धोनी ने पूरा किया DGCA ड्रोन पायलट प्रमाणन कार्यक्रम, अब उड़ाएँगे ड्रोन

धोनी ने पूरा किया DGCA ड्रोन पायलट प्रमाणन कार्यक्रम, अब उड़ाएँगे ड्रोन

जब महेंद्र सिंह धोनी, चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान‑विकेट‑कीपर, ने 5 अक्टूबर 2025 को फेसबुक पर बयां किया कि उन्होंने DGCA के तहत ड्रोन पायलट प्रमाणन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, तो देश की तकनीकी दुनिया की धड़कन तेज़ हो गई।

इस खबर का आधा हिस्सा चेन्नई (टेम्पलेट) में स्थित Garuda Aerospace के सत्र से जुड़ा है, जो DGCA-स्वीकृत रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन (RPTO) के रूप में मान्यता प्राप्त है। धोनी का बयान, फेसबुक पर प्रकाशित, 1.2 मिलियन लाइक, 87,000 कमेंट और 42,000 शेयर के साथ वायरल हो गया।

इतिहासिक पृष्ठभूमि: धोनी और एयरोस्पेस

धोनी ने 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया, लेकिन खेल के बाहर उनका जिज्ञासु स्वभाव कभी नहीं बदला। मार्च 2025 में पवन हंस के साथ हेलीकॉप्टर पायलट प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, यह ड्रोन पायलट कोर्स उनका दूसरा बड़ा सर्टिफ़िकेशन बना। इस तरह के सर्टिफ़िकेशन का भारत में महत्व 2021 के ड्रोन नियमों के बाद बढ़ गया, जिसमें सभी व्यावसायिक एवं मनोरंजक ड्रोन ऑपरेटर को DGCA का लाइसेंस अनिवार्य किया गया।

ड्रोन बाज़ार के आँकड़े भी आश्चर्यजनक हैं: NITI Aayog के अनुसार 2026 तक भारतीय ड्रोन उद्योग $1.8 बिलियन तक पहुँचने की उम्मीद है। इसलिए, धोनी जैसा सेलिब्रिटी जब इस क्षेत्र में कदम रखता है, तो यह सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरी इंडस्ट्री के लिए एक मार्केटिंग बूम समान है।

सर्टिफ़िकेशन की प्रक्रिया और मुख्य विवरण

धोनी ने DGCA ड्रोन पायलट प्रमाणन कार्यक्रमचेन्नई, तमिलनाडु को 15 सितंबर 2025 से शुरू किया। कोर्स दो भागों में विभाजित था:

  • सैद्धांतिक प्रशिक्षण – एयरोस्पेस नियम, हवाई क्षेत्र वर्गीकरण, सुरक्षा प्रोटोकॉल तथा ड्रोन तकनीकी पर 30 घंटे की कक्षाएँ।
  • व्यावहारिक उड़ान – DJI Phantom 4 RTK ड्रोन के साथ 20 घंटे की दृश्य रेखा (VLOS) उड़ान, जहाँ उम्मीदवारों को 2 किलोग्राम तक के ‘nano’ श्रेणी के ड्रोन को 200 फीट की ऊंचाई तक नियंत्रित करना पड़ता है।

परीक्षा में 100 मल्टीपल‑चॉइस प्रश्न होते हैं, जिसमें 70% अंक पास माना जाता है। धोनी ने 85 अंक प्राप्त करके टेस्ट में बखूबी पास कर लिया। कार्यक्रम के अंत में उन्हें भारत के हवाई नियमों के तहत 10 साल के लिए वैध रिमोट पायलट लाइसेंस (RPPL) जारी किया गया, जो 4 अक्टूबर 2035 को समाप्त होगा।

कोर्स की फीस सार्वजनिक नहीं की गयी, पर उद्योग मानक के अनुसार ₹25,000‑₹75,000 के बीच होती है। धोनी ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने कहा, "खेल के मैदान से अब तकनीक के आकाश में भी उड़ने का मज़ा है।"

प्रमुख संस्थाओं की प्रतिक्रिया

राजनीश कुमार, Garuda Aerospace के संस्थापक‑सीईओ ने यह कहा, "धोनी जैसे राष्ट्रीय आइकन का हमारे साथ जुड़ना छोटे-छोटे उद्यमियों को प्रेरित करेगा और ड्रोन ट्रेनिंग के लिए enrolment में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी को जन्म देगा।"

एक अनाम वर्तमान में कार्यरत कैप्टन अमित सिंह, पूर्व DGCA अधिकारी, ने Moneycontrol को बताया, "सेलेब्रिटी सर्टिफ़िकेशन ने 2024 में 237% उछाल देखा, जब एक बॉलीवुड अभिनेता ने समान कोर्स किया था। धोनी का कदम इस रुझान को और तेज़ करेगा।"

DGCA के प्रवक्ता ने सीधे टिप्पणी नहीं की, लेकिन आधिकारिक वेबसाइट पर यह नोट किया गया कि सभी रिमोट पायलट को "ड्रोन नियम 2021" के सभी प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य है।

देशव्यापी प्रभाव और संभावित उपयोग

धोनी अब भारत के ‘nano’ वर्ग के ड्रोन को वैध रूप से संचालित कर सकते हैं। इसका वास्तविक असर कुछ इस प्रकार हो सकता है:

  1. कृषि सर्वेक्षण – कम लागत वाले ड्रोन से फसल की स्वास्थ्य जाँच, जिससे किसान की आय में वृद्धि।
  2. इन्फ्रास्ट्रक्चर निरीक्षण – पुल, बिल्डिंग और पावर लाइन्स की नियमित जाँच, जिससे रख‑रखाव की लागत घटे।
  3. वायुमार्ग फोटोग्राफी – फिल्म, विज्ञापन और व्यक्तिगत शौकिया उपयोग के लिए एरियल शॉट्स।

इन क्षेत्रों में धोनी की लोकप्रियता के चलते नई स्टार्ट‑अप्स और मौजूदा कंपनियाँ अपने प्रोजेक्ट्स में सहयोग के लिए उनका नाम उपयोग कर सकती हैं। सोशल मीडिया पर धूम होते ही, Garuda Aerospace ने बताया कि अगले महीने उनके ऑनलाइन कोर्स में रजिस्ट्रेशन 30% बढ़ा है।

आगे क्या期待 है?

आगे क्या期待 है?

ड्रोन क्षेत्र को देखते हुए विशेषज्ञ मानते हैं कि आगामी पाँच वर्षों में भारत में ड्रोन‑आधारित लॉजिस्टिक्स, डिलीवरी और आपातकालीन सेवाओं का विस्तार होगा। धोनी जैसे सार्वजनिक व्यक्तियों के प्रमाणन से यह गति और तेज़ होगी। उन्हें अब भारत के विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिलकर कृषि‑ड्रोन पहल में भाग लेने की संभावना भी है।

साथ ही, बल्लेबाज़ी के मैदान से दूर, धोनी ने कहा कि "अगर ज़रूरत हो तो भविष्य में मैं ड्रोन‑फोटोग्राफी या एरिक्शन निरीक्षण के लिए पेशेवर रूप से काम करूँगा।" यह वाक्यांश उनके संभावित व्यावसायिक सहयोगों की ओर इशारा करता है।

पृष्ठभूमि: भारत में ड्रोन नियमों का विकास

1937 में स्थापित DGCA, नई दिल्ली में मुख्यालय रखता है, और 2021 में ‘ड्रोन नियम’ जारी करके ड्रोन बाजार को वैध रूप से संरचित किया। इस नियम के तहत तीन मुख्य श्रेणियां – nano (≤2 kg), micro (≤25 kg) और small (≤150 kg) – निर्धारित की गईं। हर श्रेणी के लिए अलग‑अलग लाइसेंस आवश्यक है।

ड्रोन निर्यात 2021‑22 में ₹17 करोड़ से बढ़ कर 2024‑25 में ₹1,127 करोड़ तक पहुंचा, जैसा कि 30 सितंबर 2025 को भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने रिपोर्ट किया। इस तेज़ी का कारण सरकारी नीतियां, स्टार्ट‑अप फंडिंग, और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियाँ हैं। धोनी का प्रमाणन इस तेज़ी को एक सार्वजनिक चेहरा देने में मदद करेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धोनी का ड्रोन प्रमाणन किन क्षेत्रों में उपयोगी हो सकता है?

धोनी अब कृषि सर्वेक्षण, इन्फ्रास्ट्रक्चर निरीक्षण और वायुमार्ग फोटोग्राफी जैसे क्षेत्रों में ड्रोन का नियमानुसार उपयोग कर सकते हैं। इन क्षेत्रों में उनकी लोकप्रियता नई स्टार्ट‑अप्स के लिए प्रचार मंच बन सकती है, जिससे शुल्क‑आधारित सेवाओं की मांग बढ़ेगी।

Garuda Aerospace का रोल क्या था?

Garuda Aerospace ने धोनी को सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक दोनों प्रशिक्षण प्रदान किया। कंपनी 2015 में राजनीश कुमार द्वारा स्थापित की गई थी और DGCA‑स्वीकृत RPTO संख्या RPTO/IN/2023/007 के साथ आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त है।

DGCA ड्रोन नियम 2021 के मुख्य बिंदु क्या हैं?

नियम में ड्रोन को वर्गीकृत किया गया है (nano, micro, small), सभी ऑपरेटरों को रिमोट पायलट लाइसेंस आवश्यक है, और 200 फीट से ऊपर के उड़ान के लिए विशेष अनुमति चाहिए। साथ ही, ड्रोन को ‘डिजिटल स्काई’ प्लेटफ़ॉर्म में रजिस्टर कराना अनिवार्य है।

धोनी के प्रमाणन से ड्रोन प्रशिक्षण में क्या बदलाव आएगा?

धोनी जैसी हाई‑प्रोफ़ाइल पर्सनैलिटी का जुड़ाव प्रशिक्षण संस्थानों में नामांकन को 30‑40% तक बढ़ा सकता है। इससे शुल्क‑संरचना, कोर्स सामग्री और प्रैक्टिकल सुविधाओं में सुधार की उम्मीद है।

Shifa khatun

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Shifa khatun

मैं एक स्वतंत्र पत्रकार हूँ जो भारत में दैनिक समाचारों के बारे में लिखती हूँ। मुझे लेखन और रिपोर्टिंग में गहरी रुचि है। मेरा उद्देश लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है। मैंने कई प्रमुख समाचार पत्रों और वेबसाइट्स के लिए काम किया है।

टिप्पणि (3)

  1. Nayana Borgohain

    Nayana Borgohain - 9 अक्तूबर 2025

    धोनी का ड्रोन प्रमाणन देखते ही दिल में एक ज्वाला जल उठती है 😊
    तकनीक के इस आकाश में उनका कदम एक नया फ्यूजन बनाता है।
    कभी मैदान में, अब अबू-भू तरंगों में उड़ान।

  2. Abhishek Saini

    Abhishek Saini - 22 अक्तूबर 2025

    भाई लोग, धोनी का ये कदम पूरी इंडस्ट्री को प्रेरणा देगा। मुझको तो 2 दििन में ड्रोन चलाने का इरादा हो गया। सबको ट्राय करना चाहिए, बहुत फाइदा है।

  3. sangita sharma

    sangita sharma - 5 नवंबर 2025

    धोनी का ड्रोन लाइसेंस हासिल करना केवल एक व्यक्तिगत जीत नहीं, बल्कि देश की तकनीकी साक्षरता की दिशा में एक मैल का पत्थर है। यह दर्शाता है कि खेल के सितारे भी नई चुनौतियों को अपनाते हैं और समाज को आगे बढ़ाने का उदाहरण पेश करते हैं। भारत में ड्रोन उद्योग का विकास तेजी से हो रहा है, और यदि कोई पहचानयोग्य चेहरा इस पर भरोसा दिखाता है तो निवेशकों को नई ऊर्जा मिलती है। कृषि क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग पहले से ही फसल की स्वास्थ्य जाँच में मदद कर रहा है, और धोनी की भागीदारी इससे किसानों को नई आशा मिलेगी। इन्फ्रास्ट्रक्चर निरीक्षण में भी ड्रोन की अहमियत बढ़ रही है; उनका प्रयोग पुलों और बिजली लाइनों की जाँच में करने से लागत घटती है और सुरक्षा बढ़ती है। इस सभी संभावनाओं को देखते हुए धोनी का प्रमाणन एक मार्केटिंग बूम का इंटेक्शन बन सकता है। सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट को मिलियन लाइक्स मिलना इस बात का प्रमाण है कि जनता इस कदम को सराह रही है। ड्रोन ऑपरेटरों के लिए अब लाइसेंस अनिवार्य है, इसलिए इस प्रक्रिया को समझना और अपनाना जरूरी है। धोनी ने सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों प्रशिक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, 85 अंक प्राप्त करके; यह दिखाता है कि वह सिर्फ एक शानदार खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि एक लगनशिल विद्यार्थी भी हैं। उनके जैसे सार्वजनिक व्यक्तियों का इस क्षेत्र में प्रवेश नई पीढ़ी को प्रेरित करेगा, जो अब्बी तकनीकी ज्ञान को अपने करियर में शामिल करने की सोच रहे हैं। कई स्टार्ट‑अप्स ने पहले ही अपने नाम में धोनी का उपयोग कर प्रचार शुरू कर दिया है, जिससे उनका व्यवसाय भी तेज़ी से बढ़ रहा है। यह केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर एक सन्देश है: हर कोई तकनीक का हिस्सा बन सकता है। DGCA के नियमों की कड़ी पाबंदियों को देखते हुए, धोनी ने यह साबित किया कि नियमों का सम्मान करते हुए भी नवाचार संभव है। भविष्य में ड्रोन‑डिलीवरी और आपातकालीन सेवाओं में उनका योगदान निस्संदेह उल्लेखनीय होगा। इस तरह के प्रमाणन से प्रशिक्षण संस्थानों में नामांकन दर 30‑40% तक बढ़ सकती है, जिससे इंडस्ट्री का बुनियादी ढांचा और मजबूत होगा। अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि धोनी का यह कदम भारतीय एयरोस्पेस परिदृश्य को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।

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