भारतीय शेयर बाजार में गिरावट: क्या है कारण?
शुक्रवार, 19 जुलाई, 2024 को भारतीय शेयर बाजार ने एक महत्वपूर्ण गिरावट देखी। प्रमुख सूचकांकों जैसे निफ्टी 50 और सेंसेक्स में उल्लेखनीय नुकसान हुआ। निफ्टी 50 24,530.90 पर पहुंचा, जो 24,854 के शिखर से 269.95 अंक नीचे था, जबकि सेंसेक्स 739 अंक गिरकर 80 पर आ गया। कई मुख्य शेयरों में भी उल्लेखनीय गिरावट देखी गई, जो बाजार की गिरावट में योगदान देती है।
निवेशकों की मुनाफावसूली और शेयर मूल्यों का पुनर्मूल्यांकन
विशेषज्ञों ने बताया कि बाजार में यह गिरावट कई कारणों से हुई है। सबसे पहले, एक लंबी रैली के बाद शेयर ऊँचे स्तर पर ट्रेड कर रहे थे, जिससे निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू की। दूसरे, शेयर मूल्यों का पुनर्मूल्यांकन किया गया। तीसरे, कमजोर वैश्विक संकेत और चल रहे भू-राजनीतिक तनाओं ने भी बाजार को प्रभावित किया। चौथे, यूनियन बजट से पहले की सावधानी ने भी निवेशकों को सतर्क कर दिया।
आईटी सिस्टम आउटेज और ओवरवैल्यूड स्टॉक्स
इसके अलावा, एक आईटी सिस्टम आउटेज ने ट्रेडिंग को बाधित किया, जिससे अस्थिरता बढ़ी। बाजार में हाल ही में आई तेजी मुख्य रूप से लिक्विडिटी में वृद्धि के कारण थी, और बाजार वॉल्यूम और वैल्यूएशंस में वृद्धि देखने को मिली। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थायी नहीं हो सकता।
भारत के मार्केट कैप टू जीडीपी अनुपात में वृद्धि
भारत के मार्केट कैप टू जीडीपी अनुपात अब लगभग 150% तक पहुँच चुका है, जो इसके 10 साल के औसत और चीन के वर्तमान अनुपात से काफी अधिक है। विशेषज्ञ निवेशकों के लिए रणनीतियों की सलाह देते हैं, जिनमें विविधीकरण, मूल्यांकन जागरूकता, बाजार गतिशीलता की समझ और दीर्घकालिक दृष्टिकोण बनाए रखना शामिल हैं।
अमेरिका और भारत की बाजार स्थितियों में अंतर
मोजोपीएमएस के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील दमानी का मानना है कि अमेरिका उच्च मार्केट टू जीडीपी अनुपात को बनाए रख सकता है, क्योंकि उनके पास पूंजी अकाउंटबिलिटी और निवेशकों का आकर्षण है, लेकिन यह भारत के लिए पूरी तरह से लागू नहीं होता है। एक और महत्वपूर्ण मानक, ट्रेलिंग मंथ्स अर्निंग्स टू प्राइस (पी/ई) अनुपात, यह संकेत देता है कि भारतीय बाजार अत्यधिक मूल्यवान है। वर्तमान में, यह 30 गुना कमाई पर ट्रेड कर रहा है, जिससे कमियों की गुंजाइश कम है।
आस्तिक निवेशकों के लिए अवसर
इस गिरावट ने समझदार निवेशकों के लिए अवसर प्रस्तुत किया है, जो अब उच्च गुणवत्ता वाले स्टॉक्स को अधिक अनुकूल मूल्यांकन पर हासिल कर सकते हैं। बाजार की इस अस्थिरता में, सतर्क और दीर्घकालिक निवेश दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को अपनी रणनीतियों का पुनर्मूल्यांकन और उस अनुसार कार्य करना चाहिए, जिससे बाजार में आने वाले उतार-चढ़ाव से खुद को सुरक्षित रखा जा सके।
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