अहमदाबाद में 1.30 करोड़ की ठगी: नकली नोटों पर अनुपम खेर की तस्वीर का उपयोग
गुजरात के अहमदाबाद में एक बड़ा धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर की तस्वीर वाली नकली नोटों का उपयोग किया गया है। इस मामले में बुलियन व्यापारी मेहुल ठक्कर को 1.30 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया।
कैसे हुआ प्रतिभूति जमा का धोखा
ठगी की शुरूआत 23 सितंबर को हुई जब मेहुल ठक्कर को लक्ष्मी ज्वेलर्स के मैनेजर का फोन आया, जो पिछले 15 सालों से उनके व्यापारिक सहयोगी थे। मैनेजर ने 2 किलोग्राम 100 ग्राम सोने के लिए 1.60 करोड़ रुपये का सौदा प्रस्तावित किया, जिसे ठक्कर ने तुरंत स्वीकृति दी।
अगले दिन, मैनेजर ने ठक्कर से संपर्क करके कहा कि एक अन्य पार्टी को तुरंत सोना चाहिए और RTGS (Real Time Gross Settlement) कम्युनिकेशन मे अभी समस्या है। मैनेजर ने सुझाव दिया कि सोने के बदले सुरक्षा जमा रखवाई जाए और शेष राशि अगले दिन RTGS के माध्यम से भेजी जाएगी।
ठगों द्वारा तैयार किया गया प्लान
ठक्कर ने अपने कर्मचारी को सोना लेकर CG रोड पर स्थित एक अंगदिया फर्म में भेजा, जहाँ तीन लोग उपस्थित थे। उनमें से दो लोगों ने 1.30 करोड़ रुपये के नकदी जमा रख लिया और वादा किया कि शेष 30 लाख रुपये दूसरे कार्यालय से लाए जाएंगे।
सोने का हस्तांतरण करने के बाद, ठक्कर को पता चला कि दिए गए नोट नकली थे और उन पर महात्मा गांधी की जगह अनुपम खेर की तस्वीर छपी हुई थी। इसके साथ ही नोटों पर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का ठप्पा भी था।
पुलिस जाँच में मिली जानकारी
शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि अंगदिया फर्म दो दिन पहले ही स्थापित की गई थी। लक्ष्मी ज्वेलर्स को कॉल करने वाला व्यक्ति फोन बंद कर चुका था। पुलिस ने आस-पास के CCTV कैमरों की जांच की और ठगों को पकड़ने के लिए एक टीम का गठन किया।
अनुपम खेर की प्रतिक्रिया
बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने इस मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की। उन्होंने एक रिपोर्ट साझा करते हुए अपनी अविश्वास की स्थिति में कहा, 'कुछ भी हो सकता है।'
यह घटना न केवल व्यापारियों के बीच सतर्कता की आवश्यकता को रेखांकित करती है, बल्कि डिजिटल सुरक्षा उपायों की अहमियत को भी उजागर करती है। पुलिस जाँच में जुटी हुई है और जल्द ही इस ठगी के पीछे के अपराधियों को पकड़ने की कोशिशों में लगी हुई है।
ऐसे मामले अक्सर यह बताते हैं कि धोखेबाज किस हद तक जा सकते हैं। नकली नोटों के प्रचलन और अपराधियों के द्वारा नई और तकनीकी तौर पर उन्नत योजनाओं की मदद से अपराध को अंजाम देने के तरीकों को समझना, किसी भी व्यापारी या व्यक्ति के लिए बेहद जरूरी हो जाता है।
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