गुल्लक सीजन 4 समीक्षा: आम आदमी की संघर्ष कहानी का दिल छू लेने वाला चित्रण
जून 7 2024 - मनोरंजन
जब आप रोज़मर्रा की चीज़ों का प्लान बनाते हैं, तो शायद आपने कभी सुना हो कि "राहु काल" में काम नहीं करना चाहिए। लेकिन यह वाक्यांश सिर्फ अंधविश्वास नहीं है – इसमें ज्योतिषीय कारण होते हैं और इसे समझकर आप अपने दिन को बेहतर बना सकते हैं। इस लेख में हम बताएंगे राहु काल कब होता है, इसका असर क्या हो सकता है और आसान उपाय कौन‑से हैं जो मदद करेंगे।
हर दिन 24 घंटे को 8 भागों में बाँटा जाता है, जिन्हें काल कहा जाता है। इन आठ कालों में से पहला होता "राहु काल" और यह सूर्यास्त के बाद शुरू होकर लगभग 1.5 घंटे तक चलता है। इसका सटीक समय हर दिन बदलता है क्योंकि सूर्योदय‑सूर्यास्त का अंतराल बदलता रहता है। आज के लिए राहु काल निकालने के दो आसान तरीके हैं:
ध्यान रखें कि अगर आप काम‑काज के लिए बहुत सटीक समय चाहते हैं, तो एक मिनट तक की गलती भी असर डाल सकती है। इसलिए आधिकारिक स्रोत पर भरोसा करें।
ज्योतिष मानते हैं कि राहु काल के दौरान ऊर्जा अस्थिर होती है, जिससे नई शुरुआत या महत्वपूर्ण निर्णयों में बाधा आ सकती है। इस समय आप ये चीज़ें करने से बचें:
बिल्कुल जरूरी नहीं कि राहु काल में कुछ भी न किया जाए – रोज़मर्रा के काम जैसे खाने‑पीने, साफ‑सफाई या छोटे टास्क बिल्कुल ठीक रहते हैं। असली बात है बड़े कदमों को एक दो घंटे आगे ले जाना।
अब सवाल आता है: अगर गलती से राहु काल में कोई बड़ा काम हो गया तो क्या किया जाए? यहाँ कुछ साधारण उपाय हैं जो कई लोग अपनाते हैं:
इन उपायों से नकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है और आप फिर से आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
सारांश में, राहु काल एक ऐसा समय है जिसमें नई शुरुआत या बड़े निर्णय को टालना बेहतर रहता है। इसे पहचानने का सबसे आसान तरीका है ऑनलाइन कैलेंडर देखना या स्थानीय पंचांग की मदद लेना। अगर गलती से इस दौरान कुछ किया भी तो हल्के‑फुल्के उपायों से मन और ऊर्जा को पुनः संतुलित किया जा सकता है। अब जब आप राहु काल के बारे में जानते हैं, तो अपने दिन का प्लान बनाते समय इसे ध्यान में रखिए – इससे आपका काम सुगम रहेगा और तनाव कम होगा।
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