रोज़ाना खबरें इंडिया
  • अपने खोज कीवर्ड इनपुट करें और एंटर दबाएँ

नवीनतम समाचार

  • Ixigo IPO: जानें GMP, प्रमुख तिथियाँ, और क्या आपको निवेश करना चाहिए?

    जून, 10 2024 - व्यापार

  • अलेक्जेंडर ज्वेरेव: घरेलू हिंसा के मामले में निर्दोष, पूर्व गर्लफ्रेंड के साथ समझौता

    जून, 8 2024 - खेल

  • Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने उठाए कंपनी की समस्याओं और 2024 के बजट से उम्मीदों पर सवाल

    जुल॰, 8 2024 - व्यापार

  • आर्सेनल बनाम लिवरपूल: प्रीमियर लीग के रोमांचक मुकाबले का लाइव विश्लेषण

    अक्तू॰, 27 2024 - खेल

  • महाराष्ट्र की 'लाडला भाई योजना' से युवाओं को मिलेगा आर्थिक संबल, जानिए कैसे बनेगा आपके भविष्य का संबल

    जुल॰, 18 2024 - समाचार

श्रेणियाँ

  • खेल (67)
  • मनोरंजन (22)
  • व्यापार (21)
  • समाचार (18)
  • राजनीति (12)
  • धर्म संस्कृति (10)
  • टेक्नोलॉजी (10)
  • शिक्षा (8)
  • अंतरराष्ट्रीय (7)
  • पर्यावरण (5)

अभिलेखागार

  • अक्तूबर 2025 (5)
  • सितंबर 2025 (20)
  • अगस्त 2025 (2)
  • जुलाई 2025 (3)
  • जून 2025 (2)
  • मई 2025 (2)
  • अप्रैल 2025 (6)
  • मार्च 2025 (3)
  • फ़रवरी 2025 (5)
  • जनवरी 2025 (4)
  • दिसंबर 2024 (6)
  • नवंबर 2024 (10)

Google Gemini AI 3D फोटो–रेट्रो साड़ी ट्रेंड: लोकेशन, डेटा चोरी और ठगी से कैसे बचें

  1. आप यहां हैं:
  2. घर
  3. Google Gemini AI 3D फोटो–रेट्रो साड़ी ट्रेंड: लोकेशन, डेटा चोरी और ठगी से कैसे बचें
Google Gemini AI 3D फोटो–रेट्रो साड़ी ट्रेंड: लोकेशन, डेटा चोरी और ठगी से कैसे बचें
Shifa khatun Shifa khatun
  • 0

वायरल ट्रेंड मजेदार, लेकिन एक क्लिक में घर का पता भी खुल सकता है

सोशल मीडिया पर 3D फिगरिन जैसी चमकदार तस्वीरें और 90 के दशक की फिल्मी स्टाइल की रेट्रो साड़ी पोर्ट्रेट्स हर जगह दिख रही हैं। यही ट्रेंड ‘Nano Banana’ और ‘Banana AI Saree’ नाम से घूम रहा है, जिसे कई प्लेटफॉर्म्स ने Google Gemini AI की तकनीक से जोड़ कर प्रचारित किया है। यूज़र्स अपनी साधारण फोटो को ग्लॉसी स्किन, ड्रमैटिक शैडो, गोल्डन-ऑवर लाइटिंग और पुराने फिल्मी बैकड्रॉप के साथ बेहद सिनेमैटिक लुक में बदल रहे हैं—पोल्का-डॉट साड़ियाँ, ब्लैक पार्टी-वियर, सॉफ्ट फ्लोरल प्रिंट्स, सब कुछ।

पर मज़े के साथ खतरा भी है। निजी तस्वीरें अपलोड करने का मतलब है—चेहरा, बॉडी प्रोफाइल, बैकग्राउंड, और कई बार फोटो के अंदर छिपी लोकेशन जानकारी (EXIF/मेटाडेटा) किसी और के हाथ में जाना। विशेषज्ञ साफ कह रहे हैं: एक बार डेटा गलत वेबसाइट पर गया तो उसे वापस पाना मुश्किल हो जाता है। कुछ तबके ये भी चेतावनी दे रहे हैं कि ‘Gemini’ का नाम लेकर कई फेक साइट्स और ऐप्स यूज़र्स से तस्वीरें, कॉन्टैक्ट्स, एसएमएस परमिशन और पेमेंट डिटेल्स तक बटोर रहे हैं।

कानून-व्यवस्था एजेंसियों ने भी अलर्ट जारी किया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सज्जनार ने सोशल मीडिया पर कहा कि इंटरनेट के ट्रेंड्स के पीछे भागना महंगा पड़ सकता है—फर्जी साइट या ऐप में डाली गई जानकारी से बैंकिंग फ्रॉड तक हो जाते हैं। उनका संदेश सीधा है: डेटा आपका है, जिम्मेदारी भी आपकी।

एक और ज़रूरी बात—प्लेटफॉर्म की शर्तें। कई एआई सेवाएं अपलोड की गई तस्वीरों को “सेवा बेहतर करने” या “मॉडल ट्रेनिंग” के लिए इस्तेमाल करने का हक मांगती हैं। आप जल्दी में “Agree” दबाते हैं और आपकी सहमति दर्ज हो जाती है। भारत का डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट, 2023 सहमति-आधारित प्रोसेसिंग और बच्चों के डेटा पर सख्ती की बात करता है, लेकिन रोज़मर्रा में आपकी पहली सुरक्षा आपकी समझदारी ही है—खासकर तब जब तस्वीर किसी नाबालिग की हो।

खतरे, चेतावनियां और सुरक्षित रहने की चेकलिस्ट

खतरे, चेतावनियां और सुरक्षित रहने की चेकलिस्ट

सबसे पहले ये समझें कि फोटो के साथ क्या-क्या लीक हो सकता है।

  • लोकेशन मेटाडेटा: EXIF में GPS टैग हो सकता है—यानी घर/ऑफिस का पता, अक्सर जाने वाली जगहें।
  • चेहरा और पहचान: हाई-रेज़ फोटो फेस-रिकॉग्निशन डेटाबेस के लिए खजाना होती है। बाद में डीपफेक/इम्पर्सोनेशन में काम आ सकती है।
  • बैकग्राउंड से सुराग: स्कूल/कंपनी के लोगो, नेमप्लेट, स्ट्रीट साइन, टिकट, कैलेंडर—सब पहचान खोलते हैं।
  • फेक प्लेटफॉर्म: ‘Gemini’ या ‘Banana AI’ का नाम लेकर बनी साइट/ऐप OTP, UPI, कार्ड डिटेल्स, स्क्रीन-शेयरिंग जैसी चीजें मांग सकती हैं।

अब वही बातें जिन्हें अपनाकर आप जोखिम घटा सकते हैं।

1) फोटो अपलोड से पहले क्या चुनें

  • संवेदनशील फोटो न डालें—पासपोर्ट, आईडी कार्ड, वर्दी, बच्चों की क्लोज-अप तस्वीरें, घर के अंदरूनी हिस्से।
  • पब्लिक शेयरिंग से पहले चेहरा, टैटू, नाम-पट्टिका, गाड़ी का नंबर जैसे पहचान चिन्ह छिपा दें।
  • बैकग्राउंड में दिख रहे दस्तावेज़, दवाइयां, या महंगे गैजेट—इनसे भी बचें।

2) लोकेशन/मेटाडेटा हटाने के आसान तरीके

  • Android: कैमरा ऐप खोलें → सेटिंग्स → “Save location”/“Location tags” ऑफ कर दें। शेयर करते समय गैलरी में शेयर → “Remove location data” जैसा विकल्प हो तो उसे ऑन करें।
  • iPhone: Settings → Privacy & Security → Location Services → Camera → “Never” चुनें। फोटो शेयर करते समय Photos ऐप में शेयर → Options → Location को ऑफ करें।
  • डेस्कटॉप/लैपटॉप: फोटो की Properties/Info में जाकर Metadata/EXIF हटाएं। जरूरत पड़े तो भरोसेमंद ऑफलाइन टूल का इस्तेमाल करें।
  • जल्दी उपाय: फोटो का स्क्रीनशॉट लेकर शेयर करना भी EXIF हटाता है, पर क्वालिटी थोड़ी गिर सकती है।

3) असली प्लेटफॉर्म की पहचान कैसे करें

  • यूआरएल और डोमेन देखें—बेहद मिलते-जुलते स्पेलिंग वाले डोमेन्स, शॉर्ट लिंक या “.top/.xyz” पर संदेह करें।
  • ऐप इंस्टॉल से पहले—डेवलपर का नाम, डाउनलोड गिनती, रिव्यू पढ़ें। ऐप शुरू होते ही संपर्क, एसएमएस, कॉल-लॉग, स्क्रीन-रिकॉर्डिंग जैसी अनावश्यक परमिशन मांगे तो तुरंत रुकें।
  • ‘फ्री ट्रायल’ के नाम पर कार्ड/UPI ऑटो-डेबिट, अजीब सब्सक्रिप्शन, QR स्कैन या रिमोट-एक्सेस ऐप की मांग—ये लाल झंडे हैं।
  • ‘रिजल्ट तुरंत मिलेगा’ कहकर व्हाट्सऐप/टेलीग्राम पर फोटो भेजने को कहना—यह भी जोखिम भरा है।

4) शेयरिंग और दृश्यता पर नियंत्रण

  • AI-जनरेटेड इमेज पब्लिक पोस्ट करने से पहले ऑडियंस लिमिट करें—क्लोज़ फ्रेंड्स/प्राइवेट ग्रुप बेहतर हैं।
  • रील/शॉर्ट्स में अनजाने में लोकेशन टैग न जोड़ें।
  • रिवर्स-इमेज सर्च से समय-समय पर देखें कि आपकी तस्वीर कहीं और तो नहीं घूम रही।

5) अकाउंट सुरक्षा आदतें

  • मुख्य ईमेल/फोन से अलग एक ‘टेस्ट’ ईमेल बनाएं—इसी से ऐसे प्लेटफार्म पर साइन-अप करें।
  • हर जगह 2-स्टेप वेरिफिकेशन (2FA) ऑन रखें।
  • Google/Apple अकाउंट की “Third-party access” सेटिंग्स में जाकर समय-समय पर एक्सेस रद्द करें।

6) बच्चों और परिवार से जुड़ी सावधानियाँ

  • नाबालिगों की तस्वीरें अपलोड करने से बचें। DPDP एक्ट बच्चों के डेटा पर अधिक सतर्कता चाहता है—बेहतर है कि पब्लिक स्पेस में बच्चों की पहचान छिपी रहे।
  • परिवार की सामूहिक फोटो में भी स्कूल यूनिफॉर्म, जगहों के नाम और दिनचर्या न दिखें।

7) Google की सुरक्षा—कहाँ मदद, कहाँ कमी

Google ने AI-जनरेटेड/एडिटेड तस्वीरों में SynthID जैसे इनविज़िबल वॉटरमार्क और संबंधित मेटाडेटा जोड़ना शुरू किया है ताकि पारदर्शिता बढ़े। फायदे हैं—कंटेंट को “AI-जनरेटेड” बताने में मदद मिलती है। पर सीमाएँ भी हैं—पब्लिक डिटेक्शन टूल हर जगह उपलब्ध नहीं, एडिटिंग/री-एन्कोडिंग से वॉटरमार्क कमजोर पड़ सकता है, और सबसे अहम, वॉटरमार्क आपकी निजी फोटो को चोरी होने से नहीं रोकता। यानी यह पहचान का संकेत है, सुरक्षा कवच नहीं।

8) अगर गलती से फेक साइट पर अपलोड कर दिया तो?

  • तुरंत उस साइट/ऐप से लॉगआउट करें, पासवर्ड बदलें और किसी भी सेव्ड कार्ड/ऑटो-पे को बंद करें।
  • बैंक/UPI ऐप में ‘हॉटलिस्ट’/‘कार्ड ब्लॉक’ कराएं। संदिग्ध ट्रांजैक्शन दिखे तो तुरंत 1930 हेल्पलाइन या नज़दीकी साइबर सेल से संपर्क करें।
  • ईमेल/सोशल अकाउंट की सुरक्षा जांचें—रिकवरी ईमेल/फोन अपडेट करें, 2FA ऑन करें।
  • जिस प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया था, उसकी सेटिंग्स में जाकर डेटा डिलीट/अकाउंट डिएक्टिवेट का अनुरोध करें।
  • सोशल मीडिया से संदिग्ध पोस्ट हटवाएं और प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट दर्ज करें।

9) क्रिएटर्स के लिए प्रैक्टिकल टिप्स

  • AI फिल्टर का आउटपुट शेयर करना है तो कम-रेज़ वर्जन पोस्ट करें, हाइ-रेज़ अपने पास रखें।
  • ब्रांड/क्लाइंट के साथ काम कर रहे हैं तो क्लियर कंसेंट लें—खासकर तब जब फोटो किसी तीसरे व्यक्ति की हो।
  • डीपफेक जोखिम को देखते हुए ऑन-स्क्रीन डिस्क्लेमर/कैप्शन में “AI-एडिटेड/AI-स्टाइल्ड” लिखना पारदर्शिता बढ़ाता है।

ट्रेंड का आनंद लेना गलत नहीं है, पर सावधानी हटते ही ठगी की गुंजाइश बढ़ जाती है। फेक वेबसाइटें असली जैसी दिखती हैं, और एक क्लिक में लोकेशन, चेहरा, यहां तक कि बैंकिंग संकेत भी दे बैठते हैं। असली-नकली की पहचान, मेटाडेटा हटाना, सीमित शेयरिंग और मजबूत अकाउंट सिक्योरिटी—ये चार चीजें आपकी ढाल हैं। Google के वॉटरमार्क और नीतियाँ पारदर्शिता में मदद करती हैं, लेकिन आपकी डिजिटल स्वच्छता ही असली सुरक्षा है।

Shifa khatun

लेखक के बारे में

Shifa khatun

मैं एक स्वतंत्र पत्रकार हूँ जो भारत में दैनिक समाचारों के बारे में लिखती हूँ। मुझे लेखन और रिपोर्टिंग में गहरी रुचि है। मेरा उद्देश लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है। मैंने कई प्रमुख समाचार पत्रों और वेबसाइट्स के लिए काम किया है।

एक टिप्पणी लिखें

नवीनतम समाचार

  • Ixigo IPO: जानें GMP, प्रमुख तिथियाँ, और क्या आपको निवेश करना चाहिए?

    जून, 10 2024 - व्यापार

  • अलेक्जेंडर ज्वेरेव: घरेलू हिंसा के मामले में निर्दोष, पूर्व गर्लफ्रेंड के साथ समझौता

    जून, 8 2024 - खेल

  • Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने उठाए कंपनी की समस्याओं और 2024 के बजट से उम्मीदों पर सवाल

    जुल॰, 8 2024 - व्यापार

  • आर्सेनल बनाम लिवरपूल: प्रीमियर लीग के रोमांचक मुकाबले का लाइव विश्लेषण

    अक्तू॰, 27 2024 - खेल

  • महाराष्ट्र की 'लाडला भाई योजना' से युवाओं को मिलेगा आर्थिक संबल, जानिए कैसे बनेगा आपके भविष्य का संबल

    जुल॰, 18 2024 - समाचार

श्रेणियाँ

  • खेल (67)
  • मनोरंजन (22)
  • व्यापार (21)
  • समाचार (18)
  • राजनीति (12)
  • धर्म संस्कृति (10)
  • टेक्नोलॉजी (10)
  • शिक्षा (8)
  • अंतरराष्ट्रीय (7)
  • पर्यावरण (5)

अभिलेखागार

  • अक्तूबर 2025 (5)
  • सितंबर 2025 (20)
  • अगस्त 2025 (2)
  • जुलाई 2025 (3)
  • जून 2025 (2)
  • मई 2025 (2)
  • अप्रैल 2025 (6)
  • मार्च 2025 (3)
  • फ़रवरी 2025 (5)
  • जनवरी 2025 (4)
  • दिसंबर 2024 (6)
  • नवंबर 2024 (10)
रोज़ाना खबरें इंडिया

नवीनतम समाचार

  • Ixigo IPO: जानें GMP, प्रमुख तिथियाँ, और क्या आपको निवेश करना चाहिए?

    Ixigo IPO: जानें GMP, प्रमुख तिथियाँ, और क्या आपको निवेश करना चाहिए?

    जून 10 2024 - व्यापार

  • अलेक्जेंडर ज्वेरेव: घरेलू हिंसा के मामले में निर्दोष, पूर्व गर्लफ्रेंड के साथ समझौता

    अलेक्जेंडर ज्वेरेव: घरेलू हिंसा के मामले में निर्दोष, पूर्व गर्लफ्रेंड के साथ समझौता

    जून 8 2024 - खेल

  • Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने उठाए कंपनी की समस्याओं और 2024 के बजट से उम्मीदों पर सवाल

    Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने उठाए कंपनी की समस्याओं और 2024 के बजट से उम्मीदों पर सवाल

    जुल॰ 8 2024 - व्यापार

© 2025. सर्वाधिकार सुरक्षित|