भारतीय फ़ार्मा उद्योग का जलवा

भारत का दवा बाजार पिछले दस साल में दो गुना हो गया है। छोटे‑से‑छोटे शहरों तक नई दवाओं की पहुँच बन रही है और रोज़गार के अवसर बढ़ रहे हैं। अगर आप इस सेक्टर में करियर या निवेश सोचते हैं तो यही सही समय है, क्योंकि कंपनियों को नई प्रोडक्ट लाइन्स और एक्सपोर्ट मार्केट्स का फ़ायदा उठाना है।

बढ़ती एक्सपोर्ट और ग्लोबल पोज़िशन

भारत अब सिर्फ घरेलू बाजार नहीं, बल्कि विश्व के बड़े दवा आयातकों का भरोसेमंद सप्लायर बन रहा है। यूएसए, यूरोप और अफ्रीका में भारतीय जेनरिक दवाओं की मांग लगातार बढ़ रही है। इस वजह से कई कंपनियों ने उत्पादन यूनिट्स को आधुनिक मशीनरी से लैस किया है, जिससे क्वालिटी भी सुधरी है और लागत कम हुई है। परिणामस्वरूप, भारत का फार्मा निर्यात 2024 में लगभग $20 बिलियन तक पहुँच गया।

चुनौतियाँ और सुधार के कदम

तेज़ी के साथ कुछ समस्याएँ भी सामने आई हैं – कच्चे माल की कीमतें, नियामक बाधाएँ और दवा की मूल्य नियंत्रण नीति। सरकार ने इन मुद्दों को हल करने के लिए नई नीतियां पेश की हैं: रीसाइक्लिंग प्रोग्राम, क्लीन रूम मानकों का सख़्त पालन और स्टार्ट‑अप्स को फंडिंग आसान बनाना। अगर आप एक नया फ़ार्मा व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो ये बदलाव मददगार रहेंगे।

उपभोक्ताओं के लिए सबसे बड़ी खबर यह है कि अब अधिकतर दवाएँ ऑनलाइन भी उपलब्ध हो रही हैं, और भरोसेमंद प्लेटफ़ॉर्म्स ने क्वालिटी चेक को कड़ा किया है। इससे मरीजों को सस्ती जेनरिक दवाएँ जल्दी मिलती हैं और नकली प्रोडक्ट की समस्या घटती जा रही है।

रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) में भी निवेश बढ़ रहा है। कई बड़े फ़ार्मा कंपनियों ने भारत में बायोटेक क्लस्टर्स बनाए हैं जहाँ वैक्सीन, बायोलॉजिक्स और एंटी‑कैंसर ड्रग्स पर काम हो रहा है। यह न केवल नई दवाएँ लाता है, बल्कि वैज्ञानिकों को भी बेहतर रोजगार देता है।

अगर आप इस इंडस्ट्री में नौकरी ढूंढ रहे हैं तो क्वालिफ़िकेशन की बात आसान है – फार्मास्युटिकल साइंस, बायो‑टेक्नोलॉजी या मैनेजमेंट में डिग्री रखने वाले लोगों को कंपनियाँ जल्दी हायर कर रही हैं। साथ ही, प्रैक्टिकल इंटर्नशिप और ऑन‑द‑जॉब ट्रेनिंग से स्किल्स अपग्रेड करना फायदेमंद रहेगा।

संक्षेप में, भारत का फ़ार्मा सेक्टर बढ़ रहा है, नई टेक्नोलॉजी और एक्सपोर्ट के कारण अवसर भी कई हैं। चुनौतियों को देखते हुए सरकारी पहलें मददगार हैं, इसलिए इस समय इसमें कदम रखना समझदारी होगी।

Sanstar IPO का धमाकेदार आगाज: क्या करें निवेशक - होल्ड या सेल?

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Sanstar IPO ने शेयर बाजार में 15% प्रीमियम के साथ धमाकेदार शुरुआत की है। शेयरों की लिस्टिंग ₹227 पर हुई, जो ₹197 के इश्यू प्राइस से काफी अधिक है। कंपनी ने IPO के माध्यम से ₹1,272 करोड़ जुटाए हैं। विशेषज्ञों के बीच इसे होल्ड करने या बेचने को लेकर मतभेद हैं।

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