प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऐतिहासिक ब्रूनेई दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले द्विपक्षीय दौरे पर ब्रूनेई की यात्रा की शुरुआत की है, और यह दौरा दोनों देशों के संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। यह दौरा 3-4 सितंबर को हो रहा है और इसका मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच बंधनों को मजबूत बनाना है। यह यात्रा भारत और ब्रूनेई के बीच राजनयिक संबंधों के 40 वें वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हो रही है, जो इन दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही मित्रता का प्रतीक है।
जब मोदी ब्रूनेई पहुंचे, तो उन्हें एक भव्य स्वागत समारोह के साथ सम्मानित किया गया। यहां पर उन्हें क्राउन प्रिंस हाजी अल-मुहदी बिल्लाह ने स्वागत किया, जो प्रधानमंत्री कार्यालय में एक वरिष्ठ मंत्री भी हैं। इस स्वागत समारोह ने भारत और ब्रूनेई के बीच आपसी सम्मान और स्नेह की भावना को और मजबूती प्रदान की।
अंतरिक्ष, ऊर्जा और रक्षा में सहयोग बढ़ाने का प्रयास
इस दौरे का एक महत्वपूर्ण उदेश्य अंतरिक्ष, ऊर्जा और रक्षा जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री मोदी का इस संबंध में सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया से मिलने का कार्यक्रम है, जो ब्रूनेई के सुल्तान और प्रधानमंत्री दोनों हैं। इन बैठक में प्रमुख मुद्दों पर बात की जाएगी, जिनमें अंतरिक्ष और ऊर्जा का सहयोग शामिल है।
भारत ने ब्रूनेई में 2000 में एक टेलीमेट्री ट्रैकिंग और कमांड स्टेशन स्थापित किया था, जो सैटेलाइट और रॉकेट लॉन्च को ट्रैक करने और निगरानी के लिए महत्वपूर्ण है। यह स्टेशन दोनों देशों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। इसके अतिरिक्त, इस दौरे में गैस आपूर्ति को लेकर दीर्घकालिक और पूर्वानुमानित व्यवस्थाओं पर भी जोर दिया जाएगा, जिससे दोनों देशों के ऊर्जा संबंध और अधिक मजबूत बनें।
राजदूतावास की नई इमारत का उद्घाटन
अपने दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी भारतीय उच्चायोग की नई इमारत का उद्घाटन भी करेंगे। यह इमारत भारतीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बनेगी, जहां वे अपनी सभाओं और आयोजनों को संपन्न कर सकेंगे। यह नया भवन दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंध पृक्त करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
ओमर अली सैफुदीन मस्जिद का दौरा
प्रधानमंत्री मोदी ओमर अली सैफुदीन मस्जिद का भी दौरा करेंगे, जो कि ब्रूनेई का एक राष्ट्रीय स्मारक है। इसे देखने का उद्देश्य न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को समझना है, बल्कि यह भी दर्शाना है कि भारत और ब्रूनेई के बीच सांस्कृतिक विविधता और एकता को लेकर गहरा सम्मान है।
भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति और इंडो-प्रशांत क्षेत्र में दृष्टि
इस दौरे का एक और महत्वपूर्ण पहलू भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति है। ब्रूनेई, जो कि एक महत्वपूर्ण साझेदार देश है, के साथ इस प्रकार के सहयोग से भारत अपने इंडो-प्रशांत क्षेत्र में नए अवसरों और संभावनाओं को तलाशने की कोशिश कर रहा है। यह दौरा भारत की अद्वितीय रणनीतिक दृष्टि का प्रतीक है, जो इस क्षेत्र के साथ सुदृढ़ संबंध स्थापित करने की प्रतिज्ञा को प्रदर्शित करता है।
भारतीय प्रवासी समुदाय का उत्साह
ब्रूनेई में करीब 14,000 भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे को लेकर बेहद उत्साहित हैं। यह दौरा न केवल दोनों देशों के संबंधों को और अधिक मजबूती देगा, बल्कि भारतीय समुदाय को भी नई उम्मीदें और अवसर प्रदान करेगा।
सिंगापुर की यात्रा और रणनीतिक साझेदारी
ब्रूनेई की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी सिंगापुर की ओर यात्रा करेंगे, जहां वे उच्चतम स्तर पर वार्तालाप करेंगे। इन वार्तालापों का मुख्य उद्देश्य उन्नत विनिर्माण, डिजिटलाइजेशन और स्थायी विकास क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाना है। यह भी इस बात का प्रमाण है कि भारत वैश्विक मंच पर अपने स्थान को मजबूत करने के लिए नई पहल कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के लिए लंबे समय तक लाभकारी साबित हो सकती है और आगामी दिनों में इन क्षेत्रों में अधिक सहयोग और संसाधन साझा करने के नए द्वार खोल सकती है।
इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत और ब्रूनेई के बीच एक मजबूत और स्थायी द्विपक्षीय संबंध स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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