ग्लोबल स्किल रैंकिंग: अब समय आ गया खुद को जानने का

आपको पता है कि हर साल लाखों लोग नई जॉब्स के लिए कोशिश करते हैं? लेकिन कई बार हमें नहीं पता होता कि हमारे पास कौन‑से कौशल सबसे ज्यादा मांग में हैं। यही जगह है ग्लोबल स्किल रैंकिंग की – एक ऐसी लिस्ट जो दुनिया भर के नियोक्ताओं और ट्रेनिंग प्लेटफ़ॉर्म्स पर टॉप स्किल्स दिखाती है। इसे समझना आपके करियर को सही दिशा देने का पहला कदम है।

रैंकिंग कैसे बनती है?

ऑनलाइन कोर्स प्रोवाइडर, फ्रीलांस मार्केट और बड़े रिक्रूटमेंट साइटें डेटा इकट्ठा करती हैं – कौन‑से सर्टिफिकेट सबसे ज्यादा खरीदे जा रहे हैं, किस तकनीक की नौकरी में बढ़त है, और कंपनियां किन टॉपिक पर इंटरव्यू देती हैं। इन सबको एग्रीगेट करके एक स्कोर दिया जाता है। अगर आप Python, डेटा एनालिटिक्स या डिजिटल मार्केटिंग जैसे हाई‑डिमांड स्किल्स सीखते हो, तो रैंकिंग में आपका नाम जल्दी उठ सकता है।

रैंकिंग का असर आपके करियर पर

जब आपकी प्रोफ़ाइल इस लिस्ट में ऊपर आती है, तो दो चीज़ें बदलती हैं – पहली, रेक्रूटर्स आपके रिज्यूमे को तुरंत देखना पसंद करते हैं; दूसरी, आप बेहतर सैलरी और प्रोजेक्ट्स के लिये वार्ता कर सकते हो। कई कंपनियां इंटरव्यू की शॉर्टलिस्ट बनाते समय ग्लोबल स्किल रैंकिंग का रेफ़रेंस लेती हैं, इसलिए यह आपका ‘असली पासपोर्ट’ बन जाता है।

अब बात करते हैं कैसे इस रैंक में ऊपर आएँ। सबसे आसान तरीका है: एक या दो हाई‑डिमांड स्किल चुनें और उस पर फोकस करें। ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म जैसे Coursera, Udemy या भारत के NPTEL से सर्टिफ़िकेट ले सकते हैं। हर कोर्स पूरा करने के बाद अपने LinkedIn प्रोफ़ाइल में बॅज जोड़ें, क्योंकि ये बॅज रैंकिंग डेटा का हिस्सा बनते हैं।

दूसरा तरीका है फ्रीलांस प्रोजेक्ट्स लेना। Upwork या Fiverr जैसी साइटों पर छोटे‑छोटे काम करके आप अपनी स्किल को ‘रियल वर्ल्ड’ में लागू दिखा सकते हो। क्लाइंट की रेटिंग और प्रोजेक्ट का आकार भी डेटा में शामिल होता है, जिससे आपका स्कोर बढ़ता है।

तीसरा – लगातार सीखते रहना। टेक्नोलॉजी हर साल बदलती है; अगर आप सिर्फ एक साल के कोर्स पर रुक गए तो जल्दी ही पीछे छूट सकते हो। नई टूल्स जैसे ChatGPT, Power BI या Kubernetes को सीखें और अपने पोर्टफ़ोलियो में जोड़ें।

क्या आपको लगता है कि यह सब मुश्किल है? नहीं! बस एक प्लान बनाएं: हर हफ्ते 5‑6 घंटे नई स्किल पर काम करें, महीने के अंत में प्रोजेक्ट जमा करें और रैंकिंग चेक करें। जब आप देखेंगे कि आपका नाम ऊपर आ रहा है तो मोटिवेशन भी बना रहेगा।

अंत में एक छोटी सी बात – ग्लोबल स्किल रैंकिंग सिर्फ नंबर नहीं है, यह आपके भविष्य की दिशा तय करता है। इसे समझें, इस पर काम करें और अपना करियर तेज़ गति से आगे बढ़ते देखें।

ग्लोबल स्किल रैंकिंग में भारत की पोजिशन क्यों छुपी हुई है?

ग्लोबल स्किल रैंकिंग में भारत की पोजिशन क्यों छुपी हुई है?

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भारत की ग्लोबल स्किल रैंकिंग को लेकर आम स्रोतों में कोई स्पष्ट डाटा नहीं है। स्किल्स, AI, और डिजिटल ट्रेनिंग पर तो काफी चर्चा होती है, लेकिन भारत की दुनिया में सही रैंकिंग का कोई स्पष्ट जिक्र नहीं मिलता। सरकार की विभिन्न स्किल योजनाओं के बावजूद, देश के युवाओं के लिए असली स्थिति जानना मुश्किल है।

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