भीषण गर्मी की मार: उत्तर भारत में तापमान 50°C के पार
एक ओर जहां उत्तर और मध्य भारत भीषण गर्मी की चपेट में हैं, वहीं तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर पहुंच चुका है। इस समय देश के विभिन्न भागों में अत्यधिक गर्मी के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
इस बार की गर्मी अब तक की सबसे ज्यादा दर्ज की गई है, जिसमें 37 से अधिक शहरों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर हो गया है। दिल्ली के नरेला और मुंगेशपुर जैसे इलाकों में तापमान 49.9 डिग्री सेल्सियस पार कर गया है, जिसके चलते यहां गंभीर हीटवेव की चेतावनी जारी की गई है।
दिल्ली में न्यायिक कार्य और हीटवेव
हीटवेव का प्रभाव सिर्फ आम जनता पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि न्यायपालिका को भी इससे जूझना पड़ा है। दिल्ली की एक उपभोक्ता अदालत को सुनवाई स्थगित करनी पड़ी क्योंकि वहां पर एयर कंडीशनिंग की सुविधा नहीं थी। यह स्थिति दर्शाती है कि भीषण गर्मी का कितना व्यापक प्रभाव हो सकता है।
राजस्थान और हरियाणा के 'हॉट स्पॉट'
राजस्थान के चुरू और हरियाणा के सिरसा में स्थिति और भी गंभीर है, यहां तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर चला गया है। ऐसे में यहां के लोग आग बरसाती सूरज की तपिश का सामना करने में बेबस नजर आए। राजस्थान की राजधानी जयपुर में हीट स्ट्रोक से तीन लोगों की मौत की खबर है, जिससे स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि इस वर्ष देश को और भी लंबी और तीव्र हीटवेव का सामना करना पड़ सकता है। जून महीने में भी तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना जताई जा रही है।
इसके साथ ही, IMD ने इस बार की मानसून की संभावनाओं पर भी दृष्टि डाली है। उन्होंने कहा है कि इस साल मानसून की बारिश सामान्य से अधिक हो सकती है और 31 मई को केरल के तट पर इसका पहला आघमन होने की संभावना है।
गर्मी से सुरक्षा के उपाय
गर्मी की इन गंभीर परिस्थितियों में स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कुछ महत्वपूर्ण उपाय किए जा सकते हैं:
- बाहर जाने से बचें, विशेषकर दोपहर के समय जब सूरज की तपिश सबसे ज्यादा होती है।
- घर के अंदर ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं और एयर कूलिंग उपायों का उपयोग करें।
- पानी और अन्य तरल पदार्थ का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें ताकि शरीर में जल की कमी न हो।
- हल्के और सूती कपड़े पहनें जो शरीर को ठंडक प्रदान कर सकें।
यह समय अत्यधिक सावधानी और सतर्कता का है। गर्मी से बचने के इन उपायों को अपनाकर हम खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
भविष्य के लिए तैयारी
भविष्य में इस प्रकार की भीषण गर्मी से निपटने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करना आवश्यक है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि आम जनता के जनजीवन और स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
हीटवेव की इन परिस्थितियों में ठंडक की छांव पाने और प्राकृतिक जल स्रोतों का संरक्षण करना भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
यह खबर हमें यह सिखाती है कि मौसम के बदलाव के साथ हमें भी अपने जीवनशैली में बदलाव लाने होंगे। अत्यधिक गर्मी से बचने के लिए ठोस उपाय और सावधानी बरतना अब जरूरी हो गया है।
Vishakha Shelar - 31 मई 2024
ये गर्मी तो जिंदगी नहीं, जुल्म है 😭🔥
Rashmi Naik - 31 मई 2024
इस हीटवेव को एक अर्थव्यवस्था के अंतर्गत नहीं, बल्कि एक क्लाइमेट रिस्क फ्रेमवर्क में देखना चाहिए - जिसमें एडाप्टेशन कैपेसिटी कम है और इंफ्रास्ट्रक्चरल रिसिलिएंस नगण्य है।
Ayush Sharma - 2 जून 2024
मैंने आज सुबह 48 डिग्री में बाइक से जाते हुए देखा कि एक आदमी गले में बर्फ का टुकड़ा लिए घूम रहा था। ये देश है भाई।
charan j - 4 जून 2024
क्या बकवास है ये सब लेख। गर्मी होती है तो क्या करें जाने दो। अब तक जिंदा हैं ना।
Kotni Sachin - 5 जून 2024
कृपया ध्यान दें: बाहर निकलने के बजाय, घर में ही ठंडे जगहों पर रहें, पानी पिएं, और अपने शरीर को आराम दें - ये बहुत सरल बातें हैं, लेकिन इनका पालन करना बहुत जरूरी है।
Nathan Allano - 6 जून 2024
मैंने अपने गांव में एक आम आदमी को देखा जो अपने छत पर बर्फ के टुकड़े रखकर उन्हें बाहर ले जाता था - उसके पास एयर कंडीशनर नहीं था, लेकिन उसने अपने तरीके से जीवन बचाने की कोशिश की। हमें भी ऐसे लोगों की ताकत को समझना चाहिए।
Guru s20 - 7 जून 2024
मैं दिल्ली में रहता हूं और आज सुबह एक बस स्टॉप पर एक बूढ़ी दादी बिना पानी के बैठी थीं। मैंने उन्हें पानी दिया। इस गर्मी में एक छोटी सी मदद भी बहुत बड़ी हो जाती है।
Raj Kamal - 7 जून 2024
अगर हम देखें तो ये गर्मी केवल एक मौसमी घटना नहीं है, ये एक सिस्टमिक फेलियर है - जहां शहरी योजनाओं में ग्रीन स्पेस कम है, बिजली की आपूर्ति अस्थिर है, और स्वास्थ्य सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग अनुपलब्ध हैं। इसका समाधान एक दिन में नहीं होगा, लेकिन इसके लिए हमें लंबे समय तक एक अनुकूलित नीति बनानी होगी जो जनजीवन को शामिल करे।
Rahul Raipurkar - 9 जून 2024
मौसम बदल रहा है, लेकिन क्या हमारी चेतना बदल रही है? या हम अभी भी एक उपभोक्ता सभ्यता में फंसे हुए हैं जो आराम के लिए एयर कंडीशनर की आदत डाल चुकी है?
PK Bhardwaj - 9 जून 2024
हीटवेव के साथ एनर्जी डिमांड की बढ़ती लॉगिस्टिक्स एक क्रिटिकल पॉइंट है - अगर बिजली की आपूर्ति बाधित होती है, तो अस्पतालों में भी लाइफ सपोर्ट सिस्टम फेल हो सकते हैं। ये एक सिस्टम-लेवल रिस्क है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
Soumita Banerjee - 10 जून 2024
मैंने इस लेख को पढ़ा। बहुत सामान्य बातें। जैसे कोई लिखे कि 'पानी पिएं'। क्या ये खबर है या एक बच्चों की नीति?
Navneet Raj - 10 जून 2024
अगर आपके घर में एयर कंडीशनर नहीं है, तो एक बाल्टी में पानी रखकर उसके ऊपर एक गीला कपड़ा डाल दें - ये बहुत असरदार होता है। ये तकनीक हमारे पूर्वज भी इस्तेमाल करते थे।
Neel Shah - 10 जून 2024
मानसून जल्दी आएगा... लेकिन फिर भी ये गर्मी क्यों? 🌞❄️ ये सब जलवायु परिवर्तन है ना? मैंने ट्विटर पर एक डॉक्टर ने लिखा था कि ये तो सिर्फ शुरुआत है... 😥
shweta zingade - 11 जून 2024
मैंने अपने गांव के बच्चों को गर्मी में पानी पिलाने के लिए एक छोटी सी फ्री वॉटर स्टॉल शुरू की है। अगर आप भी कर सकते हैं, तो कर लीजिए - एक बोतल पानी एक जिंदगी बचा सकती है! 💪💧
Pooja Nagraj - 13 जून 2024
हमारी सभ्यता ने अपने आप को अत्यधिक उपभोग के लिए तैयार कर लिया है। जब प्रकृति अपना बदलाव लाती है, तो हम अपने आराम के लिए रोने लगते हैं। यही है हमारी नैतिक असफलता।
Nathan Allano - 15 जून 2024
ये जो श्वेता जी ने बताया, उसका विचार बहुत अच्छा है। मैंने भी अपने इलाके में एक गरीब परिवार को एक छोटा सा शेड बनाकर दिया था। बस एक छत और दीवारें - लेकिन उनके लिए ये जिंदगी बचाने वाला था।