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फ़र॰ 22 2025 - मनोरंजन
जब आप टॉस, क्रिकेट में दो टीमों के बीच पहले बॉल फेंके जाने पर बैटिंग या बॉलिंग का चयन प्रक्रिया. इसे अक्सर कोइन टॉस कहा जाता है, तो यह खेल की दिशा तय करने वाला पहला फैसला बन जाता है। क्रिकेट, एक टीम खेल जिसमें दो बारह खिलाड़ी दो टीमों के बीच प्रतिस्पर्धा करते हैं में टॉस का परिणाम अक्सर जीत-हार के आँकड़े पर असर डालता है।
टॉस में जीतने वाला कप्तान, टीम का नेतृत्व करने वाला मुख्य खिलाड़ी दो विकल्पों में से एक चुनता है: पहले बैटिंग करना या पहले बॉलिंग। इस चुनाव का असर पिच की स्थिति, मौसम और टीम की बलवत्ता पर पड़ता है। उदाहरण के तौर पर, वर्ल्ड कप 2025 में भारत‑पाकिस्तान महिला मैच में कप्तानों ने नो‑हैंडशेक नीति अपनाई, फिर भी टॉस ने भारतीय टीम को पहले बैटिंग का फैसला करने का मौका दिया जिससे उन्होंने 88 रन से जीत हासिल की। इसी तरह एशिया कप 2025 के सुपर फोर में टॉस ने कई बार टीमों को तेज़ ग्राउंड पर पहले बैटिंग करने के लिए प्रेरित किया, जिससे परिणाम बदल गया।
टॉस सिर्फ ऐतिहासिक आनंद नहीं है, यह हेंडशेक नीति, कप्तानों द्वारा खेल के अंत में हाथ मिलाने से बचने की रणनीति से भी जुड़ी हुई है। जब दोनों कप्तान इसे अपनाते हैं, तो टॉस का महत्व और बढ़ जाता है क्योंकि पहले बैटिंग या बॉलिंग का विकल्प ही टीम की जीत की संभावनाओं को निर्धारित करता है। भारतीय महिला टीम ने 2025 में नई ज़ीलैंड को हराते समय इस नीति को जारी रखा, और टॉस ने उन्हें चौथे ओवर में पहले बॉलिंग का फैसला करने की आज़ादी दी, जिससे वे रन छाप सकीं।
टॉस का चयन अक्सर मौसम की भविष्यवाणी से भी प्रभावित होता है। अक्टूबर 2025 में पश्चिमी व्यवधान से उत्तर‑पश्चिम भारत में तेज़ बारिश हुई, जिससे कई मैचों में टॉस के बाद ड्यूटी क्रीज़र को बदलना पड़ा। ऐसे में कप्तान को टॉस के बाद त्वरित निर्णय लेना पड़ता है कि पिच पर किस तरह की गेंदबाज़ी बेहतर रहेगी। इस प्रकार टॉस, मौसम, और हेंडशेक नीति आपसी जुड़ाव में एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं।
रणनीति के लिहाज़ से, टॉस जीतने वाले कप्तान को बल्लेबाज़ी या गेंदबाज़ी के क्रम को टीम के मजबूत खिलाड़ियों के अनुसार सेट करने का मौका मिलता है। उदाहरण के लिए, भारत की पुरुष टीम ने 2025 में रविंद्र जडेजा के शतक‑और‑विकेट प्रदर्शन से पहले टॉस जीत कर पहले बैटिंग चुनी, जिससे उन्होंने वेस्टइंडिज को 140 रन से हराया। इसी तरह, इंग्लैंड महिला टीम ने पहला टॉस जीतकर पहले बैटिंग चुनते हुए दक्षिण अफ्रीका को 10 विकेट से हरा दिया। टॉस का यह पहला निर्णय अक्सर टीम के आत्मविश्वास और मैच के टॉनिक को निर्धारित करता है।
एक और पहलू यह है कि टॉस के बाद दोनों टीमों को अपने प्लेइंग इलेवेन (XI) को कैसे व्यवस्थित करना है, यह तय करना पड़ता है। जब टॉस जीतने वाला कप्तान पहले बैटिंग चुनता है, तो वे अक्सर अपने सर्वश्रेष्ठ ओपनर को पहले सेट करते हैं, जबकि दूसरे पक्ष को अपनी गेंदबाज़ी को प्रमुखता देने के लिए स्पिनर या तेज़ गेंदबाज़ी को पहले डालते हैं। इससे दोनो टीमों की रणनीति में स्पष्ट विभाजन बनता है। टॉस, कप्तान, हेंडशेक नीति और मौसम—इन चारों तत्वों का तालमेल ही अक्सर जीत‑हार का फैसला करता है।
अब आप टॉस के विभिन्न पहलुओं को समझ चुके हैं, तो आगे की सूची में आप देखेंगे कि कैसे भारत‑पाकिस्तान के महिला मैच, विश्व कप, एशिया कप और अन्य प्रमुख घटनाओं में टॉस ने खेल को दिशा दी। यह संग्रह आपको टॉस से जुड़ी रणनीतियों, इतिहास और वर्तमान परिस्थितियों की विस्तृत जानकारी देगा, जिससे आप अगली बार जब टॉस किया जाए, तो उसके महत्व को बेहतर समझ सकेंगे।
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