गुरु पूर्णिमा 2025 – कब है, क्यों खास है और कैसे मनाएँ

अगर आप सोच रहे हैं कि इस साल गुरु पूर्णिमा कौन‑से दिन पड़ती है, तो पढ़िए यह लेख। हर साल शरद ऋतु में ज्यों ही चंद्रमा पूर्णिमापर पहुँचा, वैसे ही गुरु पौराणिक ज्ञान के प्रतीक गुरुओं को सम्मानित करने का मौका मिलता है। 2025 में यह त्यौहार 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन लोग अपने गुरुजनों की कृतज्ञता दिखाते हैं और ज्ञान के महत्व को याद करते हैं।

गुरु पूर्णिमा का इतिहास और आध्यात्मिक अर्थ

गुरु पौर्‍णिमां का जड़ें वैदिक संस्कृति में हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने अपने 12वें स्वरूप (महादेव) को अर्द्धनारीश्वर के रूप में प्रकट किया और ब्रह्मा, विष्णु और इंद्र को उपदेश दिया। इसलिए इसे ‘गुरु’ यानी शिक्षक का त्यौहार कहा गया। पुराणों में लिखा है कि इस दिन शिष्यों ने अपने गुरु को सम्मानित करने के लिए फूल और अक्षर‑अभ्यास अर्पित किया था। आज भी कई लोग इस दिन गुरुओं की शिक्षाओं को याद करके उनका आशीर्वाद लेते हैं।

गुरु पूर्णिमा मनाने की सरल विधि

अगर आप पहली बार गुरु पौर्‍णिमां मना रहे हैं, तो नीचे दी गई आसान स्टेप्स फॉलो करें:

  • सुबहे स्नान और शुद्धिकरण: सुबह जल्दी उठ कर साफ‑सफाई से नहाएँ। इससे मन शांत रहता है।
  • गुरु का चित्र या मूर्ति स्थापित करें: अगर आपके घर में कोई गुरु की तस्वीर नहीं है, तो बस एक छोटा पवित्र स्थान बनाकर उसमें दीप जलाएँ।
  • संकल्प और मंत्र: “ॐ गुरुब्रह्मणि सदा स्वाहा” का जाप 108 बार करें या अपने मनपसंद गुरु मंत्र दोहराएँ।
  • भेंट चढ़ावें: फूल, मिठाई (जैसे लड्डू) और फल रखें। यह छोटे‑छोटे भेंटों से गुरुओं को सम्मान मिलता है।
  • विधि समाप्ति पर प्रसाद वितरित करें: घर के सभी लोग या पड़ोसी इस प्रसाद को बाँटें, इससे सामाजिक बंधन मजबूत होते हैं।

इन चरणों में कोई जटिल रिवाज नहीं है, बस दिल से किया गया सम्मान ही महत्वपूर्ण है। अगर आप छात्र हैं तो अपने गुरु के प्रति कृतज्ञता लिखकर एक छोटा पत्र भी दे सकते हैं। यह भावनात्मक जुड़ाव को और गहरा बनाता है।

गुरु पौर्‍णिमां के दिन कई शहरों में विशेष कार्यक्रम होते हैं—भजन‑कीर्तन, धार्मिक प्रवचन और शास्त्र पाठ। अगर आप भाग लेना चाहते हैं तो अपने नजदीकी मंदिर या संस्कृति केंद्र से समय की जानकारी ले लीजिए।

ध्यान रहे कि इस त्यौहार का असली मकसद ज्ञान को बढ़ावा देना है, इसलिए केवल बाहरी रीति‑रिवाजों पर नहीं, बल्कि स्वयं में सुधार करने के प्रयास पर ध्यान दें। पढ़ाई, नई स्किल सीखना या जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना भी गुरु पौर्‍णिमां की सच्ची भावना है।

अंत में एक बात याद रखें—गुरु केवल स्कूल‑कॉलेज के प्रोफेसर नहीं होते, वे हमारे परिवार, मित्र और अनुभवों से भी मिलते हैं। इस 23 अक्टूबर को आप अपने जीवन में ऐसे सभी ‘गुरुओं’ को सम्मान दें जो आपको आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। शुभ गुरु पौर्‍णिमां!

गुरु पूर्णिमा 2024: सर्वश्रेष्ठ शुभकामनाएँ, चित्र, उद्धरण, एसएमएस, व्हाट्सएप और फेसबुक स्टेटस से करें अपने गुरुओं का सम्मान

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गुरु पूर्णिमा, जो 21 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी, हिंदुओं, जैनों और बौद्धों के लिए महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार गौतम बुद्ध के सारनाथ में पहले उपदेश और महर्षि वेदव्यास के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह दिन गुरुओं और शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए समर्पित है।

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