जब अमिताभ यश, कानपुर पुलिस कमिश्नर ने 8 अक्टूबर, 2025 को दोपहर 4:15 बजे (IST) मिषरी बाज़ार में हुए धमाके की पुष्टि की, तो पूरी यू.पी. में आश्चर्य की लहर दौड़ गई। उत्तर प्रदेश पुलिस ने तुरंत कहा कि विस्फोट का कारण उपद्रव‑सहित बत्तीस (फ़ायरक्रैकर्स) का अवैध भंडारण था, और इसमें कोई आतंकवादी लिंक नहीं है। घटना स्थल, जो कि कानपुर शहर के नोट‑पैटर्न वाले ‘मिषरी बाजार’ (या स्थानीय रिपोर्टों में ‘बिसातखाना बाज़ार’) के निकट स्थित है, इस धड़कन‑भरे समय में लोगों की रोज़मर्रा की खरीद‑फरोख्त को भी रोक‑पोत कर दिया।
घटना की पृष्ठभूमि और स्थल
कानपुर, उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी, लगभग 3 मिलियन (2021) की जनसंख्या वाला एक व्यस्त मेट्रो शहर है। मिषरी बाजार, जो 26.4499° N, 80.3319° E पर समन्वयित है, परम्परागत रूप से मिठाई‑विक्रेताओं, कपड़ा‑स्टालों और छोटे‑बड़े किराना दुकानों का केंद्र रहा है। दीवाली की पूर्वसप्ताह में बत्तीस का अनियमित भंडारण कई बार पुलिस के नोटिस में आया है, पर अब तक इस पर कोई कठोर कार्यवाही नहीं हुई थी। इस कारण से स्थानीय व्यापारी अक्सर बत्तीस को अपनी दुकान के पीछे के छोटे‑से कमरे में रखें, जिससे विस्फोट‑जोखिम बढ़ता है।
विस्तृत घटनाक्रम और तत्काल प्रतिक्रिया
घटना के तुरंत बाद, 8 अक्टूबर को 4:45 बजे आदि अलार्म सुनाई दिया। शुरुआती रिपोर्टों में दो अलग‑अलग चोटियों की संख्या आई: अमर उजाला ने पांच घायल बताए, जबकि एक अन्य हिंदी‑भाषी स्रोत ने आठ घायल, चार गंभीर स्थिति में दर्ज किए। इन भिन्नता के पीछे संभवतः प्रारंभिक सूचना‑प्रवाह में अंतर है, क्योंकि कुछ मौके पर स्थान पर मौजूद लोगों ने खुद ही विज़िटिंग टीम को बारी‑बारी से जानकारी दी।
जांच के दौरान पुष्टि हुई कि विस्फोट के स्रोत के रूप में एक स्कूटी (तScooter) में रखे बत्तीस के डिकम्पोज़िशन को पहचाना गया। यह विवरण केवल स्थानीय समाचार पोर्टल में आया, जबकि बिज़नेस स्टैण्डर्ड और अमर उजाला ने इसे नहीं माना।
जांच में शामिल प्रमुख एजेंसियां
विस्फोट के बाद ही राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), जो मनासर, हरियाणा में मुख्यालय रखता है, को तुरंत फोरेंसिक सहायता के लिये बुलाया गया। साथ ही उत्तर प्रदेश एंटी‑टेररिज्म स्क्वाड (ATS) के निदेशक जनरल अनिल कुमार ने टीम का नेतृत्व किया। दोनों एजेंसियों ने मिलकर बत्तीस के प्रकार, बोरिंग रसायन, और संभावित सप्लायर की पहचान के लिये जाँच शुरू की।
अन्य सहयोगी निकायों में नगर निगम की साँचा‑सुरक्षा टीम, मेडिकल कॉलोनी के एम्बुलेंस, और स्थानीय फ़ायर‑ब्रिगेड शामिल रहे। 9 अक्टूबर को 10:45 AM तक, सभी डेटा को एकत्र कर एक संयुक्त रिपोर्ट तैयार कर पुलिस प्रमुख को सौंप दी गई।
आँकड़े, चोटें और क्षति का आकलन
- घटना के समय: 8 अक्टूबर 2025, दोपहर 4:15 IST
- घायलों की संख्या: आधिकारिक रूप से 5 (अमर उजाला) वि 8 (अन्य स्रोत)
- गंभीर स्थितियों में: 4 (स्थानीय रिपोर्ट)
- संपत्ति क्षति: लगभग 2‑3 लाख रुपये का अनुमानित नुकसान, क्योंकि कई छोटे‑बड़े व्यापारिक स्टॉल को ध्वंस हुआ
- कुल जांच‑यात्रियों की संख्या: 12 सदस्य (NSG 5, ATS 4, UP Police 3)
आँकड़े के अनुसार, 2024 में भारत में बत्तीस‑संबंधित विस्फोटों की संख्या 47 थी, जिसमें उत्तर प्रदेश ने 12 मामलों की रिपोर्ट की थी। इस प्रवृत्ति ने राज्य सरकार को सख्त नियम लागू करने की वकालत करवाई, पर अब तक ऐसा नहीं हो पाया।
भविष्य की कार्यवाही और संभावित दंड
जांच जारी रहने के साथ, अधिकारी संभावित दंड के लिए 1908 का विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और भारतीय दण्ड संहिता की धारा 304 (हत्याकांड की सजा) व 337 (अपघातजन्य चोट) को लागू करने की संभावना जताते हैं। हालांकि, अभी तक कोई गिरफ्तारी या औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि बत्तीस भंडारण पर कड़ी नजर रखी जाएगी और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिये ‘रिवॉक’ (नीरिक्षण) योजना लागू की जाएगी। स्थानीय व्यापारी संघ ने भी बत्तीस‑विक्रेताओं से आग्रह किया है कि वे उचित लाइसेंस और संरक्षण के साथ ही व्यापार करें।
समुदाय और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
कानपुर के कई निवासी यह मानते हैं कि ‘समय के साथ सुरक्षित नहीं रहने वाला बत्तीस भंडारण’ ही ऐसा कारण है। स्थानीय डॉक्टर, डॉ. निर्मला सिंह, ने बताया कि अस्पताल में भर्ती हुए कई लोग गंभीर श्वास‑प्रश्वास समस्याओं से पीड़ित हैं, और दीर्घकालिक प्रभावों की जाँच अभी जारी है।
सुरक्षा विशेषज्ञ, प्रो. राजेश चव्हाण (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइबेरिज़्म) ने कहा, “ऐसे विस्फोट अक्सर बत्तीस‑रिकोवरी के गलत तरीके से होते हैं, जहाँ ओक्सीजन‑रिच वातावरण और उच्च तापमान के कारण अनियंत्रित रासायनिक प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है।” उन्होंने त्वरित समाधान के रूप में ‘संचित बत्तीस के लिये विशेष सुरक्षा कक्ष’ बनाने की सलाह दी।
आगे की देखरेख
जांच के अगले चरण में, NSG और ATS ने स्थान-पर‑विरुद्ध‑बट्टिस (रूढ़िवादी) ढाँचों की पहचान करने के लिये ड्रोन‑सर्वे लेन‑देन की योजना बनाई है। पुलिस आशा करती है कि अगले दो हफ़्तों में एक विस्तृत ‘इनक्वायरी रिपोर्ट’ तैयार होगी, जो न्यायालय में प्रस्तुत की जाएगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
केवल बत्तीस भंडारण के कारण यह विस्फोट हुआ, उसके पीछे कोई दुष्ट इरादा नहीं है?
हाँ, पुलिस ने स्पष्ट किया है कि विस्फोट का कारण अनधिकृत बत्तीस भंडारण था। अब तक कोई साक्ष्य नहीं मिला है जो इससे जुड़ी कोई आतंकवादी योजना दर्शाता हो।
इस विस्फोट में कितने लोग घायल हुए और उनकी स्थिति क्या है?
प्राथमिक रिपोर्टों में पाँच लोग घायल और चार गंभीर स्थिति में बताये गये, जबकि अन्य स्थानीय स्रोत ने आठ घायल, चार गंभीर बताया। अस्पताल ने बताया कि सभी को शुरुआती उपचार मिल चुका है, पर कुछ को ICU में देखना जारी है।
कानपुर पुलिस ने इस घटना के बाद किन कदमों की घोषणा की?
पुलिस ने कहा कि अब सभी बत्तीस भंडार पर कड़ी कार्रवाई होगी। भविष्य में बत्तीस विक्रेताओं को लाइसेंसिंग और सुरक्षित भंडारण के मानकों का पालन करना अनिवार्य रहेगा।
क्या इस घटना के लिये कोई कानूनी कार्रवाई की जा रही है?
जाँच जारी है और संभावित तौर पर 1908 के विस्फोटक पदार्थ अधिनियम तथा दण्ड संहिता की धारा 304 और 337 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिये क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं?
विशेष सुरक्षा कक्षों में बत्तीस का भंडारण, नियमित निरीक्षण, तथा सार्वजनिक जागरूकता अभियानों से ऐसी घटनाओं की संभावना घटेगी। विशेषज्ञों ने ड्रोन‑सर्वे और डिजिटल मॉनिटरिंग की भी सिफारिश की है।
Aman Jha - 9 अक्तूबर 2025
हमें लगता है कि इस तरह के बत्तीस भंडारण को कड़ा कानून बनाकर रोकना चाहिए। दीवाली के समय शॉपिंग और उत्सव की खुशी को बर्बाद नहीं होना चाहिए। सरकार को स्थानीय स्तर पर नियमित निरीक्षण करने चाहिए। साथ ही दुकानदारों को वैध लाइसेंस के बिना बत्तीस रखने से रोकना चाहिए। इस समस्या को सामुदायिक जागरूकता से भी हल किया जा सकता है।
Mahima Rathi - 9 अक्तूबर 2025
बस, फिर भी ऐसी छोटी‑सी गलती से सबको झंझट में डालते हैं 🙄
Jinky Gadores - 9 अक्तूबर 2025
क्या सोचते हैं लोग बत्तीस को ऐसी ढंग से रख सकते हैं यह तो बहुत बेतुका है सच्ची बात तो यह है कि बरे ही लोगों की लापरवाही से ही ऐसी दिक्कतें होती हैं आज भी कुछ लोग नियमों को नजरअंदाज करते हैं बेतहाशा नुकसान पहुंचाते हैं