जब दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग ने दिल्ली नगर निगम के 12 वार्डों में MCD उपचुनाव-2025 की तैयारियां तेज़ कर दी, दिल्ली के मतदाता खास तौर पर सावधान हो गए। यह उपचुनाव फरवरी 2025 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद बने खाली पदों को भरने के लिए तय किया गया है।
पृष्ठभूमि और वार्डों की सूची
2025 की विधानसभा में कई पार्षद नई MLA बन गए, जिससे MCD के महत्त्वपूर्ण वार्ड खाली हो गए। इन 12 वार्डों में शालीमार बाग बी (पहले मुख्यमंत्री रेहका गुप्ता द्वारा प्रतिनिधित्व किया गया), द्वारका बी (पहले कमलजीत सहरावत, जो अब सांसद बन गईं), मुंडका, अशोक विहार, चांदनी चौक, चांदनी महल, दिचाऊं कला, नारायणा, संगम विहार, दक्षिण पुरी, ग्रेटर कैलाश और विनोद नगर शामिल हैं। ये सभी वार्ड प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों—मुंडका, वज़ीरपुर, मटियाला, नजफगढ़, राजेंद्र नगर, देवली और पटपड़गंज—के भीतर आते हैं।
आयोग की विस्तृत तैयारी
आयोग ने सभी जिला और निर्वाचन अधिकारियों को आधिकारिक पत्र भेजा, जिसमें सुझाव एवं आपत्तियों के प्रबंधन की अंतिम तिथि 13 अक्टूबर 2025 बताई गई। इस पत्र में कहा गया कि ड्राफ्ट मतदाता सूची 9 अक्टूबर को प्रकाशित की जाएगी, सुझाव 11 अक्टूबर तक लिये जायेंगे, और अंतिम सूची 13 अक्टूबर को आयोग को भेजनी होगी। इस प्रक्रिया के दौरान लगभग 6.85 लाख मतदाता वोट डालेंगे।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि दिल्ली में 1 जनवरी 2025 को अपडेट की गई विधानसभा मतदाता सूची को इन उपचुनावों में इस्तेमाल किया जाएगा, जैसा कि नगर निगम अधिनियम, 1957 की धारा 7(ई) में कहा गया है। नामांकन की अंतिम तिथि के बाद तैयार की गई अतिरिक्त सूची भी लागू होगी।
सुरक्षा और तकनीकी सुविधाएँ
सुरक्षा के लिहाज़ से, आयोग ने संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों की पहचान कर विशेष बल तैनात करने का निर्देश दिया है। साथ ही, मोबाइल ऐप और सिंगल विंडो पोर्टल की सुविधा देकर उम्मीदवारों को नामांकन प्रक्रिया में आसानी प्रदान की जाएगी। ये कदम डिजिटल भागीदारी को बढ़ावा देते हुए चुनाव प्रबंधन को पारदर्शी बनाते हैं।

राजनीतिक पार्टियों की तैयारियाँ
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने इस उपचुनाव के लिए एक विशेष समन्वय समिति बनाई। देवेंद्र यादव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, ने 9 अक्टूबर को पाँच सदस्यीय समिति, 12 पर्यवेक्षक और जिला अध्यक्षों के साथ बैठक की। बैठक में डॉ. नरेंद्र नाथ (पूर्व मंत्री), हरी शंकर गुप्ता (पूर्व विधायक), सुरेंद्र कुमार, राजेश गर्ग, सिद्धार्थ राव, राजेश चौहान, जावेद मिर्जा, सतबीर शर्मा, दिनेश कुमार, विरेंद्र कसाना, मुदित अग्रवाल, रागिनी नायक, निगम पार्षद हाज़ी जरीफ़, प्रदेश महिला अध्यक्ष पुष्पा सिंह, नीतू वर्मा और विनीत यादव शामिल थे। सभी ने कहा कि यदि आयोग जल्दी कराता है, तो कांग्रेस पूरी तरह तैयार है।
भाजपा (भाजपा) भी इन वार्डों पर फिर से कब्ज़ा जमाने की रणनीति बना रही है। पार्टी ने पहले नौ सीटों पर अपना प्रभुत्व था, और अब यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वह इन सीटों को फिर से जीत सके। वरिष्ठ नेताओं को रणनीति बनाने और चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
आगे क्या होगा?
आयोग ने दिवाली के बाद उपचुनाव की तिथियों की घोषणा करने का संकेत दिया है। हालांकि अभी तक सटीक तिथि तय नहीं हुई, लेकिन नामांकन प्रक्रिया, मतदाता सूची प्रकाशन और सुरक्षा तैनाती के क्रमिक कदम जल्द ही सार्वजनिक हो सकते हैं। यह देखना बाकी है कि दोनों बड़े दल—कांग्रेस और भाजपा—कैसे अपनी‑अपनी समर्थक जमीनी स्तर पर जुटाते हैं और कौन‑से नए चेहरा इस बार सामने आते हैं।

इतिहास और तुलना
दिल्ली में पिछली बार जब MCD के उपचुनाव हुए थे, तो अक्सर कई बार चुनाव आयोग ने तकनीकी सुविधाओं को जोड़े थे—जैसे 2019 में ऑनलाइन नामांकन और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें। इस बार भी वही प्रवृत्ति जारी रहने की उम्मीद है, लेकिन इस बार मतदान स्थल की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, क्योंकि पिछले चुनावों में कुछ बोथियों में हिंसा की आवाज़ें उठी थीं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इन उपचुनावों में किन वार्डों में सबसे अधिक मतदाता हैं?
शालीमार बाग बी और द्वारका बी प्रत्येक में लगभग 60,000 से 70,000 मतदाता हैं, जबकि मुंडका और चांदनी चौक में लगभग 55,000 मतदाता सूचीबद्ध हैं। कुल मिलाकर 12 वार्डों में कुल 6.85 लाख मतदाता भाग लेंगे।
नामांकन की अंतिम तिथि कब है?
आयोग ने अभी तक सटीक अंतिम तिथि नहीं बताई है, लेकिन ड्राफ्ट मतदाता सूची 9 अक्टूबर को प्रकाशित होगी, सुझाव 11 अक्टूबर तक लिये जायेंगे और अंतिम सूची 13 अक्टूबर को जमा करनी होगी। आमतौर पर नामांकन अंतिम तिथि इस अवधि के बाद निर्धारित की जाती है।
भाजपा और कांग्रेस की मुख्य रणनीति क्या है?
भाजपा अपने पहले नौ जीतें हुए वार्डों को फिर से जीतने के लिए वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंप रही है और सुरक्षा व तकनीकी घटकों पर ध्यान दे रही है। कांग्रेस ने समन्वय समिति, पर्यवेक्षक और जिला स्तर पर विस्तृत जाँचकर्ता गठित कर स्थानीय स्तर पर आधार मजबूत करने की योजना बनाई है। दोनों पार्टियां डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से वोटर एंगेजमेंट बढ़ाने की भी कोशिश कर रही हैं।
क्या मतदान के दिन मोबाइल ऐप से नामांकन किया जा सकता है?
हां, आयोग ने एक विशेष मोबाइल ऐप जारी किया है, जिससे उम्मीदवार आसानी से नामांकन फॉर्म भर सकते हैं, दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं और रिटर्निंग अधिकारी को सीधे भेज सकते हैं। यह सुविधा विशेष रूप से छोटे उम्मीदवारों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाती है।
उपचुनाव के परिणाम दिल्ली की राजनीति को कैसे प्रभावित करेंगे?
यदि कांग्रेस अपने सभी 12 वार्डों में जीत दर्ज करे तो वह MCD में अपनी शक्ति को पुनर्स्थापित कर सकती है, जिससे नगरपालिका नीतियों पर उसका प्रभाव बढ़ेगा। दूसरी ओर, यदि भाजपा कम से कम पाँच वार्डों को फिर से जीत लेती है, तो वह नगरपालिका बजट और विकास परियोजनाओं में अपने एजेंडे को आगे बढ़ा सकेगी। परिणाम दोनों पार्टियों के आगे के रणनीतिक कदमों को दिशा देंगे।
Hitesh Kardam - 12 अक्तूबर 2025
ये सब प्रक्रिया बस सत्ता के खेल को औपचारिक बनाना है।