नवरात्रि के रंगों की विस्तृत जानकारी
इस साल नवरात्रि 2025 22 से 30 सितंबर तक चलेगी। भारत में यह नौ दिव्य दिनों का महत्त्वपूर्ण त्यौहार है, जिसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। प्रत्येक दिन एक विशिष्ट रंग अनिवार्य माना जाता है, क्योंकि वह उस दिन के माँ के स्वरूप की ऊर्जा को दर्शाता है। रंग न केवल बाहरी सजावट होते हैं, बल्कि अंदरूनी मनोस्थिति को भी प्रभावित करते हैं। नीचे प्रत्येक दिन का रंग, उसकी सांकेतिक अर्थ और पहनावे के सुझाव विस्तार से दिये गये हैं।
पहला दिन – 22 सितंबर (सोमवार) – सफ़ेद (शैलपुत्री)
सफेद शुद्धि, शांति और नए आरम्भ का प्रतीक है। शैलपुत्री माँ की शांत और स्थिर प्रकृति को दर्शाता है। इस दिन लोग साधारण सफेद साड़ी, कुर्ता या जीन्स के ऊपर सफेद टॉप पहनते हैं। चांदी की झुमके और कंगन इस रंग को और निखारते हैं। घर में सफेद फूलों की पंखुड़ियों से सजावट करने से ऊर्जा और साफ़ सुथरी बनती है।
दूसरा दिन – 23 सितंबर (मंगल) – लाल (ब्रह्मचारिणी)
लाल जोश, शक्ति और प्रेम को दर्शाता है। ब्रह्मचारिणी माँ की दृढ़ संकल्प और साहस को यह रंग अभिव्यक्त करता है। इस दिन लाल साड़ी, लेहंगा या कढ़ाई वाले कुर्ता लोकप्रिय हैं। सोने के गहने पहनने से ऊर्जा में वृद्धि होती है। लाल रंग की चटाई या दीवारों पर लाली लगाकर घर में उत्साह बना रहता है।
तीसरा दिन – 24 सितंबर (बुध) – राजसी नीला (चंद्रघंटा)
राजसी नीला गहराई, शांति और दिव्य शक्ति को बताता है। चंद्रघंटा माँ की बुद्धि और धैर्य को यह रंग दर्शाता है। नीले रंग की लेहेंगा, कुर्ती या साड़ी में पीले या सफेद बॉर्डर जोड़ने से लुक और भी आकर्षक बनता है। इस रंग की लाइटिंग से गरबा की रात में खूबसूरत तस्वीरें बनती हैं।
चौथा दिन – 25 सितंबर (गुरु) – पीला (कुशंदा)
पीला उज्ज्वलता, खुशी और आशा का प्रतिनिधित्व करता है। कुशंदा माँ के मुस्कुराते चेहरे की कल्पना इस रंग में आती है। इस दिन पीले सलवार सूट, साड़ी या गाउन पहना जाता है। बालों में गजरा या कमरपेटी में सुनहरी झुमका जोड़ने से माहौल और भी चहकता है। सूरज की रोशनी जैसी ऊर्जा घर में बँटती है।
पाँचवाँ दिन – 26 सितंबर (शुक्र) – हरा (स्कंदमाता)
हरा विकास, समंजस्य और समृद्धि का प्रतीक है। स्कंदमाता माँ के पोषण के गुण इस रंग में समाहित हैं। हरे रंग की लेहेंगा, कुर्ता या सिज़लिंग ब्रेसलेट इस दिन लोकप्रिय होते हैं। कपड़ों पर फूलों की एम्ब्रॉयड्री या पत्तियों के मोटीफ से प्राकृतिक स्पर्श मिलता है। हरी चादरें या पत्ते की सजावट से घर में ताजगी बनी रहती है।
छठा दिन – 27 सितंबर (शनि) – ग्रे (काट्याणी)
ग्रे संतुलन, ताकत और मध्यमता को दर्शाता है। काट्याणी माँ की कठोर लेकिन स्पष्ट शक्ति इस रंग में निहित है। ग्रे साड़ी या कुर्ता, साथ में चमकीले रंग की ज्वैलरी पहनने से नीरसता नहीं आती। ग्रे रंग का मॉल्डिंग फर्नीचर या पर्दे भी माहौल को सुकूनदायक बनाते हैं।
सातवाँ दिन – 28 सितंबर (रवि) – नारंगी (कैलरात्रि)
नारंगी ऊर्जा, उत्साह और उत्सव का रंग है। कैलरात्रि माँ की प्रलयकारी शक्ति को यह रंग प्रकट करता है। इस दिन नारंगी लेहेंगा, कुर्ता या इंडो‑वेस्टर्न कपड़े गरबा में बहुत देखे जाते हैं। एथनिक जूते या धातु की ब्रेसलेट के साथ मिलाने से लुक में धूम मचती है।
आठवाँ दिन – 29 सितंबर (सोम) – मोर पंखों का हरा (महागौरी)
मोर पंखों का हरा अद्वितीयता, सुंदरता और शान्ति का प्रतीक है। महागौरी माँ की शुद्धता को यह रंग दर्शाता है। मोर हरे साड़ी, शिफ़ॉन लेहेंगा या चमकीले गाउन इस दिन बहुत पसंद किए जाते हैं। आभूषण में मोती या क़ीमती पत्थर जोड़ने से लुक को रॉयल टच मिलता है।
नौवाँ दिन – 30 सितंबर (मंगल) – गुलाबी (सिद्धिदात्री)
गुलाबी प्रेम, कोमलता और सौहार्द का रंग है। सिद्धिदात्री माँ के दिव्य वरदान को यह रंग दिखाता है। पेस्टल पिंक गाउन या सॉफ्ट पिंक सलवार सूट इस दिन की पसंद बनते हैं। अगर जागरूकता चाहिए तो हाई पिंक की बीड्स या ड्रेस में चमकदार पैटर्न जोड़ सकते हैं। इस रंग के साथ मीठे स्नैक्स और गुलाब जामुन का विशेष महत्व है।
इन रंगों की महत्ता सिर्फ बाहरी पोशाक में नहीं, बल्कि आंतरिक जागृति में भी है। जब भक्त किसी विशेष रंग में कपड़े पहनते हैं, तो वे उस रंग की ऊर्जा को अपने मन में बसाते हैं। इस तरह से नवरात्रि के नौ दिनों में विभिन्न गुण – शुद्धि, शक्ति, ज्ञान, खुशी, विकसितता, संतुलन, ऊर्जा, अनूठापन और प्रेम – का संतुलित मिश्रण बनता है।
गरबा और डांडिया की रातें इन रंगों को और भी जीवंत बनाती हैं। समूह में सुसंगत रंग‑कोऑर्डिनेशन देखकर सभी को एकजुटता का अहसास होता है। साथ ही, रंगों की चमक से मंदिर की सजावट, लाइटिंग और ध्वज भी अधिक प्रभावी लगते हैं।
अगर आप पहली बार नवरात्रि में भाग ले रहे हैं, तो कुछ आसान टिप्स मददगार होंगे:
- रंग के अनुसार कपड़े चुनते समय आराम को प्राथमिकता दें – गरबा में बहुत चलना‑फिरना होता है।
- सजावट में वही रंग के फूल या पत्ती का प्रयोग करें, जैसे सफेद दिन में कमल, लाल दिन में होंठी, आदि।
- ज्वैलरी में अपने चुने हुए रंग के साथ कंट्रास्टिंग रंग जोड़ें, जिससे लुक आकर्षक बने।
- यदि बजट सीमित है, तो हल्के रंग के कटन या जर्सी को बुनाई वाले बॉर्डर के साथ पहनें, जिससे आकर्षण बना रहे।
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