राहुल गांधी का लोकसभा में भाषण हटाने के बाद प्रतिक्रिया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता, राहुल गांधी, ने लोकसभा में अपने पहले भाषण के कुछ हिस्सों को हटाए जाने के बाद तीखी प्रतिक्रिया दी है। यह निर्णय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के आदेश पर लिया गया था। गांधी ने अपने भाषण में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हिंसा और नफरत फैलाने का आरोप लगाया था। इसके बाद से सत्ता पक्ष की ओर से कड़ी नाराजगी देखने को मिली।
राहुल गांधी का कहना था कि 'मोदी जी की दुनिया में सत्य को हटाया जा सकता है, लेकिन वास्तविकता में नहीं।' उन्होंने यह भी कहा, 'वे जितना चाहें हटा सकते हैं, लेकिन सच सच ही रहेगा।' बीजेपी के नेताओं ने राहुल गांधी के भाषण के उन अंशों का विरोध किया था, जिसमें उन्होंने बीजेपी पर अल्पसंख्यकों के प्रति अन्याय और हिंसा के आरोप लगाए थे, साथ ही औद्योगिक घरानों अडानी और अंबानी पर भी निशाना साधा था। इसके अलावा, उन्होंने अग्निवीर योजना पर भी टिप्पणी की थी।
बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी के बयानों को झूठा और भ्रामक बताया। उनका कहना था कि गांधी ने सदन को गुमराह किया है। अमित शाह ने कहा, 'राहुल गांधी के आरोप न केवल झूठे हैं, बल्कि उनका उद्देश्य देश को बांटना और राजनीतिक फायदे के लिए समाज में नफरत फैलाना है।'
राजनाथ सिंह ने भी राहुल गांधी पर तीखा हमला किया और कहा कि 'इस प्रकार के बयानों से देश की एकता और अखंडता को चोट पहुंचती है। सरकार हमेशा से सभी समाजों के लिए बराबरी का अधिकार सुनिश्चित करने की कोशिश करती है, और किसी भी प्रकार के भेदभाव का समर्थन नहीं करती।'
विपक्षी दलों का समर्थन
राहुल गांधी के बयानों के बाद, विपक्षी दलों के कई नेता उनके समर्थन में आए। कांग्रेस के सांसद शशि थरूर और शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि राहुल गांधी ने हिंदुओं या हिंदू समुदाय के खिलाफ कुछ भी गलत नहीं कहा। थरूर ने कहा, 'राहुल गांधी ने जो भी कहा, वह सत्य के आधार पर था और उन्होंने समाज में बढ़ते विभाजन और नफरत को उजागर किया।'
संजय राउत ने भी राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा, 'राहुल गांधी ने अपने भाषण में सच्चाई को उजागर किया और समाज में धार्मिक और सामाजिक सामंजस्य का संदेश दिया। उन्हें चुप कराने की कोशिश करना लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ है।'
क्या था राहुल गांधी का भाषण?
राहुल गांधी ने संसद में अपने भाषण के दौरान बीजेपी और आरएसएस पर विविध मुद्दों पर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि इन संगठनों ने समाज में हिंसा और नफरत फैलाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि 'बीजेपी अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय कर रही है और उसके समर्थक समाज में विभाजन पैदा कर रहे हैं।'
गांधी ने औद्योगिक घरानों अडानी और अंबानी पर भी तीखा हमला किया और कहा कि मोदी सरकार इन उद्योगपतियों को बढ़ावा दे रही है, जबकि आम जनता की समस्याओं की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा, 'सरकार कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा रही है, जबकि गरीब और मध्यम वर्ग के लोग संघर्ष कर रहे हैं।'
उन्होंने अग्निवीर योजना पर भी सवाल उठाए और कहा कि 'यह योजना युवा वर्ग के लिए लाभकारी नहीं है और इससे भारतीय सेना की प्रभावशीलता पर भी असर पड़ेगा।'
निष्कर्ष
राहुल गांधी का यह तीखा भाषण और उसके हटाए गए अंश ने भारतीय राजनीति में नई बहस को जन्म दिया है। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है और लोकतंत्र में विच्चारों की अभिव्यक्ति और असहमतियों के आदान-प्रदान पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है। यह तो समय ही बताएगा कि इस राजनीतिक खींचतान का अंत किस दिशा में जाएगा।
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