लेवानडोव्स्की: सेल्फ‑ड्राइविंग दुनिया के बड़े खिलाड़ी का उदय और गिरावट

पेटर लेवानडोव्स्की नाम सुनते ही कई लोग उबर, वैइमो या गूगल की स्वायत्त कार परियोजनाओं को याद करते हैं। वह एक इंजीनियर था जिसने खुद‑चालित कारों के विकास में बड़ा हाथ बंटाया, लेकिन साथ ही कानूनी विवाद भी खींचे। अगर आप टेक जगत की खबरें पढ़ते रहते हैं तो आपने इस नाम को कई बार देखा होगा – कभी नवाचारी, कभी विवादित.

कैसे शुरू हुआ स्वायत्त कारों का सफ़र?

लेवानडोव्स्की ने अपनी करियर की शुरुआत मोटरोलॉजी में की और जल्दी ही सॉफ्टवेयर में गहरी दिलचस्पी ली। 2005 में उन्होंने अपने पहले स्टार्ट‑अप, बोस्टन डायनामिक कार, को स्थापित किया, जहाँ उसने छोटे रोबोटिक वाहनों पर काम किया। इस अनुभव ने उसे उबर की सेल्फ‑ड्राइविंग टीम में शामिल होने के लिए तैयार कर दिया। 2015 में लेवानडोव्स्की को उबर के स्वायत्त वाहन विभाग का प्रमुख बनाया गया और वह जल्द ही कंपनी के सबसे बड़े तकनीकी नेता बन गए।

उबर स्कैंडल: क्या हुआ था?

2017 में एक खबर ने सबका ध्यान खींचा – लेवानडोव्स्की ने उबर की टेस्ट कारों से सॉफ़्टवेयर को हटाकर अपना खुद का कोड डाल दिया। उन्होंने कहा कि इससे परीक्षण तेज़ हो जाएगा, पर यह कदम कई नियमों के खिलाफ था। नियामक एजेंसियों ने तुरंत जांच शुरू कर दी और 2018 में लेवानडोव्स्की को $1.3 मिलियन की जुरिस्डिक्शन फीस भरनी पड़ी। इस घटना ने स्वायत्त कारों की सुरक्षा, डेटा प्राइवेसी और कंपनियों के अंदरूनी नियंत्रण पर बड़ा सवाल उठाया।

उबर का यह मामला सिर्फ एक व्यक्तिगत गलती नहीं था; इसमें बड़ी कंपनियां कैसे नई तकनीक को जल्दी बाजार में लाने के लिए नियमों को नजरअंदाज कर सकती हैं, इसका भी खुलासा हुआ। कई विशेषज्ञों ने कहा कि ऐसे स्कैंडल से जनता का भरोसा टूटता है और भविष्य की एआई‑आधारित सवारी सेवाओं पर असर पड़ता है।

लेवानडोव्स्की को बाद में वैइमो (Waymo) के साथ जुड़ने का अवसर मिला, जहाँ उन्होंने फिर से स्वायत्त वाहन तकनीक को सुधारने की कोशिश की। लेकिन उबर स्कैंडल की छवि अभी भी उनके प्रोफ़ाइल पर बनी हुई है। इस कारण निवेशकों और नियामकों ने उनकी नई कंपनियों को कड़ा निगरानी में रखा है।

यदि आप टेक स्टार्ट‑अप या एआई सुरक्षा से जुड़े पेशेवर हैं, तो लेवानडोव्स्की का केस एक सीख देता है: नवाचार के साथ पारदर्शिता और कानूनी जिम्मेदारी भी जरूरी है। जब कोई कंपनी सार्वजनिक सड़कों पर बिना मानव ड्राइवर की कार चलाती है, तो हर कोड लाइन का परीक्षण, डेटा लॉगिंग और सरकारी अनुमति अनिवार्य होती है।

आख़िर में यह कहा जा सकता है कि लेवानडोव्स्की ने स्वायत्त वाहन उद्योग को तेज़ी से आगे बढ़ाया, पर साथ ही नियम‑पालन की कमी के कारण बड़ी बाधाएं भी पैदा कीं। उनके अनुभवों से हम सीख सकते हैं कि तकनीकी प्रगति में नैतिकता और सुरक्षा को बराबर महत्व देना चाहिए। भविष्य की कारें तभी सफल होंगी जब उनका विकास तेज़ हो, लेकिन सुरक्षित और भरोसेमंद भी रहे।

क्या आप अगली बार स्वायत्त कार के बारे में बात करेंगे? लेवानडोव्स्की की कहानी आपको याद दिलाएगी कि हर बड़ी प्रगति के पीछे जिम्मेदारी का बोझ भी रहता है।

बार्सिलोना बनाम सेविला: रॉबर्ट लेवानडोव्स्की के गोलों से बार्सिलोना ने बढ़ाई लीड

बार्सिलोना बनाम सेविला: रॉबर्ट लेवानडोव्स्की के गोलों से बार्सिलोना ने बढ़ाई लीड

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बार्सिलोना ने सेविला को 5-1 से हराकर ला लीगा में तीन अंकों की बढ़त बना ली है। रॉबर्ट लेवानडोव्स्की ने दो गोल किए, जिसमें से एक पेनाल्टी के रूप में आया। पे॑ड्री और पाब्लो टॉरे ने भी गोल करके टीम की स्थिति मजबूत की। सेविला के लिए स्टैनिस इडुम्बो ने 87वें मिनट में एक मात्र गोल किया, लेकिन बार्सिलोना ने अपनी बढ़त एक मिनट बाद फिर से चार गोल की कर दी।

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