मलयालम सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री कावियोर पोन्नम्मा का कोच्चि में निधन

मलयालम सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री कावियोर पोन्नम्मा का कोच्चि में निधन

मलयालम सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री कावियोर पोन्नम्मा का 20 सितंबर, 2024 को कोच्चि के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 80 वर्ष की थीं और उन्हें मई माह में चौथे चरण के कैंसर का पता चला था। इसके बाद नियमित चिकित्सा जांच के लिए उन्हें 3 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हाल ही में उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी, जिसके बाद शुक्रवार को उनका निधन हो गया।

कावियोर पोन्नम्मा ने अपने करियर की शुरुआत रंगमंच से की और 1960 के दशक में फिल्मों में कदम रखा। उन्हें माता और दादी के किरदारों के लिए विशेष पहचान मिली। उनके लंबे करियर में उन्होंने इस भूमिका को बखूबी निभाया और दर्शकों के दिलों में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी। उन्हें चार बार राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार मिला।

कावियोर पोन्नम्मा का व्यक्तिगत जीवन उतार-चढ़ाव से भरा रहा। उनके पति का पहले ही निधन हो चुका था और उनकी एकमात्र पुत्री अमेरिका में सेटल्ड है। इस कठिन समय में भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने कार्य के प्रति हमेशा समर्पित रहीं।

उनके योगदान को सलाम

कावियोर पोन्नम्मा ने अधिकतर समाज पर आधारित फिल्मों में अपने अभिनय का जादू बिखेरा। उनकी भूमिकाएँ समाज के सभी वर्गों के लिए प्रेरणादायक रहीं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और विपक्षी नेता वी डी सतीशन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि पोन्नम्मा ने अपनी अदाकारी से मलयालम सिनेमा को एक नया आयाम दिया है।

उनका शरीर सार्वजनिक दर्शन के लिए शनिवार सुबह 9 बजे से 12 बजे तक कलामस्सेरी नगरपालिका टाउन हॉल में रखा जाएगा, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार अलुवा में उनके आवास पर किया जाएगा।

मलयालम सिनेमा में उनका सफर

कावियोर पोन्नम्मा ने अपने अभिनय के सफर की शुरुआत रंगमंच से की थी। इसके बाद उन्होंने फिल्मों का रुख किया और देखते ही देखते मलयालम सिनेमा में अपनी जगह बना ली। उनकी अदाकारी और मेहनत ने उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान दिलाए। उनके मार्गदर्शन में कई युवा कलाकारों ने भी उन्नति की राह अपनाई।

कावियोर पोन्नम्मा का अभिनय कला के प्रति प्रेम और उसका सम्मान ने उन्हें हमेशा से ही फिल्म इंडस्ट्री में एक विशिष्ट स्थान दिलाया। उनके जीवन और करियर के विविध पहलुओं को देखकर कहा जा सकता है कि वे एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व थीं।

फिल्मों में उनकी प्रमुख भूमिकाएं

फिल्मों में उनकी प्रमुख भूमिकाएं

कावियोर पोन्नम्मा ने अपने करियर में अनेक प्रमुख भूमिकाएँ निभाईं। उनकी अभिनय की गुणवत्ता और उनकी भूमिकाओं की विविधता ने उन्हें साथी कलाकारों में भी एक विशेष स्थान दिलाया। कई युवा कलाकार उनके अभिनय से प्रेरित होकर मलयालम सिनेमा में कदम रखे।

कावियोर पोन्नम्मा की प्रमुख फिल्मों में ‘मनासकशी’, ‘परमपरा’, ‘मिनाम्बु’ और ‘स्वप्नम’ जैसी सफल फिल्मों के नाम शामिल हैं। उनकी फिल्मों ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई की, बल्कि समीक्षकों की भी वाहवाही लूटी।

व्यक्तिगत जीवन और संघर्ष

कावियोर पोन्नम्मा का निजी जीवन हमेशा से ही संघर्षपूर्ण रहा है। अपने परिवार के लिए उन्होंने अनेक बलिदान दिए और हमेशा अपने कला के प्रति ईमानदार रहीं। उनके पति का पहले निधन हो गया था, लेकिन वे अपनी पुत्री के साथ रह रही थीं।

उनके व्यक्तिगत संघर्षों के बावजूद उन्होंने कभी भी अपने करियर से समझौता नहीं किया और हमेशा वो अपने काम के प्रति समर्पित रहीं। उनके इस समर्पण ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में एक सम्मानजनक स्थान दिलाया।

आखिरी दिन और अस्पताल में भर्ती

कावियोर पोन्नम्मा पिछले कुछ समय से कैंसर के चौथे चरण से जूझ रही थीं। उन्हें नियमित चिकित्सा जांच के लिए 3 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ और उनकी तबियत बिगड़ती ही चली गई। अस्पताल में अपनी अंतिम सांस लेने से पहले उन्होंने अंतिम समय तक संगर्ष किया।

उनकी स्मृति में

उनकी स्मृति में

कावियोर पोन्नम्मा का निधन मलयालम सिनेमा के लिये एक बड़ी क्षति है। उनके निधन से इंडस्ट्री में जो शून्य उत्पन्न हुआ है, उसे भर पाना असंभव है। उनकी स्मृतियाँ और उनकी अदाकारी हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी।

कावियोर पोन्नम्मा ने अपनी कला से न केवल मलयालम सिनेमा में बल्कि समूचे भारतीय सिनेमा में एक विशेष स्थान बनाया। उनके योगदान को लंबे समय तक याद किया जाएगा और उनकी अदाकारी की प्रेरणा से नए कलाकार उभरेंगे। उनके निधन पर पूरा देश शोक संतप्त है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा है।

Shifa khatun

लेखक के बारे में

Shifa khatun

मैं एक स्वतंत्र पत्रकार हूँ जो भारत में दैनिक समाचारों के बारे में लिखती हूँ। मुझे लेखन और रिपोर्टिंग में गहरी रुचि है। मेरा उद्देश लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है। मैंने कई प्रमुख समाचार पत्रों और वेबसाइट्स के लिए काम किया है।

टिप्पणि (12)

  1. Rupesh Sharma

    Rupesh Sharma - 22 सितंबर 2024

    कावियोर पोन्नम्मा ने बस अभिनय नहीं किया, उन्होंने दिलों को छू लिया। जब भी माँ का किरदार आता, तो आँखें भर आतीं। उनकी आवाज़ में इतना प्यार था कि बिना बोले भी समझ जाते थे। आज भी घर पर उनकी फिल्में चलती हैं, बच्चे देखते हैं, बूढ़े रोते हैं। वो अभी भी हमारे बीच हैं।

  2. Jaya Bras

    Jaya Bras - 22 सितंबर 2024

    ये सब बकवास है बस एक अभिनेत्री मर गई अब सब रो रहे हैं क्या ये ट्रेंड है

  3. Arun Sharma

    Arun Sharma - 22 सितंबर 2024

    मैं इस विषय पर विशेष रूप से अध्ययन कर चुका हूँ। कावियोर पोन्नम्मा के अभिनय शैली का विश्लेषण करने के लिए मैंने 1972 से 1995 तक की 87 फिल्मों का वीडियो एनालिसिस किया है। उनकी आँखों की ब्लिंक रेट और श्वास लेने की आवृत्ति ने दर्शकों के मस्तिष्क में एमोशनल कनेक्शन को ट्रिगर किया। यह एक सामाजिक और न्यूरोलॉजिकल घटना है।

  4. Ravi Kant

    Ravi Kant - 24 सितंबर 2024

    मलयालम सिनेमा की ये दिग्गज अभिनेत्री के बिना अब फिल्में अधूरी लगेंगी। उनके अभिनय में एक ऐसी गहराई थी जो आज के युवा अभिनेताओं को समझने में असमर्थ हैं। उनकी भूमिकाएँ बस अभिनय नहीं, बल्कि जीवन की अनुभूति थीं।

  5. Harsha kumar Geddada

    Harsha kumar Geddada - 25 सितंबर 2024

    जब तक इंसान अपने काम के प्रति समर्पित रहता है, तब तक वो मर नहीं सकता। कावियोर पोन्नम्मा ने जीवन के अंतिम पलों तक अपनी भूमिकाओं को जीवित रखा। उन्होंने न केवल फिल्मों में, बल्कि अपने व्यक्तिगत संघर्षों में भी अभिनय किया। जब आप एक अकेली माँ बन जाते हैं, जब आपकी बेटी दूर जा चुकी होती है, और फिर भी आप अपने आप को दर्शकों के लिए बनाए रखते हैं, तो ये अभिनय नहीं, ये एक अद्भुत अस्तित्व का साक्षात्कार है। ये एक जीवन का दर्शन है।

  6. sachin gupta

    sachin gupta - 27 सितंबर 2024

    मैंने उनकी फिल्में देखीं थीं लेकिन अब तो बहुत सारे नए एक्टर्स हैं जिनकी एक्टिंग बेहतर है। बस एक नेशनल आइकन का फेक नहीं बनाना चाहिए। और बात ये है कि उनकी फिल्मों में अक्सर ड्रामा बहुत ज्यादा था।

  7. Shivakumar Kumar

    Shivakumar Kumar - 27 सितंबर 2024

    उनकी आवाज़ जैसे कोई पुरानी चाय की चुस्की थी - गर्म, धीमी, और दिल को छू जाने वाली। बचपन में दादी उनकी फिल्में देखकर रो जाती थीं, और मैं उनकी आँखों में देखकर समझ गया कि अभिनय क्या होता है। आज वो नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज़ अभी भी मेरे घर के कोने में बसी है।

  8. saikiran bandari

    saikiran bandari - 28 सितंबर 2024

    फिल्मों में अच्छा अभिनय करना तो बहुत आम बात है इतना धमाल क्यों

  9. Rashmi Naik

    Rashmi Naik - 29 सितंबर 2024

    इन दिनों सब कुछ नेटिव एक्टिंग का नाम लेते हैं पर जब आप एक एक्ट्रेस को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड देते हैं तो ये एक लोकप्रिय ब्रांडिंग स्ट्रैटेजी है जिसका उद्देश्य ऑडियंस एंगेजमेंट बढ़ाना है

  10. Vishakha Shelar

    Vishakha Shelar - 30 सितंबर 2024

    मैं रो रही हूँ 😭 उन्हें याद करके मेरा दिल टूट गया 😭 उनकी आँखें इतनी भावुक थीं 😭 मैंने उनकी फिल्म देखी और पूरा दिन रोया 😭

  11. Ayush Sharma

    Ayush Sharma - 2 अक्तूबर 2024

    मलयालम सिनेमा के इतिहास में कावियोर पोन्नम्मा का स्थान अनोखा है। उनकी भूमिकाओं ने दर्शकों को उनके सामाजिक और पारिवारिक अनुभवों से जोड़ा। यह एक अनौपचारिक लेकिन गहरा सांस्कृतिक संबंध है।

  12. Rupesh Sharma

    Rupesh Sharma - 2 अक्तूबर 2024

    तुम बस एक बात भूल गए। उनकी फिल्मों में आप जो भी देखते हैं, वो बस अभिनय नहीं है। वो आपके दादा की आवाज़ है, आपकी माँ का चुपचाप रोना है, आपके घर की चाय की खुशबू है। ये कोई अभिनेत्री नहीं, ये आपकी यादें हैं।

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