देवशयनि एकादशी – तिथि, व्रत और पूजा का पूरा गाइड

अगर आप हिंदू कैलेंडर देखते हैं तो हर महीने की एकादशी खास होती है। उनमें से देवशयनि एकादशी को बहुत लोग महत्त्व देते हैं क्योंकि इसे भगवान विष्णु के सोने के समय माना जाता है। इस दिन व्रत रखने वाले मानते हैं कि उनका मन शुद्ध रहेगा और जीवन में नई ऊर्जा आएगी। तो चलिए, जानते हैं इस एकादशी की तिथि, कैसे रख सकते हैं व्रत और पूजा का आसान तरीका क्या है।

देवशयनि एकादशी कब है?

देवशयनि एकादशी शुक्ल पक्ष में आती है, यानी महीने के पहले आधे हिस्से में। 2025 में यह 13 जुलाई को पड़ेगी, लेकिन हर साल तारीख बदल सकती है क्योंकि हिन्दू पंचांग चंद्रमा के आधार पर चलता है। अगर आप इस तिथि की पुष्टि चाहते हैं तो अपने स्थानीय कैलेंडर या विश्वसनीय वेबसाइट से दो बार जाँच लें। इससे आपको सही दिन और समय पता चल जाएगा, जिससे व्रत शुरू करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

पूजा और व्रत करने के आसान उपाय

व्रत रखने का सबसे सरल तरीका है सुबह जल्दी उठना और शुद्ध जल से स्नान करना। स्नान के बाद आप सफेद कपड़े पहनें, क्योंकि सफेदी पवित्रता को दर्शाती है। फिर घर की साफ‑सफाई करके देवशयनि एकादशी की मूर्ति या चित्र सामने रखें। यदि आपके पास विष्णु जी की कोई तस्वीर नहीं है तो सिर्फ शंख और जल का प्रयोग भी कर सकते हैं।

पूजा में सबसे पहले दीपक जलाएँ, फिर घी या तेल से अभिषेक करें। फिर हल्का फल (सेब, नारियल) और कच्चा चावल डालें। इस समय मन में विष्णु जी की कथा सुनना या पढ़ना बहुत फायदेमंद रहता है; इससे आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है और व्रत का असर गहरा होता है।

व्रत के दौरान आप केवल फल, नारियल पानी, शहद और हल्का भोजन ले सकते हैं। यदि घर में कोई रोगी या बुजुर्ग हो तो उन्हें वैकल्पिक रूप से हल्का खिचड़ी दे सकते हैं, लेकिन मुख्य व्रती को पूरी तरह पावन रखना चाहिए। शाम को फिर से जल अर्पित करके अभिवादन करें और शांति के साथ दिन समाप्त करें।

ध्यान रखने योग्य बात यह है कि व्रत केवल भोजन में ही नहीं, बल्कि मन की शुद्धि में भी है। इसलिए दिन भर नकारात्मक विचारों से दूर रहें, सोशल मीडिया का कम इस्तेमाल करें और सकारात्मक कार्यों पर ध्यान दें। इससे आपका व्रत सफल रहेगा और आप इस एकादशी के लाभ को पूरी तरह महसूस करेंगे।

सारांश में, देवशयनि एकादशी को सही तिथि, साधारण पूजा और हल्के व्रत से मनाया जा सकता है। अगर आप इन सरल चरणों का पालन करेंगे तो यह पावन दिन आपके जीवन में सुख‑समृद्धि लाएगा। अभी कैलेंडर देखें, तैयारी शुरू करें और इस आध्यात्मिक अवसर को पूरी श्रद्धा के साथ पूरा करें।

देवशयनी एकादशी 2024: आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी का महत्व और पूजा विधि

देवशयनी एकादशी 2024: आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी का महत्व और पूजा विधि

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देवशयनी एकादशी 17 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी और यह चातुर्मास की शुरुआत को दर्शाती है। इस अवधि में भगवान विष्णु विश्राम करते हैं और दिवाली पर जागते हैं। व्रती सूर्योदय से उपवास रखकर अगले दिन परण करते हैं। इस व्रत का महत्व आध्यात्मिक विकास और आशीर्वाद के लिए बहुत अधिक है और इस समय कोई भी शुभ कार्य शुरू नहीं किया जाता।

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