गर्मी और बरसात का कहर: बिहार के बड़े हिस्से में मौसम विभाग का अलर्ट
बिहार इन दिनों जिस कदर तप रहा है, वो हाल कई सालों बाद देखने को मिल रहा है। शहरियों की नींद उड़ गई है और गांवों में भी हीटवेव की चर्चा जोरों पर है। Bihar weather का हाल ये है कि पटना, गया, दारभंगा, सीतामढ़ी और शिवहर जिलों में पारा 32 से 41 डिग्री सेल्सियस के बीच झूल रहा है, कई जगहों पर तो तापमान 42 डिग्री तक जा पहुंचा है। जून के महीने में गर्मी के साथ-साथ आसमान में बादल भी मंडरा रहे हैं, जिससे ना सिर्फ उमस बढ़ी है, बल्कि बारिश की संभावनाएं भी बनी हुई हैं।
मौसम विभाग (IMD) के ताज़ा अपडेट के मुताबिक, 16 जून से 20 जून के बीच कई जिलों में गरज-चमक, भारी बारिश और तेज़ हवा (50 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा तक) का सिलसिला रह सकता है। लोगों को लगातार गर्म हवा का खतरा है, ऊपर से शाम के वक्त अचानक बारिश और हवा का अंदेशा लोगों की दिक्कतें बढ़ाने वाला है।

सावधानी ज़रूरी, मौसम की मार से बचने के लिए क्या करें?
पटना में दिन का तापमान करीब 38 डिग्री के आस-पास चल रहा है, जिससे लोगों को बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। कई जगहों पर स्कूलों का टाइम बदला जा रहा है, दफ्तरों में लोग पानी लेकर आ रहे हैं और अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मरीजों की तादाद भी बढ़ती दिख रही है। IMD ने साफ कहा है कि अगले कुछ दिन लोगों को धूप और लू से खुद को बचाना होगा – हल्के रंग के कपड़े पहनें, बाहर कम निकलें और बार-बार पानी पिएं।
सोचिए, जब एक तरफ सूरज की तपिश हो और दूसरी तरफ झोंके की तरह तेज़ हवा, ऊपर से कभी भी छप्पर फाड़ बारिश – ऐसे में बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों की खास देखभाल करनी ही होगी। मौसम के मॉडल्स का इशारा है कि जून में 3 से 8 दिन अच्छी बारिश हो सकती है, जिसमें 16 जून को हल्की से मध्यम बारिश की पक्की उम्मीद है।
- अचानक आई बारिश से ट्रैफिक जाम और शॉर्ट-सर्किट जैसी समस्याएं भी सामने आ सकती हैं।
- खासकर शहरी इलाकों में, पटना से बाहर निकलते वक्त मोबाइल से मौसम की जानकारी जरूर चेक करें।
- विद्यार्थियों और दफ्तर जाने वालों के लिए छाता और पानी की बोतल अनिवार्य सामान हो गया है।
- गाँवों में किसानों को खेतों में काम करते वक्त अतिरिक्त सतर्क रहना होगा।
जून के दूसरे पखवाड़े में बिहार में मौसम की यह दोहरी मार (गर्मी और मानसून) लोगों के लिए चुनौती है। ठंडी हवाओं और बारिश के अलर्ट के बीच सवाल यही है—ये मौसम कब राहत देगा?
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