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जून 29 2024 - खेल
भाइयों और बहनों, अगर आप भगवान विष्णु को सही ढंग से सम्मान देना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिये है। हम यहाँ सरल शब्दों में समझाएँगे कि कब पूजा करनी चाहिए, क्या‑क्या चीज़ें चाहिए और कौन‑से मंत्र सबसे प्रभावी हैं। पढ़ते रहिए, फिर जल्दी ही आप अपनी खुद की पूजा कर पाएँगे बिना किसी झंझट के।
सबसे पहला सवाल अक्सर यही आता है – कौन से दिन विष्णु जी को पूजना सबसे अच्छा रहता है? शुक्ल पक्ष की एकादशी, पूर्णिमा या विशेष त्यौहार जैसे जन्माष्टमी पर विशेष महत्ता होती है। लेकिन अगर आपका समय नहीं मिलता तो हर रोज़ सुबह 6‑7 बजे सूर्योदय के साथ छोटा सा अलंकारिक पूजा भी चलती है।
पूजा करने का तरीका बहुत आसान है:
अब थोड़ा समय निकाल कर मन में एक‑एक करके भगवान विष्णु का स्मरण करें, उनके शांति और संरक्षण की कामना करें। यह छोटा सा सत्र आपके दिन को सकारात्मक ऊर्जा से भर देगा।
समग्री चुनते समय महंगे चीज़ों पर फोकस न रखें; साधारण चीजें भी ठीक रहती हैं। नीचे कुछ मुख्य वस्तुएँ दी गई हैं:
अब बात आती है मंत्रों की। सबसे लोकप्रिय विष्णु मंत्र है:
"ॐ नमो भगवत् वासुदेवाय"
इसे पाँच बार धीरे‑धीरे दोहराएँ, साथ में आँखें बंद करके गहरी साँस लें। अगर आप अधिक विस्तृत पूजा चाहते हैं तो श्लोक "श्री विष्णु सहस्रनाम“ भी पढ़ सकते हैं; इसे हर दिन एक भाग पढ़ना पर्याप्त है।
एक छोटी सी टिप – यदि आपके पास तुलसी का पत्ता नहीं है, तो कच्ची नींबू की फोल्ड भी काम चल सकती है। इससे पूजा में वैदिक ऊर्जा बनी रहती है और आप बिना रुकावट के प्रार्थना कर सकते हैं।
पूजा समाप्त करने से पहले सभी चीज़ें साफ‑सफाई करके रखें, फिर एक बार फिर दीपक को बुझाएँ और भगवान विष्णु को धन्यवाद दें। इस तरह की छोटी-छोटी आदतें आपके घर में शांति लाती हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव का कारण बनती हैं।
तो अब देर किस बात की? अपनी पसंदीदा समय पर इस सरल विधि को अपनाइए, मन में प्रेम और श्रद्धा रखें और देखें कैसे विष्णु जी आपकी जिंदगी में सुख‑समृद्धि लाते हैं। शुभकामनाएँ!
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