दिसंबर की शुरुआत में झारखंड के कई हिस्सों में तापमान 6°C तक गिरने का अनुमान है, जिससे लोगों को 'हाड़ कंपाने वाली ठंड' का सामना करना पड़ सकता है। भारतीय मौसम विभाग ने 13 नवंबर, 2025 को जारी किए गए विस्तारित रेंज फॉरकास्ट के अनुसार, पहले सप्ताह (5-11 दिसंबर, 2025) में न्यूनतम तापमान 6°C से 13°C के बीच रह सकता है। यह आमतौर पर 10-15°C के रहने वाले झारखंड के दिसंबर के मौसम से काफी नीचे है। रांची, जमशेदपुर, धनबाद और बोकारो सहित सभी प्रमुख शहरों में सुबह के समय बर्फ जमने जैसी स्थिति बन सकती है।
क्या है इस ठंड का असली असर?
इस बार की ठंड सिर्फ ठंड नहीं, बल्कि एक विशेष घटना है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, पिछले सप्ताह झारखंड पर कोई बड़ी सिनैक्टिक विशेषताएं नहीं थीं — बस निचले ट्रोपोस्फीयर में उत्तर-उत्तर-पश्चिमी हवाएं बह रही थीं। इसका मतलब है कि उत्तरी भारत से आ रही ठंडी हवाएं बिना किसी रुकावट के झारखंड तक पहुंच रही हैं। यह वही तरीका है जिससे उत्तरी भारत में ठंडी लहरें आती हैं, लेकिन इस बार यह झारखंड के लिए असामान्य है।
जब तापमान 6°C तक गिरता है, तो लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी बदल जाती है। सुबह 5 बजे निकलने वाले स्कूल के बच्चे, बाजार जाने वाले व्यापारी, और दिनभर सड़क पर काम करने वाले मजदूर — सबको ठंड से लड़ना पड़ता है। रांची के एक राजमार्ग पर काम करने वाले रामनाथ सिंह कहते हैं, "पिछले साल भी 8°C रहा था, लेकिन इस बार लग रहा है जैसे हवा में सिर्फ ठंड ही नहीं, बर्फ के टुकड़े भी उड़ रहे हों।"
शहरों के अनुसार तापमान क्या है?
क्लाइमेट-डेटा.ऑर्ग के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड के प्रमुख शहरों में दिसंबर के दौरान न्यूनतम तापमान अलग-अलग होगा:
- रांची: न्यूनतम 10.5°C (50.9°F), लेकिन 5-11 दिसंबर के दौरान 6°C तक गिर सकता है
- जमशेदपुर: न्यूनतम 12.6°C (54.7°F), अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित
- धनबाद: न्यूनतम 11.8°C (53.3°F)
- बोकारो: न्यूनतम 10.9°C (51.6°F)
- देवघर: न्यूनतम 11.8°C (53.2°F)
इनमें से रांची और बोकारो सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, क्योंकि ये शहर ऊंचाई पर स्थित हैं। यहां बर्फ का आसानी से जमना संभव है।
क्या बारिश होगी?
एक बात जो आश्चर्यजनक है — दिसंबर के पूरे महीने में सिर्फ एक दिन बारिश होने की संभावना है। वेदर25.कॉम और एक्कूवेदर दोनों के अनुसार, झारखंड में 30 दिन बिल्कुल सूखे रहेंगे, और कुल वर्षा मात्रा केवल 21 मिलीमीटर होगी। यह दिसंबर के औसत से काफी कम है। इसका मतलब है कि ठंड नमी के साथ नहीं, बल्कि सूखी हवा के साथ आ रही है — जिससे त्वचा सूख जाती है, गले में खराश होती है, और सांस लेने में तकलीफ होती है।
सबसे ठंडा दिन कब होगा?
दिसंबर का सबसे ठंडा दिन 27 दिसंबर, 2025 हो सकता है, जब तापमान 8.9°C (48°F) तक गिर सकता है। लेकिन सबसे खतरनाक समय 5-11 दिसंबर है, क्योंकि इस दौरान तापमान 6°C तक गिर सकता है — जो लगभग जमाव के बिंदु के बराबर है। इस दौरान शहरों के बाहरी हिस्सों में जमीन पर बर्फ जम सकती है। रांची के एक चिकित्सक डॉ. अनुराधा मिश्रा कहती हैं, "हमने इस साल पहले से ही बच्चों और बुजुर्गों में श्वसन संबंधी बीमारियों में 30% बढ़ोतरी देखी है। अगर ठंड इतनी तेज हुई, तो अस्पतालों में भीड़ बढ़ जाएगी।"
इससे पहले क्या हुआ था?
2021 में भी झारखंड में दिसंबर के अंत में तापमान 7.2°C तक गिरा था, लेकिन वह एक दिन की घटना थी। इस बार, लगातार सात दिनों तक 6-8°C का तापमान रहने की संभावना है। यह वही स्थिति है जो आमतौर पर हिमालयी इलाकों में देखी जाती है — न कि झारखंड के दक्षिणी राज्य में।
अगले कदम क्या हैं?
राज्य सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक चेतावनी जारी नहीं की है, लेकिन डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ ने अस्पतालों को तैयार रहने का निर्देश दे दिया है। ग्रामीण इलाकों में लोगों को गर्म कपड़े, बिजली के हीटर और गर्म पानी के बर्तन तैयार रखने की सलाह दी जा रही है। स्कूलों के लिए सुबह की शुरुआत देर से करने की भी संभावना है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या झारखंड में बर्फ गिरने की संभावना है?
बर्फ गिरने की संभावना बहुत कम है, लेकिन सुबह के समय जमीन पर ओस जमकर बर्फ के जैसा दिख सकती है — विशेषकर रांची, बोकारो और देवघर जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में। यह बर्फ नहीं, बल्कि फ्रॉस्ट होगा। बर्फ के लिए नमी की कमी है, इसलिए बारिश या बर्फ गिरने की उम्मीद नहीं है।
इस ठंड से बच्चे और बुजुर्ग कैसे सुरक्षित रहें?
सुबह के 7 बजे तक बाहर निकलने से बचें। गर्म कपड़े पहनें, खासकर गर्दन, हाथ और पैर ढकें। घर में गर्म पानी के बर्तन रखें, और बच्चों को गर्म दूध या अदरक की चाय पिलाएं। बुजुर्गों के लिए घर में गर्मी बनाए रखना जरूरी है — बिजली के हीटर या बाल्टी में गर्म पानी भरकर रखने से भी मदद मिलती है।
क्या यह ठंड जल्द ही खत्म हो जाएगी?
दिसंबर के अंत तक तापमान धीरे-धीरे बढ़ने लगेगा, लेकिन 18 दिसंबर तक न्यूनतम तापमान 8°C से नीचे नहीं जाएगा। जनवरी की शुरुआत में फिर से ठंड का दौर आ सकता है, क्योंकि भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस साल उत्तरी भारत में ठंडी हवाओं का प्रवाह लंबे समय तक रहने की संभावना है।
क्या यह जलवायु परिवर्तन का हिस्सा है?
हां, यह एक असामान्य घटना है जो जलवायु परिवर्तन के संकेतों के साथ मेल खाती है। अब दक्षिणी भारत में भी अचानक ठंड और गर्मी के असामान्य उतार-चढ़ाव देखे जा रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तरी ध्रुव की गर्मी और जेट स्ट्रीम के विक्षेपण के कारण ठंडी हवाएं अचानक दक्षिण की ओर बहने लगी हैं।
क्या बाजार और व्यापार प्रभावित होंगे?
हां, बाजारों में गर्म कपड़े, हीटर, ऊन के रेशम और गर्म पेय की मांग बढ़ जाएगी। खासकर रांची और धनबाद में व्यापारियों ने पहले से ही गर्म कपड़ों का स्टॉक बढ़ा दिया है। लेकिन बाहरी व्यापार — जैसे बाजार जाने वाले दूध विक्रेता या बेचने वाले — को आय में कमी आ सकती है, क्योंकि लोग घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं।
क्या ट्रैफिक और सड़कों पर असर पड़ेगा?
हां, सुबह के समय रास्तों पर ओस जमकर फ्रॉस्ट बन सकता है, जिससे सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं। विशेषकर रांची-बोकारो और रांची-जमशेदपुर मार्गों पर दुर्घटनाओं की संभावना है। राज्य पुलिस ने ड्राइवर्स को धीमी गति से चलाने और टायर की ग्रिप चेक करने की सलाह दी है।