परिणाम कब घोषित हुए?
साल 2025 में CBSE ने वैकल्पिक परीक्षा के परिणाम अपने पारम्परिक शेड्यूल पर ही जारी किए। कक्षा 12 के वैकल्पिक परिणाम 1 अगस्त को CBSE परिणाम 2025 के आधिकारिक पोर्टल cbseresults.nic.in पर अपलोड हुए। इसके बाद कक्षा 10 के परिणाम 5 अगस्त को उसी साइट पर उपलब्ध हुए। यह क्रम बोर्ड की साल भर की परीक्षा नीति के साथ पूरी तरह मेल खाता है, जहाँ सीनियर सेकेंडरी के वैकल्पिक परिणाम हमेशा प्रथम अगस्त के आसपास आते हैं और जूनियर सेकेंडरी के परिणाम कुछ दिनों बाद।
रिजल्ट चेक करने के लिए छात्रों को अपना रोल नंबर, स्कूल कोड, एडमिट कार्ड आईडी और जन्म तिथि की जरूरत पड़ती है। इन जानकारी के बिना ऑनलाइन पोर्टल पर प्रवेश संभव नहीं है।

वैकल्पिक परीक्षा का शेड्यूल और प्रक्रिया
वैकल्पिक परीक्षाओं का आयोजन जुलाई 2025 में हुआ। कक्षा 10 की परीक्षा 15 से 22 जुलाई तक आयोजित की गई, जबकि कक्षा 12 की वैकल्पिक परीक्षा भी समान अवधि में ली गई। ये दो हफ्ते छात्रों के लिए दूसरा मौका थे, जो मुख्य बोर्ड परीक्षा में असफल रहे थे या जिनके अंक कम आए थे। बोर्ड ने इस अवसर को सभी सरकारी और निजी स्कूलों में समान रूप से लागू किया, ताकि कोई भी छात्र पीछे न रहे।
परिणाम जारी करने के बाद, बोर्ड ने री-इवैल्यूएशन और वेरिफिकेशन की सुविधा भी दी। ये सेवाएँ 22 सितंबर 2025 तक उपलब्ध थीं, जिससे छात्रों को घबराहट में बिना किसी गलती को सुधरने का समय मिला। री-इवैल्यूएशन के लिए अतिरिक्त शुल्क लागू नहीं किया गया, जिससे आर्थिक बोझ कम हुआ।
डिजिटल स्कोरकार्ड की बात करें तो CBSE ने इसे और भी आसान बना दिया है। अब परिणाम सिर्फ वेबसाइट पर ही नहीं, बल्कि DigiLocker और UMANG ऐप के ज़रिए भी मिलते हैं। इस सुविधा से मोबाइल पर तुरंत अपना अंकांक देख सकते हैं, प्रिंट आउट ले सकते हैं या ऑफ़लाइन पढ़ सकते हैं।
स्कोरकार्ड में छात्र का नाम, रोल नंबर, स्कूल कोड, प्रत्येक विषय के सैद्धान्तिक और व्यावहारिक अंक, कुल अंक और ग्रेड शामिल होते हैं। सभी विषयों में कम से कम 33% अंक लाना अनिवार्य है, चाहे वह थ्योरी हो या प्रैक्टिकल। यही नियम मुख्य परीक्षा और वैकल्पिक दोनों ही में लागू होता है।
मुख्य परीक्षा के आँकड़े भी रोचक थे। 2025 में कक्षा 12 के मुख्य परिणाम में कुल पास प्रतिशत 88.39% रहा। लगभग 17 लाख छात्र इस परीक्षा में नामांकित हुए, उनमें से 16.92 लाख ने उपस्थित होकर 14.96 लाख ने पास मार्क हासिल किए। लड़कियों ने 91.64% पास प्रतिशत हासिल किया, जबकि लड़कों का प्रतिशत 85.70% रहा। ट्रांसजेंडर वर्ग ने अद्भुत 100% पासिंग रेट प्रस्तुत किया।
क्षेत्रीय प्रदर्शन को देखें तो दिल्ली में 308,105 छात्र पंजीकृत हुए और उनमें से 291,962 ने पास किया, जिससे पास प्रतिशत 95.18% रहा। विदेशों में स्थित CBSE स्कूलों ने भी शानदार कर दिया; 21,825 छात्र पंजीकृत हुए, 21,782 ने परीक्षा दी और 20,694 ने पास किया, जिससे पास प्रतिशत 95.01% रहा। यह दिखाता है कि CBSE की शिक्षा प्रणाली ने राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सकारात्मक असर डाला है।
अंत में यह कहा जा सकता है कि CBSE ने वैकल्पिक परिणामों के प्रकाशन में समयसीमा का बहुत ही सटीक पालन किया। डिजिटल माध्यमों के एकीकरण से छात्रों का अनुभव आसान हो गया है और री-इवैल्यूएशन जैसी सुविधाओं से पारदर्शिता बढ़ी है। यदि आप अभी भी अपना परिणाम चेक नहीं कर पाए हैं, तो ऊपर बताए गए आधिकारिक पोर्टलों पर जाकर तुरंत चेक कर सकते हैं।
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