गेट की चेन टूटना: कारण और आसान समाधान

घर का गेट अक्सर रोज़ इस्तेमाल में रहता है, लेकिन कई बार चेन अचानक टुट जाती है। इससे सुरक्षा खतरे में पड़ती है और ठीक‑ठाक चलाने में दिक्कत होती है। अगर आप भी ऐसी समस्या से जूझ रहे हैं तो पढ़िए ये आसान टिप्स—आपको फिर कभी परेशानी नहीं होगी।

चेन टूटने के आम कारण

पहला कारण है खराब क्वालिटी का मेटल. सस्ते लोहे में ज़्यादा झुर्रियां होती हैं, इसलिए धातु थक कर टुट जाती है। दूसरा कारण है सही लुब्रीकेशन न होना. जब चेन पर गंदगी या जंग जमा हो जाए तो घिसाव बढ़ जाता है और अचानक फट सकती है। तीसरा अक्सर होता है अधिक वजन या झटके—जैसे भारी वस्तु को खींचना या तेज़ हवा में गेट खोलना। इन सबको समझकर आप पहले से रोकथाम कर सकते हैं।

रोकथाम और मरम्मत के सरल उपाय

सबसे आसान तरीका है नियमित सफाई. हर महीने एक बार चेन को हल्के साबुन वाले पानी में धोएँ, फिर सूखा कपड़ा से पोंछें। इसके बाद तेल या ग्रिस लगाएँ ताकि घर्षण कम हो और जंग न लगे। अगर कहीं छोटा‑सा फ्रैक्चर दिखे तो वेल्डिंग या सॉलिड रिवेट से ठीक कर सकते हैं—यह काम आप खुद भी कर सकते हैं या स्थानीय लोहार को दे सकते हैं। बड़ी टूटन के लिए चेन बदलना ही बेहतर है; बाजार में स्टील की मजबूत चेन आसानी से मिलती है, कीमत भी किफ़ायती रहती है।

एक और टिप: गेट खोलते‑बंद करते समय समान गति रखें. अचानक तेज़ खींचाव ना करें, खासकर बारिश या बर्फ के मौसम में जहाँ जंग जल्दी बढ़ती है। अगर गेट का पिवट ठीक नहीं लग रहा तो उसे भी जांचें—खराब पिवट चेन पर अनावश्यक दबाव डालता है। छोटा‑छोटा निरीक्षण करके आप बड़े खर्चे से बच सकते हैं।

अगर आपने ऊपर बताई गई देखभाल नहीं की और फिर भी समस्या बनी रहती है, तो प्रोफ़ेशनल सर्विस को बुलाना समझदारी होगी। कई कंपनियां घर पर आकर पूरी जांच कर देती हैं और आवश्यक पार्ट्स बदल देती हैं। इस तरह आप समय बचाते हैं और गेट की सुरक्षा भरोसेमंद बनती है।

सारांश में, चेन टूटना आम समस्या है लेकिन नियमित सफाई, लुब्रीकेशन और सही उपयोग से इसे रोका जा सकता है। जब भी छोटी‑छोटी खामियां दिखें, तुरंत सुधारें—बाद में बड़ा खर्च नहीं करना पड़ेगा। अब आप जानते हैं कि गेट की चेन को कैसे स्वस्थ रखें और अपने घर की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

तुंगभद्रा डैम में गेट की चेन टूटने से भारी मात्रा में पानी का रिसाव, 70 वर्षों में पहली बड़ी विफलता

तुंगभद्रा डैम में गेट की चेन टूटने से भारी मात्रा में पानी का रिसाव, 70 वर्षों में पहली बड़ी विफलता

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कर्नाटक के तुंगभद्रा डैम में शनिवार की आधी रात को 19वें गेट की चेन टूटने से 35,000 क्यूसेक पानी अचानक नदी में छोड़ दिया गया। डैम के 70 वर्षों के इतिहास में यह पहली बड़ी विफलता है। अधिकारी 60 टीएमसी फीट पानी छोड़ने के बाद ही मरम्मत कार्य शुरू कर सकते हैं।

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