भारत मौसम विज्ञान विभाग – क्या है और क्यों जरूरी है?

जब हम भारत मौसम विज्ञान विभाग, देश का प्रमुख मौसम सेवा संगठन, जो सटीक मौसम पूर्वानुमान, जलवायु मॉनिटरिंग और आपातकालीन हवामान चेतावनियां देता है. Also known as IMD, it plays a critical role in agriculture, travel, और रोज़मर्रा की योजना बनाने में. आप अक्सर पूछते हैं कि यह विभाग कितना भरोसेमंद है? जवाब है – डेटा की टिकाऊपन और वैज्ञानिक प्रक्रिया पर आधारित।

एक प्रमुख मौसम पूर्वानुमान, भविष्य की वायुदशा की अनुमानित रिपोर्ट, जिसमें तापमान, वर्षा, वायुओं की दिशा और गति शामिल हैं सीधे हमारे खेती, यात्रा और ऊर्जा उद्योग को प्रभावित करती है। विभाग के मॉडल के पीछे जटिल सांख्यिकीय एल्गोरिदम और सैटेलाइट डेटा का उपयोग होता है, इसलिए पूर्वानुमान अक्सर दो-तीन दिनों के भीतर 90% से अधिक सटीकता दिखाता है। यदि आप अपने बगीचे की बुआई या स्कूल की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो यह जानकारी आपको भारी राहत दे सकती है।

अगली बड़ी बात है जलवायु परिवर्तन, दीर्घकालिक वायुमंडलीय परिवर्तन जो मौसम पैटर्न को बदलते हैं और बरसात, सूखा, तापमान में असामान्य उतार-चढ़ाव लाते हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने पिछले दो दशकों में इस पर विस्तृत रिपोर्ट जारी की हैं, जो दिखाती हैं कि समुद्री तापमान में वृद्धि से मानसून की अवधि घट रही है। यह डेटा नीति निर्माताओं को जल संसाधन प्रबंधन और बाढ़ नियंत्रण उपायों को अपडेट करने में मदद करता है।

हवामान चेतावनी और मॉनिटरिंग स्टेशन की भूमिका

जब बाढ़ या तुफ़ान की संभावना बढ़ती है, तो विभाग हवामान चेतावनी, सामाजिक सुरक्षा के लिए जारी की जाने वाली आपातकालीन सूचना, जो लोगों को समय पर उपाय करने का मौका देती है जारी करता है। यह चेतावनी मोबाइल ऐप, रेडियो, टीवी और सरकारी पोर्टल पर तुरंत पहुँचती है। कई बार, चेतावनी से पहले ही स्थानीय मॉनिटरिंग स्टेशन से प्राप्त रीयल‑टाइम डेटा निर्णय को तेज़ बनाता है।

देश भर में स्थापित मॉनिटरिंग स्टेशन, भौगोलिक स्थलों पर लगे उपकरण जो तापमान, आर्द्रता, वायुदाब और वर्षा को निरंतर रिकॉर्ड करते हैं विभाग की रीढ़ की हड्डी हैं। इन स्टेशन से जुटा डेटा न केवल दैनिक पूर्वानुमान में बल्कि दीर्घकालिक जलवायु मॉडल में भी इस्तेमाल होता है। एक स्टेशन का ख़राब कामिंग होना भी पूरे क्षेत्र के पूर्वानुमान को प्रभावित कर सकता है, इसलिए रख‑रखाव पर बहुत ध्यान दिया जाता है।

इन सभी तत्वों का आपस में जुड़ना यही कारण है कि "भारत मौसम विज्ञान विभाग मौसम पूर्वानुमान प्रदान करता है", "वातावरणीय डेटा के विश्लेषण के लिए मॉनिटरिंग स्टेशन आवश्यक हैं" और "हवामान चेतावनी लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है" – ये प्रमुख सेमांटिक ट्रिपल्स इस टैग पेज के कंटेंट को जोड़ते हैं। अब जब आप इसका बड़ा चित्र समझ चुके हैं, तो नीचे दी गई लेख सूची आपको विभाग के काम, नई तकनीकें और हालिया रिपोर्ट के बारे में और गहराई से बताएगी। तैयार रहें, क्योंकि इन लेखों में आप पाएँगे विशेषज्ञों के विश्लेषण, वास्तविक डेटा और व्यावहारिक सुझाव, जो आपकी दैनिक ज़िंदगी में सीधे उपयोगी होंगे।

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पश्चिमी व्यवधान ने 5‑6 अक्टूबर को उत्तर‑पश्चिम भारत में भारी बारिश, ओले और तेज़ तापमान गिरावट लाया, दिल्ली में औसत से 3 गुना बारिश दर्ज हुई।

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