शपथ ग्रहण – क्या है, क्यों महत्वपूर्ण और हाल की खबरें

जब भी नया मंत्री या राष्ट्रपति पद संभालता है तो सबसे पहले शपथ ग्रहण करता है। यह वह पल होता है जहाँ व्यक्ति आधिकारिक तौर पर अपनी जिम्मेदारी स्वीकार कर लेता है और जनता के सामने जवाबदेही जताता है। भारत में शपथ आमतौर पर संविधान द्वारा निर्धारित शब्दों के साथ ली जाती है, जिससे कानूनी रूप से पदधारी को शक्ति मिलती है।

शपथ ग्रहण का महत्व

शपथ सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है; यह लोकतंत्र की नींव को मजबूत करता है। जब कोई शपथ लेता है, तो वह देश के संविधान, कानून और जनता की सेवा करने की प्रतिज्ञा करता है। इस वजह से मीडिया, नागरिक समाज और विपक्षी पार्टियाँ भी इस कार्यक्रम पर करीब नजर रखती हैं—क्योंकि यहाँ से ही सरकार की दिशा तय होने लगती है।

शपथ के बाद नया अधिकारी तुरंत कार्य शुरू कर सकता है। अगर शपथ नहीं ली जाती तो वह पद अधूरा माना जाता है और कई बार कोर्ट में दायर किए जाने वाले मामले भी उत्पन्न हो सकते हैं। इसलिए हर शपथ को सही समय पर, सही शब्दों में करना ज़रूरी है।

हाल के प्रमुख शपथ समारोह

2024‑25 के चुनावों के बाद कई राज्यों और केंद्र सरकार ने बड़े पैमाने पर शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किए। सबसे बड़ी खबर नई दिल्ली की थी, जहाँ प्रधानमंत्री ने अपने काबिल मंत्रियों को एक साथ शपथ दिलाई। इस कार्यक्रम में विदेश से आए प्रमुख राजनयिक भी उपस्थित थे, जिससे भारत का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान बढ़ा।

राज्य स्तर पर उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ने अलग‑अलग समय पर शपथ ली। प्रत्येक समारोह में स्थानीय सांस्कृतिक प्रोग्राम, राष्ट्रीय गीत और वाद-विवाद सत्र भी होते हैं, जिससे जनता को अपने नेताओं से जुड़ने का मौका मिलता है।

कुछ बार शपथ ग्रहण में विवाद भी उभरते हैं—जैसे जब किसी राजनेता ने शब्दों को बदलकर कहा या कोई प्रमुख विपक्षी पार्टी इस प्रक्रिया को अस्वीकृत कर देती है। ऐसे मामलों में मीडिया विश्लेषण बहुत बढ़ जाता है और जनता के बीच चर्चा का विषय बन जाता है।

यदि आप शपथ ग्रहण से जुड़ी नवीनतम खबरें, कार्यक्रम की तिथि‑समय या किसी विशेष शपथ के बारे में जानकारी चाहते हैं तो हमारी साइट पर रोज़ाना अपडेट मिलता रहता है। यहाँ आपको न सिर्फ प्रमुख राजनेताओं की शपथ का सार मिलेगा, बल्कि यह भी पता चलेगा कि इस प्रक्रिया ने पिछले सालों में राजनीति को कैसे प्रभावित किया।

समाप्ति नहीं, शुरुआत है—शपथ ग्रहण के बाद ही नई नीति और योजनाएं बनती हैं। इसलिए जब आप अगली बार किसी शपथ समारोह को देखें, तो समझें कि यह सिर्फ एक औपचारिकता नहीं बल्कि भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।

पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए दिल्ली पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी; इन सड़कों से बचें

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के मद्देनज़र दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने विस्तृत ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। यह समारोह राष्ट्रपति भवन में शाम 7:15 बजे आयोजित होगा। इसमें बताया गया है कि कई मुख्य सड़कों पर यातायात प्रतिबंध रहेगा और जनता से सावधानीपूर्वक यात्रा की योजना बनाने की अपील की गई है।

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