जब Tata Consultancy Services ने 9 अक्टूबर 2025 को अपना Q2 FY26 परिणाम घोषित किया, तो बाजार में हलचल मची। इस तिमाही में कंपनी का समेकित शुद्ध लाभ पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 5% बढ़कर ₹11,909 करोड़ पहुंचा, लेकिन विश्लेषकों के अनुमानित ₹12,450 करोड़ से कम रहा। राजस्व ऑपरेशन्स 8% बढ़कर ₹64,259 करोड़ हो गया, जबकि कंपनी ने 1:56:42 PM IST पर इंटरिम डिविडेंड ₹11 प्रति शेयर की घोषणा भी की।
पृष्ठभूमि और उद्योग परिप्रेक्ष्य
भारतीय आईटी सेक्टर का बाजार आकार लगभग $250 बिलियन बताया जाता है, और पिछले सालों में कई बड़ियां कंपनियों ने उछाल देखा था। लेकिन 2024‑25 में वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, यू.एस. में H‑1B वीज़ा फीस में वृद्धि, और जनरेटिव AI की तीव्र प्रगति ने इस गति को धीमा कर दिया। इस संदर्भ में TCS जैसा महाशक्ति कैसे प्रदर्शन कर रही है, यह सभी शेयरधारकों के लिये जिग्यासु प्रश्न बन गया।
परिणामों का विस्तृत विश्लेषण
प्रबंधन ने बताया कि राजस्व में 8% की बढ़ोतरी का मुख्य कारण क्लाउड, डिजिटल और AI‑संबंधित सेवाओं की वृद्धि है। फिर भी, लाभ में अनुमान से चूक का कारण दो कारक थे: एक तो बढ़ते हुए लेबर कॉस्ट, विशेषकर जूनियर टैलेंट के वेतन में दबाव, और दूसरा, कुछ बड़े यू.एस. क्लाइंट्स द्वारा प्रोजेक्ट खर्च में कटौती।
क्वॉर्टर‑ऑन‑क्वॉर्टर (QoQ) राजस्व में 3.7% की मामूली वृद्धि देखी गई, जबकि स्थिर मुद्रा (constant currency) आधार पर केवल 0.8% ही बढ़ा। यह धुंधला आंकड़ा दर्शाता है कि विदेशी मुद्रा के उतार‑चढ़ाव ने भी प्रभाव डाला। कंपनी ने Q1 FY26 में 613,000 कर्मचारियों के साथ 13.8% की प्रतिधारण (attrition) दर बताई, जो उद्योग औसत से थोड़ा ऊपर है।
क्वॉर्टर‑वर्सेज‑क्वॉर्टर (QoQ) लाभ में 1.3% की बढ़ोतरी के बावजूद, विश्लेषकों की अपेक्षाओं को पूरा न कर पाना इस बात का संकेत देता है कि निवेशकों ने प्रबंधन की टिप्पणी को अत्यधिक सावधानीपूर्वक पढ़ा।
बाज़ार की प्रतिक्रिया और विशेषज्ञ मत
परिणामों के बाद निफ्टी आईटी इंडेक्स में 1.8% की गिरावट दर्ज हुई, और साथ ही लाइटमाइंडट्री, इन्फोसिस, और विप्रो के शेयरों पर भी दबाव बना रहा। विशेष रूप से विप्रो और इन्फोसिस के ADRs क्रमशः 6% और 4% गिर गए।
इसी बीच, Dr. VK Vijayakumar, जो Geojit Financial Services में चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट हैं, ने कहा: “आईटी स्टॉक्स ने हाल के लो से रिकवरी तो देखी, पर अभी भी हवाएँ बहुत तेज़ हैं। कमाई की उम्मीदें म्यूटेड हैं, बैंकिंग क्लाइंट्स पर NIM दबाव और जनरेटिव AI का ट्रांज़िशन इस क्वॉर्टर को परिभाषित करेगा।”
साथ ही, कई ब्रोकरेज़ ने अपनी पूर्वानुमानित लाभ वृद्धि को 3.7‑9.6% के बीच रखा था, और राजस्व वृद्धि को 0.7‑2.2% के बीच अनुमानित किया था। HDFC Securities ने सबसे रूढ़िवादी लाभ दृष्टिकोण दिया, जबकि Nuvama ने सबसे आशावादी आंकड़े पेश किए।

भविष्य की संभावनाएँ और चुनौतियाँ
कंपनी के CEO K Krithivasan, CEO of Tata Consultancy Services ने कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, “हमारी यात्रा टैलेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर, इकोसिस्टम पार्टनरशिप और ग्राहक वैल्यू में साहसी ट्रांसफ़ॉर्मेशन से जुड़ी है। AI इन्फ्रास्ट्रक्चर बिज़नेस का निर्माण हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
यह बयान दर्शाता है कि TCS आगे भी AI‑केंद्रित सेवाओं में निवेश जारी रखेगा, जबकि लागत नियंत्रण के लिये पुनर्गठन और आउटसोर्सिंग मॉडल को भी पुनः परिभाषित करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि H‑1B फीस में वृद्धि, यू.एस. में निर्यात‑आधारित प्रोजेक्ट्स की मंदी, और संभावित प्रोटेक्टिविज़्म के कारण नई डील पाइपलाइन पर दबाव बना रहेगा।
आगामी तिमाही में निवेशकों के लिये मुख्य निगरानी बिंदु होंगे: कंपनी का आगे का मार्गदर्शन (guidance), AI‑सर्विसेज़ से जुड़ी नई अनुबंध, और भारत बाजार में माँग की गति। अगर इन संकेतकों में सुधार दिखता है, तो निफ्टी आईटी इंडेक्स की गिरावट उलट सकती है।
मुख्य तथ्य
- शुद्ध लाभ: ₹11,909 करोड़ (YoY +5%)
- राजस्व: ₹64,259 करोड़ (YoY +8%)
- इंटरिम डिविडेंड: ₹11 प्रति शेयर
- निफ्टी आईटी इंडेक्स में गिरावट: -1.8%
- मुख्य चुनौती: AI ट्रांसफ़ॉर्मेशन, लेबर कॉस्ट, यू.एस. मार्केट की देरी

आगे का रास्ता
अगले महीनों में TCS के लिए कई मोड़ आने वाले हैं। यदि कंपनी AI‑इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्रभावी रूप से स्केल कर पाती है, तो वह उच्च मार्जिन वाले प्रोजेक्ट्स जीत सकती है। दूसरी ओर, यदि यू.एस. बाजार में H‑1B फीस बढ़ती रहती है और आर्थिक अस्थिरता जारी रहती है, तो आइटी सेवाओं की मांग में कमी फिर से देखने को मिल सकती है। इस बीच, शेयरधारकों को कंपनी के मौजूदा डिविडेंड नीति और संभावित शेयर बाय‑बैक के संकेतों पर नज़र रखनी चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
TCS के लाभ में कमी का मुख्य कारण क्या बताया गया?
क्वॉर्टर में लाभ अनुमान से कम रहा क्योंकि लेबर कॉस्ट में बढ़ोतरी और कुछ प्रमुख यू.एस. क्लाइंट्स ने प्रोजेक्ट खर्च घटाया, जिससे मार्जिन पर दबाव बना।
क्या TCS ने भविष्य के लिए कोई नया लक्ष्य निर्धारित किया है?
CEO K Krithivasan ने AI‑इन्फ्रास्ट्रक्चर बिज़नेस में भारी निवेश का उल्लेख किया, और अगली तिमाही में राजस्व में कम से कम 5% की बढ़ोत्तरी की आशा व्यक्त की।
निफ्टी आईटी इंडेक्स में गिरावट का असर सामान्य निवेशकों पर कैसे पड़ेगा?
इंडेक्स में 1.8% की गिरावट से संबंधित आईटी शेयरों के मूल्य में दबाव आया, जिससे पोर्टफ़ोलियो में इन शेयरों का अनुपात कम हो सकता है; लेकिन डिविडेंड के कारण दीर्घकालिक निवेशकों को थोड़ा आराम मिला।
Geojit Financial Services के विश्लेषक ने इस क्वॉर्टर को कैसे वर्णित किया?
Dr. VK Vijayakumar ने कहा कि आईटी सेक्टर में कमाई की उम्मीदें म्यूटेड हैं, और जनरेटिव AI के ट्रांज़िशन से इस क्वॉर्टर में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
क्या इस परिणाम से TCS की अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा प्रभावित होगी?
यदि AI‑सेवा और लागत‑प्रबंधन में सुधार नहीं हो पाया, तो यूरोप और एशिया‑पैसिफ़िक के प्रतिस्पर्धी कंपनियों को डील जीतने का बेहतर मौका मिल सकता है। लेकिन मजबूत डिविडेंड नीति अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित रखेगी।
Seema Sharma - 10 अक्तूबर 2025
लगता है TCS ने AI‑इन्फ्रास्ट्रक्चर में अब पूरी ताकत लगा दी है। क्लाउड सर्विसेज़ के कारण राजस्व में 8% की बढ़ोतरी साफ़ दिख रही है, लेकिन लेबर कॉस्ट के दबाव ने लाभ को थोड़ा खींचा है। इंटरिम डिविडेंड ₹11 प्रति शेयर देना शेयरधारकों को थोड़ा राहत दिलाता है। भारत में टैलेंट पूल अभी भी मजबूत है, इसलिए अगर कंपनी स्किल‑अप में निवेश करेगी तो आगे के क्वॉर्टर में मार्जिन सुधर सकता है।
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बीच, यू.एस. क्लाइंट्स के प्रोजेक्ट कटौती को कम करने की रणनीति देखनी होगी।