब योद्धा अपनी जीत के बाद इस नृत्य को गाते‑बजाते थे। समय के साथ यह धार्मिक और सामाजिक समारोहों में बदल गया, खासकर नवरात्रि के दौरान। हर दिवे रात में व्याहु (ध्वज) के चारों ओर लोग घुमते हैं, साथ में गाते‑बजाते हैं। इस प्रक्रिया में भागीदारों के बीच भाई‑बहन का बंधन मजबूत होता है और समुदाय में एकजुटता बढ़ती है।
गरबा में गाने अक्सर भगवान गणेश या डूर्गा की स्तुति करते हैं, और बोल-भाषा में स्थानीय भाषा के साथ थोड़ी‑बहुत आधुनिक शब्दावली भी मिलती है। इससे पुराने और नया दोनों पीढ़ी एक ही धुन पर नाचते‑गाते हैं।
गरबा का मुख्य कदम ‘घूमाव’ है। आप अपनी बाएँ पैर से शुरू करें, फिर दाएँ पैर को साथ ले आएँ और धीरे‑धीरे गोलाकार में चलें। मुख्य बात है कि आपका शरीर सहज रहना चाहिए, कंधे खुले हों और कदम में लय हो। शुरुआत में छोटी दूरी पर घूमना ठीक रहेगा, फिर धीरे‑धीरे दायरा बढ़ाएँ।
अभ्यास के दौरान ये बात याद रखें:
गरबा के लिए सबसे जरूरी चीज़ है ‘मूड’। अगर आप मन से नाच रहे हैं, तो आपका प्रदर्शन खुद‑बखुद सुगम हो जाएगा। टीम या दोस्त‑मित्रों के साथ मिलकर अभ्यास करने से दिलचस्पी बढ़ती है और आप आपस में ताल मिलाते हैं।
2025 में कई बड़े गरबा कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। नवी मुंबई में ‘गरबा परेड 2025’, गुजरात के अहमदाबाद में ‘बगड़ाई गरबा फेस्टिवल’, और दिल्ली में ‘सोकिंग फेस्टिवल’ में गरबा की शामें खास तौर पर देखी जाएँगी। इन इवेंट्स में अक्सर नई डीजे ट्रैक और पारम्परिक धुन का मिश्रण सुनने को मिलता है, जो नयी पीढ़ी को भी आकर्षित करता है।
अगर आप गरबा सीखना चाहते हैं, तो सबसे पहले स्थानीय नृत्य स्कूल या सांस्कृतिक संगठन से संपर्क कर सकते हैं। बहुत से स्कूल ऑनलाइन क्लास भी देते हैं, जहाँ आप घर बैठे ही स्टेप्स सीख सकते हैं। एक छोटे से वीडियो को देख कर भी आप बुनियादी कदम समझ सकते हैं।
आख़िर में यह कहना सही रहेगा कि गरबा केवल नृत्य नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। यह आपको टीम वर्क, अनुशासन और खुशी सिखाता है। तो अगली बार नवरात्रि या कोई भी त्योहार आए, तो गरबा के साथ झूमिये और अपने ट्रैडिशन को आगे बढ़ाइए।
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