अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 2024: मिथकों का पर्दाफाश और तथ्य
जुल॰ 29 2024 - पर्यावरण
आपने कभी सोचा है कि व्रत सिर्फ भूख नहीं बल्कि एक पूरी रूटीन है? कई बार लोग जल्दी‑जल्दी शुरू करते हैं, लेकिन नियमों को समझे बिन ही टोटके अपनाते हैं। यहाँ हम आसान‑से‑समझ आने वाले चरण बताने वाले हैं जिससे आपका उपवास सही और असरदार बनेगा।
सबसे पहले तय करिए कि कौन सा व्रत है – शरद ऋतु का प्रतिपदा व्रत, हरिवासर या सोमवार व्रत। प्रत्येक के लिए शुरूआती तिथि अलग हो सकती है, इसलिए पंचांग या भरोसेमंद ऐप से सही दिन चुनें। तैयारियों में दो चीज़ें जरूरी हैं: साफ‑सुथरा माहौल और हल्का नाश्ता। रात को जल्दी सोएँ, सुबह उठते ही पानी पिएँ, फिर शुद्ध जल या नारियल पानी के साथ व्रत शुरू करें।
भोजन की बात करें तो केवल फल, अंकुरित दालें, कच्ची सब्ज़ियां और हल्का दूध (अगर आप दूध वाले व्रत में हैं) रखें। तेल‑मसाले वाला कोई भी भोजन नहीं लेना चाहिए – इससे पाचन पर असर पड़ता है और उपवास का फायदा घट जाता है। अगर आपको कुछ खाने की जरूरत महसूस हो तो एक छोटा चम्मच शहद या कच्चा नारियल पानी काम चल सकता है।
व्रत केवल शरीर का नहीं, मन का भी सफ़ाई है। सुबह उठते ही स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें और साफ‑साफ स्थान पर दीपक जलाएँ। यदि आप किसी देवता की पूजा करते हैं तो उसके सामने फूल, फल और चंदन रखें। प्रातःकाल 6 से 9 बजे के बीच सबसे शुभ माना जाता है; इस समय श्लोक या मंत्र पढ़ें – “ॐ नम: शिवाय” या “हरि ॐ तत् सत्यम्”。
ध्यान और गहरी साँस लेना भी मददगार होता है। पाँच‑से‑सात मिनट का ध्यान आपका मन केंद्रित रखेगा, जिससे भूख के विचार कम होंगे। अगर आप काम पर हैं तो छोटा ब्रेक लेकर आँखें बंद कर 1‑2 मिनट गहरा श्वास लें – इससे ऊर्जा बनी रहती है और व्रत टूटता नहीं।
व्रत का अंत दोपहर या शाम में होता है, लेकिन यह आपके चुने हुए नियम पर निर्भर करता है। जैसे ही सूर्यास्त हो, हल्का फल‑स्लाद या दही के साथ तोड़ें। धीरे‑धीरे पानी पीकर पेट को आराम दें और फिर सामान्य भोजन शुरू करें।
अंत में याद रखें: व्रत का उद्देश्य शारीरिक detox और आध्यात्मिक शांति दोनों है, इसलिए इसे हल्के दिल से अपनाएँ। नियमित रूप से अगर आप ये नियम फॉलो करेंगे तो शरीर साफ़ रहेगा, मन शांत होगा और आपका आत्म‑विश्वास भी बढ़ेगा।
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