वायरल ट्रेंड मजेदार, लेकिन एक क्लिक में घर का पता भी खुल सकता है
सोशल मीडिया पर 3D फिगरिन जैसी चमकदार तस्वीरें और 90 के दशक की फिल्मी स्टाइल की रेट्रो साड़ी पोर्ट्रेट्स हर जगह दिख रही हैं। यही ट्रेंड ‘Nano Banana’ और ‘Banana AI Saree’ नाम से घूम रहा है, जिसे कई प्लेटफॉर्म्स ने Google Gemini AI की तकनीक से जोड़ कर प्रचारित किया है। यूज़र्स अपनी साधारण फोटो को ग्लॉसी स्किन, ड्रमैटिक शैडो, गोल्डन-ऑवर लाइटिंग और पुराने फिल्मी बैकड्रॉप के साथ बेहद सिनेमैटिक लुक में बदल रहे हैं—पोल्का-डॉट साड़ियाँ, ब्लैक पार्टी-वियर, सॉफ्ट फ्लोरल प्रिंट्स, सब कुछ।
पर मज़े के साथ खतरा भी है। निजी तस्वीरें अपलोड करने का मतलब है—चेहरा, बॉडी प्रोफाइल, बैकग्राउंड, और कई बार फोटो के अंदर छिपी लोकेशन जानकारी (EXIF/मेटाडेटा) किसी और के हाथ में जाना। विशेषज्ञ साफ कह रहे हैं: एक बार डेटा गलत वेबसाइट पर गया तो उसे वापस पाना मुश्किल हो जाता है। कुछ तबके ये भी चेतावनी दे रहे हैं कि ‘Gemini’ का नाम लेकर कई फेक साइट्स और ऐप्स यूज़र्स से तस्वीरें, कॉन्टैक्ट्स, एसएमएस परमिशन और पेमेंट डिटेल्स तक बटोर रहे हैं।
कानून-व्यवस्था एजेंसियों ने भी अलर्ट जारी किया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सज्जनार ने सोशल मीडिया पर कहा कि इंटरनेट के ट्रेंड्स के पीछे भागना महंगा पड़ सकता है—फर्जी साइट या ऐप में डाली गई जानकारी से बैंकिंग फ्रॉड तक हो जाते हैं। उनका संदेश सीधा है: डेटा आपका है, जिम्मेदारी भी आपकी।
एक और ज़रूरी बात—प्लेटफॉर्म की शर्तें। कई एआई सेवाएं अपलोड की गई तस्वीरों को “सेवा बेहतर करने” या “मॉडल ट्रेनिंग” के लिए इस्तेमाल करने का हक मांगती हैं। आप जल्दी में “Agree” दबाते हैं और आपकी सहमति दर्ज हो जाती है। भारत का डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट, 2023 सहमति-आधारित प्रोसेसिंग और बच्चों के डेटा पर सख्ती की बात करता है, लेकिन रोज़मर्रा में आपकी पहली सुरक्षा आपकी समझदारी ही है—खासकर तब जब तस्वीर किसी नाबालिग की हो।
खतरे, चेतावनियां और सुरक्षित रहने की चेकलिस्ट
सबसे पहले ये समझें कि फोटो के साथ क्या-क्या लीक हो सकता है।
- लोकेशन मेटाडेटा: EXIF में GPS टैग हो सकता है—यानी घर/ऑफिस का पता, अक्सर जाने वाली जगहें।
- चेहरा और पहचान: हाई-रेज़ फोटो फेस-रिकॉग्निशन डेटाबेस के लिए खजाना होती है। बाद में डीपफेक/इम्पर्सोनेशन में काम आ सकती है।
- बैकग्राउंड से सुराग: स्कूल/कंपनी के लोगो, नेमप्लेट, स्ट्रीट साइन, टिकट, कैलेंडर—सब पहचान खोलते हैं।
- फेक प्लेटफॉर्म: ‘Gemini’ या ‘Banana AI’ का नाम लेकर बनी साइट/ऐप OTP, UPI, कार्ड डिटेल्स, स्क्रीन-शेयरिंग जैसी चीजें मांग सकती हैं।
अब वही बातें जिन्हें अपनाकर आप जोखिम घटा सकते हैं।
1) फोटो अपलोड से पहले क्या चुनें
- संवेदनशील फोटो न डालें—पासपोर्ट, आईडी कार्ड, वर्दी, बच्चों की क्लोज-अप तस्वीरें, घर के अंदरूनी हिस्से।
- पब्लिक शेयरिंग से पहले चेहरा, टैटू, नाम-पट्टिका, गाड़ी का नंबर जैसे पहचान चिन्ह छिपा दें।
- बैकग्राउंड में दिख रहे दस्तावेज़, दवाइयां, या महंगे गैजेट—इनसे भी बचें।
2) लोकेशन/मेटाडेटा हटाने के आसान तरीके
- Android: कैमरा ऐप खोलें → सेटिंग्स → “Save location”/“Location tags” ऑफ कर दें। शेयर करते समय गैलरी में शेयर → “Remove location data” जैसा विकल्प हो तो उसे ऑन करें।
- iPhone: Settings → Privacy & Security → Location Services → Camera → “Never” चुनें। फोटो शेयर करते समय Photos ऐप में शेयर → Options → Location को ऑफ करें।
- डेस्कटॉप/लैपटॉप: फोटो की Properties/Info में जाकर Metadata/EXIF हटाएं। जरूरत पड़े तो भरोसेमंद ऑफलाइन टूल का इस्तेमाल करें।
- जल्दी उपाय: फोटो का स्क्रीनशॉट लेकर शेयर करना भी EXIF हटाता है, पर क्वालिटी थोड़ी गिर सकती है।
3) असली प्लेटफॉर्म की पहचान कैसे करें
- यूआरएल और डोमेन देखें—बेहद मिलते-जुलते स्पेलिंग वाले डोमेन्स, शॉर्ट लिंक या “.top/.xyz” पर संदेह करें।
- ऐप इंस्टॉल से पहले—डेवलपर का नाम, डाउनलोड गिनती, रिव्यू पढ़ें। ऐप शुरू होते ही संपर्क, एसएमएस, कॉल-लॉग, स्क्रीन-रिकॉर्डिंग जैसी अनावश्यक परमिशन मांगे तो तुरंत रुकें।
- ‘फ्री ट्रायल’ के नाम पर कार्ड/UPI ऑटो-डेबिट, अजीब सब्सक्रिप्शन, QR स्कैन या रिमोट-एक्सेस ऐप की मांग—ये लाल झंडे हैं।
- ‘रिजल्ट तुरंत मिलेगा’ कहकर व्हाट्सऐप/टेलीग्राम पर फोटो भेजने को कहना—यह भी जोखिम भरा है।
4) शेयरिंग और दृश्यता पर नियंत्रण
- AI-जनरेटेड इमेज पब्लिक पोस्ट करने से पहले ऑडियंस लिमिट करें—क्लोज़ फ्रेंड्स/प्राइवेट ग्रुप बेहतर हैं।
- रील/शॉर्ट्स में अनजाने में लोकेशन टैग न जोड़ें।
- रिवर्स-इमेज सर्च से समय-समय पर देखें कि आपकी तस्वीर कहीं और तो नहीं घूम रही।
5) अकाउंट सुरक्षा आदतें
- मुख्य ईमेल/फोन से अलग एक ‘टेस्ट’ ईमेल बनाएं—इसी से ऐसे प्लेटफार्म पर साइन-अप करें।
- हर जगह 2-स्टेप वेरिफिकेशन (2FA) ऑन रखें।
- Google/Apple अकाउंट की “Third-party access” सेटिंग्स में जाकर समय-समय पर एक्सेस रद्द करें।
6) बच्चों और परिवार से जुड़ी सावधानियाँ
- नाबालिगों की तस्वीरें अपलोड करने से बचें। DPDP एक्ट बच्चों के डेटा पर अधिक सतर्कता चाहता है—बेहतर है कि पब्लिक स्पेस में बच्चों की पहचान छिपी रहे।
- परिवार की सामूहिक फोटो में भी स्कूल यूनिफॉर्म, जगहों के नाम और दिनचर्या न दिखें।
7) Google की सुरक्षा—कहाँ मदद, कहाँ कमी
Google ने AI-जनरेटेड/एडिटेड तस्वीरों में SynthID जैसे इनविज़िबल वॉटरमार्क और संबंधित मेटाडेटा जोड़ना शुरू किया है ताकि पारदर्शिता बढ़े। फायदे हैं—कंटेंट को “AI-जनरेटेड” बताने में मदद मिलती है। पर सीमाएँ भी हैं—पब्लिक डिटेक्शन टूल हर जगह उपलब्ध नहीं, एडिटिंग/री-एन्कोडिंग से वॉटरमार्क कमजोर पड़ सकता है, और सबसे अहम, वॉटरमार्क आपकी निजी फोटो को चोरी होने से नहीं रोकता। यानी यह पहचान का संकेत है, सुरक्षा कवच नहीं।
8) अगर गलती से फेक साइट पर अपलोड कर दिया तो?
- तुरंत उस साइट/ऐप से लॉगआउट करें, पासवर्ड बदलें और किसी भी सेव्ड कार्ड/ऑटो-पे को बंद करें।
- बैंक/UPI ऐप में ‘हॉटलिस्ट’/‘कार्ड ब्लॉक’ कराएं। संदिग्ध ट्रांजैक्शन दिखे तो तुरंत 1930 हेल्पलाइन या नज़दीकी साइबर सेल से संपर्क करें।
- ईमेल/सोशल अकाउंट की सुरक्षा जांचें—रिकवरी ईमेल/फोन अपडेट करें, 2FA ऑन करें।
- जिस प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया था, उसकी सेटिंग्स में जाकर डेटा डिलीट/अकाउंट डिएक्टिवेट का अनुरोध करें।
- सोशल मीडिया से संदिग्ध पोस्ट हटवाएं और प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट दर्ज करें।
9) क्रिएटर्स के लिए प्रैक्टिकल टिप्स
- AI फिल्टर का आउटपुट शेयर करना है तो कम-रेज़ वर्जन पोस्ट करें, हाइ-रेज़ अपने पास रखें।
- ब्रांड/क्लाइंट के साथ काम कर रहे हैं तो क्लियर कंसेंट लें—खासकर तब जब फोटो किसी तीसरे व्यक्ति की हो।
- डीपफेक जोखिम को देखते हुए ऑन-स्क्रीन डिस्क्लेमर/कैप्शन में “AI-एडिटेड/AI-स्टाइल्ड” लिखना पारदर्शिता बढ़ाता है।
ट्रेंड का आनंद लेना गलत नहीं है, पर सावधानी हटते ही ठगी की गुंजाइश बढ़ जाती है। फेक वेबसाइटें असली जैसी दिखती हैं, और एक क्लिक में लोकेशन, चेहरा, यहां तक कि बैंकिंग संकेत भी दे बैठते हैं। असली-नकली की पहचान, मेटाडेटा हटाना, सीमित शेयरिंग और मजबूत अकाउंट सिक्योरिटी—ये चार चीजें आपकी ढाल हैं। Google के वॉटरमार्क और नीतियाँ पारदर्शिता में मदद करती हैं, लेकिन आपकी डिजिटल स्वच्छता ही असली सुरक्षा है।
dinesh singare - 17 सितंबर 2025
ये सब ट्रेंड तो बस एक नया तरीका है लोगों को फंसाने का। एक क्लिक में आपकी तस्वीर डीपफेक बन जाती है, आपका घर का पता निकल जाता है, और फिर क्या? बैंक अकाउंट खाली। अब तो एआई से डरना नहीं, उसका गलत इस्तेमाल करने वालों से डरना है।
Sitara Nair - 18 सितंबर 2025
मैंने भी एक रेट्रो साड़ी वाली तस्वीर बनवाई थी 😍... लेकिन फिर ये आर्टिकल पढ़कर डर गई! मैंने तुरंत अपनी गैलरी से सारी फोटो डिलीट कर दीं और अब हर शेयर करने से पहले लोकेशन डिलीट करती हूँ 🙏📱... बच्चों की फोटो तो अब बिल्कुल नहीं डालती, बस फैमिली ग्रुप में ही रखती हूँ ❤️
Anuj Tripathi - 19 सितंबर 2025
इतना डर क्यों? फोटो शेयर करना तो ज़िंदगी का हिस्सा है... बस थोड़ा सा ध्यान रखो, लोकेशन बंद करो, स्क्रीनशॉट ले लो, और चलो आगे। अगर हर चीज़ के लिए डरना शुरू कर देंगे तो फिर इंटरनेट ही बंद कर देना चाहिए 😅
Ankit gurawaria - 19 सितंबर 2025
दोस्तों, ये सब बातें बिल्कुल सही हैं, लेकिन हम भारतीयों को अक्सर ये भूल जाते हैं कि जब तक हम अपनी डिजिटल आदतों को बदल नहीं लेंगे, तब तक कोई भी एक्ट या टेक्नोलॉजी हमें बचाने नहीं आएगी। आपकी फोटो आपकी है, आपकी जिम्मेदारी है, और आपकी समझदारी ही आपकी असली शील्ड है। एक छोटा सा बदलाव - लोकेशन ऑफ़ करना - आपको लाखों लोगों से बचा सकता है।
Ashish Shrestha - 20 सितंबर 2025
इस आर्टिकल का टाइटल ही गलत है। Google Gemini का नाम लेकर फेक साइट्स चल रही हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि Google खुद इसमें शामिल है। आपकी अनदेखी बातों को एक आर्टिकल में गूंथकर भय फैलाना बहुत आसान हो गया है। इस तरह के लेखों से लोगों को भ्रम होता है, न कि जागरूकता।
Mallikarjun Choukimath - 20 सितंबर 2025
हम आधुनिक युग में जी रहे हैं, जहाँ एक फोटो केवल एक छवि नहीं, बल्कि एक अस्तित्व का डेटाबेस है। जब आप अपनी तस्वीर को AI के सामने रखते हैं, तो आप अपने आप को एक अल्गोरिथ्म के सामने नंगा कर रहे हैं। और इस नंगेपन को व्यापारिक लाभ के लिए बेचा जा रहा है। यह न केवल डिजिटल अपराध है, बल्कि एक नए प्रकार का आधुनिक उपनिषद है - जहाँ अहंकार और अज्ञानता एक साथ नृत्य कर रहे हैं।
md najmuddin - 22 सितंबर 2025
बहुत अच्छा आर्टिकल! मैंने अपनी बेटी की फोटो एक बार शेयर की थी, और बाद में पता चला कि उसकी तस्वीर एक फेक ऐप में इस्तेमाल हो रही थी। अब मैं हर फोटो का स्क्रीनशॉट लेकर ही शेयर करता हूँ। और हाँ, 2FA तो मैंने सब जगह लगा दिया है। ये छोटी-छोटी आदतें ही बड़ी बचाव बनती हैं 🙌
Abhishek Abhishek - 23 सितंबर 2025
अगर आप इतना डरते हैं तो फोटो न खींचें। न तो बाहर जाएं, न फोन उठाएं, न ही इंटरनेट चलाएं। ये सब बकवास है। लोग अपने आप को बचाने की जगह बाहरी चीज़ों को दोष देने में व्यस्त हैं।
Priyanjit Ghosh - 23 सितंबर 2025
मैंने भी एक रेट्रो साड़ी वाली फोटो बनवाई थी... और फिर एक घंटे बाद एक फेक ऐप ने मुझे बताया कि मैंने एक फ्री ट्रायल का इस्तेमाल किया है और मेरा कार्ड ऑटो-डेबिट के लिए सेट है। अरे भाई, मैंने तो केवल एक फोटो अपलोड की थी! इतना आसानी से फंस जाना है कि अब तो मैं बस स्क्रीनशॉट लेकर ही शेयर करता हूँ 😅📱
Ravi Gurung - 25 सितंबर 2025
क्या ये सब सच है? मैंने तो बस एक फोटो डाली थी... अब तक कुछ नहीं हुआ। शायद इतना डरने की जरूरत नहीं है? बस अगर कुछ बदल गया तो तब सोच लेंगे।
Hiru Samanto - 25 सितंबर 2025
मैंने अपने फोन में location tag off kar diya hai... aur ab har photo share karne se pehle ek screen shot leta hoon... thoda time lagta hai par peace of mind milta hai 😊
Divya Anish - 26 सितंबर 2025
DPDP Act 2023 के बावजूद, हमारे देश में डिजिटल साक्षरता अभी भी बहुत कम है। यह आर्टिकल एक बहुत बड़ा कदम है - लेकिन इसे स्कूलों, पंचायतों, और गाँवों तक पहुँचाना जरूरी है। एक ग्रामीण महिला जो अपनी बेटी की पहली फोटो शेयर कर रही है, उसे ये जानकारी नहीं है। हमें इसे सरल भाषा में, वीडियो और ऑडियो के जरिए फैलाना होगा।
Avinash Shukla - 27 सितंबर 2025
मैंने आज अपने पुराने फोटोज़ को चेक किया... और पाया कि 12 फोटो में EXIF डेटा था। मैंने उन्हें सब हटा दिया। अब तो मैं अपने फोन में location services को camera ke liye never kar deta hoon। छोटी बातें, बड़ा असर।
Harsh Bhatt - 27 सितंबर 2025
तुम सब इतना डर रहे हो कि लगता है जैसे आप बच्चे हो। अगर तुम्हारी तस्वीर किसी के हाथ लग गई, तो फिर क्या? वो तुम्हें नहीं मारेगा। लेकिन तुम अपने आप को इतना कमजोर बना रहे हो कि अब तुम्हारी ज़िंदगी भी तुम्हारे हाथ में नहीं। जागो।
SANJAY SARKAR - 29 सितंबर 2025
kya ye sab sach hai? maine ek baar banana ai try kiya tha... kuch hua nahi... bas ek photo bani thi... abhi tak koi problem nahi