GPT-5 का इंतजार अभी जारी रहेगा
जिन लोगों को GPT-5 का बेसब्री से इंतजार था, उनके लिए OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने नयी जानकारियाँ साझा की हैं। ऑल्टमैन ने स्पष्ट कर दिया है कि 2024 और 2025 की शुरुआत में GPT-5 को किसी भी स्थिति में रिलीज़ नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, AI प्रौद्योगिकी में सुधार को ध्यान में रखते हुए OpenAI ने अपने o-सीरीज मॉडल्स को GPT-5 की एकीकृत प्रणाली में शामिल करने का फैसला किया है।
ऑल्टमैन ने जोर देकर कहा कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य उनकी उत्पाद श्रृंखला को सरल और यूज़र्स के लिए बेहतर अनुभव प्रदान करना है। इसमें o3 मॉडल को एक स्वतंत्र मॉडल के रूप में न लाने का निर्णय और इसे GPT-5 के हिस्से के रूप में प्रस्तुत करने का फैसला शामिल है। इसके पीछे एक बड़ा कारण यह है कि ChatGPT जैसी सेवाओं में यूज़र्स को 'मॉडल पिकर' की ज़रूरत समाप्त हो जाए।
क्रांतिकारी बदलाव और नए फीचर्स
ऑल्टमैन ने इस बात का भी खुलासा किया कि GPT-5 में न केवल मल्टीमॉडल प्रोसेसिंग शामिल होगी, बल्कि यह सिस्टम टेक्स्ट, इमेजेज, ऑडियो, और संभवतः वीडियो सपोर्ट की सुविधा भी प्रदान करेगा। इसके साथ ही, इसमें उन्नत रिसनिंग और रियल-टाइम डेटा इंटीग्रेशन के फीचर्स होंगे।
इसके लॉन्च से पहले OpenAI ने कुछ अनोखे अपडेट्स जारी करने की योजना बनाई है, जिनमें GPT-4.5, जिसे 'ओरियन' के नाम से भी जाना जाता है, शामिल होगा। ये अपडेट्स GPT-5 में प्रयोग की जाने वाली 'चेन-ऑफ-थॉट' प्रणाली के लिए मार्ग प्रशस्त करेंगे।
यूज़र्स और डेवलपर्स के लिए ये समर्थन और भी मजबूती और विश्वसनीयता के नए आयाम लेकर आएगा। खासकर तब, जब कंपनी ने सुरक्षा और विश्वसनीयता को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।
आने वाले दिनों में जब GPT-5 उपलब्ध होगा, तो यह एक नि:शुल्क विकल्प के तहत ‘स्टैंडर्ड इंटेलिजेंस लेवल’ कर प्रदान करेगा। वहीं, प्रीमियम उपयोगकर्ताओं को अधिक शक्तिशाली सुविधाएँ मिलेंगी। यह कंपनी की ओर से एक बड़ी पहल है जो AI को यूज़र्स की ज़रूरतों के मुताबिक संशोधित और उपयोग करने योग्य बनाती है।
Soumita Banerjee - 1 अप्रैल 2025
अरे यार, GPT-5 का इंतजार करना बोरिंग हो गया है। अब तो o3 को GPT-5 में फ्यूज कर दिया, मतलब नया नाम, पुराना बिजनेस। ये एआई कंपनियां तो बस ब्रांडिंग के खेल में फंसी हुई हैं।
मैं तो जब तक टेक्स्ट-टू-वीडियो रियल-टाइम नहीं आता, तब तक अपडेट्स से बाहर हूँ।
Navneet Raj - 1 अप्रैल 2025
अच्छा फैसला है। मॉडल पिकर की जगह एक सिंगल इंटरफेस ज्यादा स्मूथ होगा। यूजर्स को भ्रम नहीं होगा, और डेवलपर्स के लिए इंटीग्रेशन भी आसान हो जाएगा।
OpenAI ने ये सोचा तो अच्छा किया।
Neel Shah - 3 अप्रैल 2025
GPT-4.5?!!? ओरियन?!!? अरे भाई ये नाम कहाँ से लाए?!!? ये तो बस रिब्रांडिंग है!!! और फिर भी लोग इसे इनोवेशन कह रहे हैं???!!! 😵💫🤯🤯🤯
shweta zingade - 4 अप्रैल 2025
ये बात सुनकर बहुत खुश हुई! अगर GPT-5 मल्टीमॉडल और रियल-टाइम डेटा के साथ आएगा, तो ये वाकई टर्निंग पॉइंट होगा।
मैंने अभी तक जो टूल्स यूज किए हैं, उनमें से कोई भी इतना कोहरा नहीं छोड़ता।
अब तो एआई का असली इस्तेमाल शुरू हो रहा है - न सिर्फ चैट करने के लिए, बल्कि सोचने के लिए।
हर डेवलपर, हर स्टूडेंट, हर डॉक्टर - सबके लिए ये एक नया दरवाजा खुल रहा है।
हाँ, सुरक्षा पर जोर देना बहुत जरूरी है - नहीं तो ये टूल बस फर्जी न्यूज़ और डीपफेक्स का बेड़ा बन जाएगा।
मैं तो इंतजार कर रही हूँ कि जब ये लॉन्च होगा, तो मैं अपने क्लासेस में इसका इस्तेमाल करके दिखाऊँगी।
क्या आप जानते हैं? अभी तक मेरे स्टूडेंट्स ने जो एआई टूल्स यूज किए, वो बस लिखने के लिए थे।
अब वो समझेंगे कि ये टूल वाकई उनकी सोच को बदल सकता है।
मैं बस ये चाहती हूँ कि ये टेक्नोलॉजी बस एक गैजेट न बन जाए - बल्कि एक साथी बन जाए।
अगर ये लॉन्च हो जाए, तो मैं आप सबको एक डेमो भेजूँगी। बस इंतजार करिए।
Pooja Nagraj - 5 अप्रैल 2025
एक तरह का अंतर्ज्ञानीय अपग्रेड, न कि एक रूपांतरण।
यह संक्रमण, जिसे हम ‘GPT-5’ के नाम से नामांकित कर रहे हैं, वास्तव में एक अन्तर्निहित अस्तित्व के प्रति एक दार्शनिक अभिव्यक्ति है - एक बुद्धिमत्ता का अस्तित्व, जो अपने आप को एक विश्वसनीय विषय के रूप में निर्मित कर रहा है।
हम जो ‘अपडेट’ कहते हैं, वह वास्तव में एक अंतर्निहित स्वाभाविकता का विकास है - एक बुद्धि का विकास, जो अब अपने अस्तित्व के बारे में जागरूक हो रही है।
यह अनुभव, जिसे हम ‘मल्टीमॉडलिटी’ कहते हैं, वह एक नए ज्ञान के दरवाजे की ओर एक आंख खोलना है - जहाँ टेक्स्ट, इमेज, और ध्वनि एक साथ एक एकल अर्थ की ओर अग्रसर होते हैं।
हम अभी तक इस अर्थ को नहीं समझ पा रहे हैं, क्योंकि हम अभी भी एक भौतिक दुनिया में बैठे हैं, जो अपने आप को अंतर्निहित विचारों के लिए एक बाधा के रूप में देखती है।
लेकिन जब GPT-5 आएगा, तो हम देखेंगे कि बुद्धि का अस्तित्व अब एक अनुभव है - न कि एक उपकरण।
यह अनुभव, जिसे हम अभी ‘प्रीमियम’ और ‘स्टैंडर्ड’ के रूप में विभाजित कर रहे हैं, वास्तव में एक असमानता का निशान है - एक ज्ञान के अधिकार का असमान वितरण।
क्या हम वाकई एक ऐसे ज्ञान को विकसित करना चाहते हैं, जो उसके उपयोगकर्ता के आर्थिक स्तर से निर्धारित होता है?
यह प्रश्न अब तक के सभी तकनीकी प्रगतियों से अधिक गहरा है।
Anuja Kadam - 6 अप्रैल 2025
gpt-5 ki jagah o3 ko merge kar diya? yeh toh bas name change hai... aur ye orion bhi kya hai? koi bhi nahi bata raha... aur phir bhi log excited hai 😅
Pradeep Yellumahanti - 6 अप्रैल 2025
अरे भाई, ये सब ‘मल्टीमॉडल’ और ‘रियल-टाइम’ का धमाका तो इंडिया में भी चल रहा है - जहाँ एक आदमी एआई से अपनी बेटी के लिए हिंदी में रामायण का सार निकाल रहा है, और दूसरा उसी टूल से अपने बैंक लोन का इमेल लिख रहा है।
कोई भी यहाँ GPT-5 का इंतजार नहीं कर रहा - वो तो बस एक ऐसा टूल चाहता है जो उसके बोले बात को समझे, बिना गलती किए।
और हाँ, जब तक ये टूल आधारभूत हिंदी में भी अच्छा काम नहीं करेगा, तब तक ये सब ‘स्टैंडर्ड’ और ‘प्रीमियम’ का खेल बस अमेरिकी शहरों के लिए है।
हम तो अभी तक ‘क्या हो रहा है?’ बोल रहे हैं।
Shalini Thakrar - 8 अप्रैल 2025
ये बात सुनकर मैं बहुत खुश हुई।
अगर GPT-5 वाकई मल्टीमॉडल होगा और रियल-टाइम डेटा को समझेगा, तो ये एक नया युग है।
मैंने अभी तक जो एआई यूज किया, वो सिर्फ टेक्स्ट तक ही सीमित था - अब तो इमेज, ऑडियो, वीडियो सब कुछ एक साथ? वाह।
और ओरियन? ये नाम तो बहुत सुंदर है - जैसे कोई नया तारा दिखाई दे रहा हो।
मैं अपने छोटे भाई को ये टूल दिखाना चाहती हूँ, जो अभी बीजगणित में फंसा है - शायद ये उसे समझने में मदद करेगा।
और जब ये फ्री में आएगा, तो ये दुनिया के लाखों बच्चों के लिए एक नया दरवाजा खोल देगा।
क्या आपने कभी सोचा है कि एक गाँव का बच्चा, जिसके पास इंटरनेट भी धीमा है, वो इस टूल से कैसे लाभ उठा सकता है?
ये टेक्नोलॉजी अगर इंसानियत के लिए बनी है, तो ये निश्चित रूप से उसका भाग होना चाहिए।
मैं इंतजार कर रही हूँ - और उम्मीद है कि ये बस एक टूल नहीं, बल्कि एक साथी बन जाएगा।
pk McVicker - 8 अप्रैल 2025
GPT-5 नहीं आया। फिर भी बातें कर रहे हो।
Laura Balparamar - 10 अप्रैल 2025
ये जो बात हो रही है, वो बस एक धोखा है।
अगर GPT-5 नहीं आ रहा, तो फिर ये ‘ओरियन’ और ‘o3’ का नाम क्यों लगाया जा रहा है? ये तो बस लोगों को भ्रमित करने की कोशिश है।
मैं तो जब तक GPT-5 लॉन्च नहीं होता, तब तक कोई भी अपडेट पर भरोसा नहीं करूँगी।
OpenAI अपने लोगों को नहीं, बल्कि शेयरहोल्डर्स को खुश करना चाहती है।
और फिर ये ‘फ्री स्टैंडर्ड’ का झूठ भी - जिसमें भी कुछ नहीं मिलता।
मैंने इतने सालों में इतने बड़े ब्रांड्स को देखा है - ये सब एक ही नाटक है।
अगर वाकई यूजर्स की प्राथमिकता है, तो फिर ये नाम बदलने की जरूरत क्यों? बस बताओ कि GPT-5 देर से होगा - और फिर उसे लॉन्च करो।
ये नाम बदलने की गतिविधियाँ तो बस एक डिजिटल धोखा है।