निक्की हेली का विवादास्पद दौरा
निक्की हेली, जो कभी साउथ कैरोलिना की गवर्नर थीं और 2024 रिपब्लिकन नामांकन की दावेदार थीं, ने हाल ही में इजरायल का दौरा किया। इस दौरे के दौरान उन्होंने एक इजरायली किबुत्ज़ का दौरा किया, जो हमास के 7 अक्टूबर के हमले से बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इस दौरे के दौरान, हेली ने एक इजरायली तोप के गोले पर 'Finish Them!' यानी 'खत्म कर दो!' लिखकर हस्ताक्षर भी किए। इस घटना का चित्रण क्नसेट सदस्य और पूर्व UN प्रतिनिधि डैनी डैनन द्वारा साझा की गई फोटो कोलाज में हुआ।
इजरायली हवाई हमले और उनकी प्रतिक्रिया
इस घटना से कुछ ही समय पहले, इजरायली हवाई हमलों में गाजा के दक्षिणी हिस्से में स्थित शरणार्थी शिविरों में 40 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए थे। यह हिंसा 7 अक्टूबर से बढ़ती जा रही है, जब हमास ने इजरायल पर हमला किया था। तब से इजरायल ने गाजा पट्टी पर भारी बमबारी की है, जिससे 34,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं और लाखों लोगों को रफाह के दक्षिणी क्षेत्र में विस्थापित किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और कानूनी कार्रवाई
यह घटना सिर्फ क्षेत्रीय संघर्ष तक सीमित नहीं रही। फिलिस्तीनियों की बड़े पैमाने पर हत्या और विस्थापन के चलते, अंतरराष्ट्रीय समाज ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, हमास नेता यह्या सिनवार और कई अन्य अधिकारियों के खिलाफ युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने दिये आदेश
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice) ने इजरायल को रफाह पर अपने हमले को रोकने के आदेश दिए हैं, लेकिन इजरायल ने अमेरिकी समर्थन के साथ अपने हमले को बढ़ा दिया है। इस घटना ने दुनिया भर में नैतिक बहस को जन्म दिया है, जहां एक तरफ इजरायल अपनी सुरक्षा का दावा करता है, वहीं दूसरी तरफ फिलिस्तीनी नागरिकों के अधिकारों और उनके संरक्षण की मांग की जाती है।
हेली की प्रतिक्रिया और अमेरिकी राजनीति
निक्की हेली ने इजरायल की अपनी यात्रा के दौरान यह कहा कि यह संघर्ष अमेरिका में भी हो सकता है, इसे एक नैतिक पाठ के रूप में पेश किया। अमेरिकन राजनीतिक दृष्टिकोण से, हेली की इस यात्रा और उनके बयान ने कई विवादों को जन्म दिया है। कुछ इसे समर्थन के रूप में देख रहे हैं, वहीं अन्य इसे एक संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण मान रहे हैं। हेली ने अपने बयान में इजरायल के समर्थन में जोर देते हुए कहा कि इजरायली नागरिकों की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है और उन्हें अपनी रक्षा का पूरा अधिकार है।
अब आगे क्या?
निक्की हेली की इस घटना से अंतराष्ट्रीय राजनीति में भूचाल मच गया है। अमेरिका का इजरायल को समर्थन, और इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश दोनों ही अपने अपने स्थान पर महत्वपूर्ण हैं। जहां एक तरफ इजरायल अपनी सरहदों की हिफाजत के लिए संघर्ष कर रहा है, वहीं दूसरी ओर फिलिस्तीनी अपनी जिंदगी और अपने घरों की सुरक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। दुनिया भर में इस विवाद का हल ढूंढना जरूरी है, ताकि इनसानी जिंदगी की कदर की जा सके और दोनों पक्षों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
Anuja Kadam - 31 मई 2024
ये सब बस राजनीति है। कोई नहीं सोचता कि बच्चे कैसे मर रहे हैं।
Pradeep Yellumahanti - 31 मई 2024
Finish Them! लिखकर तोप पर हस्ताक्षर? अरे भाई, ये नहीं कि आपने एक बम को गिफ्ट बॉक्स बना दिया। अमेरिका की नीति अब इतनी बेकाबू हो गई है कि अब वो भी लिख देते हैं और फिर बोलते हैं 'हम तो शांति चाहते हैं'।
Shalini Thakrar - 31 मई 2024
इस घटना में एक असंगति का विश्लेषण करना जरूरी है - एक ओर जहां अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने आदेश दिया, वहीं दूसरी ओर एक राजनेता एक बम पर लिख रहा है 'खत्म कर दो!'। ये नैतिक द्वंद्व एक विश्व व्यवस्था के अंतर्गत अपराध के नियंत्रण के अंतिम चरण को दर्शाता है। अमेरिका अब सिर्फ शक्ति नहीं, बल्कि नैतिकता का भी निर्माण कर रहा है... जिसे वो खुद तोड़ रहा है। 😔
pk McVicker - 1 जून 2024
बम पर लिख दिया खत्म कर दो तो क्या हुआ बस एक और बकवास बोल दिया
Laura Balparamar - 1 जून 2024
ये सब बस एक राजनेता का दिखावा है। जब तक आप अपने देश के बच्चों को बचाने की बजाय दूसरे देश के बच्चों को मारने के लिए बयान देंगे, तब तक आपका दिल बर्फ की तरह ठंडा रहेगा।
Shivam Singh - 1 जून 2024
लिख दिया finish them... अरे भाई ये तो वो बात है जो अब टीवी पर नहीं चलती बल्कि ट्विटर पर चल रही है। लोग इसे सीरियसली ले रहे हैं।
Piyush Raina - 1 जून 2024
क्या ये सच में एक राजनेता का काम है? एक बम पर लिखना? क्या ये न्याय की अपेक्षा है या बस एक ब्रांडिंग ट्रिक? क्या हम अब युद्ध को एक मार्केटिंग कैंपेन बना रहे हैं?
Srinath Mittapelli - 2 जून 2024
देखो ये सब तो बहुत आसान है बस एक तरफ बोलो शांति और दूसरी तरफ बम फेंको। लेकिन ये बात भूल जाते हैं कि जिन लोगों के घर बम गिरते हैं, उनके बच्चे भी स्कूल जाते हैं, उनकी माँ भी रोती है। ये सब लोग इंसान हैं। न कोई आतंकवादी, न कोई नामुमकिन।
Vineet Tripathi - 4 जून 2024
मैं तो बस ये समझ रहा हूँ कि अमेरिका अब दुनिया का न्यायाधीश बन गया है... बस अपने बिना न्याय नहीं चलता।
Dipak Moryani - 5 जून 2024
क्या इजरायल के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था? क्या ये सब बस एक बड़ा रिस्पॉन्स था?
Subham Dubey - 6 जून 2024
इस घटना का पीछे एक गहरा गुप्त षड्यंत्र है। यह सब एक बड़े नियंत्रण योजना का हिस्सा है जिसका उद्देश्य दुनिया के लोगों को भ्रमित करना है। ये बम वाली फोटो एक जाल है - यह एक डिजिटल फर्जीवाद है जिसे बनाया गया है ताकि आप भावनाओं से बाहर निकल जाएँ। यह सब एक वैश्विक अधिकार वालों की योजना है।
Rajeev Ramesh - 6 जून 2024
यह घटना अंतरराष्ट्रीय न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध है। यह एक गंभीर अपराध है जिसके लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेना आवश्यक है।
Vijay Kumar - 7 जून 2024
बम पर लिखना? बस एक बच्चे की तरह।
Abhishek Rathore - 8 जून 2024
मुझे लगता है कि दोनों पक्षों के दर्द को समझना जरूरी है। लेकिन इस तरह की बातें सिर्फ बदलाव को दूर करती हैं।
Rupesh Sharma - 10 जून 2024
हम सब इंसान हैं। कोई नहीं चाहता कि उसके बच्चे मरें। ये बम बारिश और बयान दोनों ही एक नैतिक असफलता है। हमें समाधान ढूंढना होगा, न कि बयान देना।
Jaya Bras - 11 जून 2024
finish them? अरे भाई ये तो बच्चों के खिलाफ है ना? तू भी एक बम पर लिख दे अपने घर पर।
Arun Sharma - 12 जून 2024
इस प्रक्रिया में नैतिक उल्लंघन का स्तर अत्यधिक है। एक राजनेता के द्वारा युद्धास्त्र पर ऐसा लिखना एक अंतरराष्ट्रीय नैतिक दुर्घटना है।
Ravi Kant - 13 जून 2024
हमें इस बात को भूलना नहीं चाहिए कि इस युद्ध के पीछे एक लंबा इतिहास है। बस एक फोटो देखकर निर्णय नहीं लेना चाहिए।
Harsha kumar Geddada - 14 जून 2024
यह घटना एक गहरे असंगति का प्रतीक है - जहां शक्ति का दावा नैतिकता के नाम पर किया जाता है, लेकिन वास्तव में यह नैतिकता के विरुद्ध एक निर्मम विकृति है। जब एक राजनेता एक बम पर 'Finish Them!' लिखता है, तो वह अपने देश के नैतिक आधार को नहीं, बल्कि अपने अपने राजनीतिक लाभ के लिए बेच रहा है। इस तरह के बयान न केवल युद्ध को बढ़ावा देते हैं, बल्कि शांति की अवधारणा को भी विकृत कर देते हैं। जब न्याय की बजाय बर्बरता को नैतिकता कहा जाता है, तो इंसानी अधिकारों का अंत हो जाता है। हमें इस तरह के नेतृत्व को स्वीकार नहीं करना चाहिए। यह सिर्फ एक बम पर लिखा हुआ शब्द नहीं है - यह एक भविष्य का आह्वान है जिसमें इंसानियत अपनी आत्मा खो देती है।
sachin gupta - 16 जून 2024
अरे यार, ये तो बस एक इंस्टाग्राम स्टोरी है। बम पर लिख दिया, फोटो डाल दी, वायरल हो गया। अब ये सब एक मीम बन गया।
Pradeep Yellumahanti - 16 जून 2024
तुम्हारी बात सही है। लेकिन ये तो बस एक इंस्टाग्राम स्टोरी नहीं है। ये वो बात है जिसके बाद बच्चे मरते हैं। एक बम पर लिखना और उसे दुनिया को दिखाना - ये बस नैतिक अपराध नहीं, ये एक बर्बरता का नाटक है।