मनोलो मारक्वेज बने भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम के नए मुख्य कोच, इगोर स्टिमाक की करेंगे जगह

मनोलो मारक्वेज बने भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम के नए मुख्य कोच, इगोर स्टिमाक की करेंगे जगह

मनोलो मारक्वेज को क्यों चुना गया नया कोच?

भारतीय फुटबॉल संघ ने हाल ही में इगोर स्टिमाक को भारतीय पुरुष राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के मुख्य कोच पद से हटा दिया है। उनके स्थान पर स्पेन के मनोलो मारक्वेज का चयन किया गया है। मारक्वेज वर्तमान में इंडियन सुपर लीग (ISL) के क्लब FC गोवा के कोच हैं और अब वे मई 2025 तक दोनों भूमिकाएँ निभाएंगे।

मारक्वेज का भारतीय फुटबॉल के साथ गहरा संबंध रहा है। उन्होंने पहले हैदराबाद FC के कोच के रूप में तीन सीजन बिताए थे, जहाँ उन्होंने 2022 में क्लब को पहला ISL ट्रॉफी जीतवाया और दो बार ISL शील्ड रेस में दूसरा स्थान प्राप्त किया। उनकी कोचिंग में युवा खिलाड़ी तेजी से विकसित हुए और उनमें से कई राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते हुए देखे गए हैं, जैसे कि मोहम्मद यासिर, लिस्टन कोलाको, आकाश मिश्रा, चिंगलेसाना सिंह, निखिल पूजारी, और जय गुप्ता।

इगोर स्टिमाक का कार्यकाल

इगोर स्टिमाक का कार्यकाल

इगोर स्टिमाक के नेतृत्व में भारतीय फुटबॉल टीम ने कुछ समय के लिए सुधारा, लेकिन टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट देखने को मिली। हाल ही में, भारतीय टीम वर्ल्ड कप क्वालिफायर के दूसरे चरण से बाहर हो गई थी, जिसके बाद AIFF ने स्टिमाक को हटाने का फैसला लिया। उनके कार्यकाल के दौरान भी कई महत्वपूर्ण प्रशंसाओं की कमी महसूस की गई।

विदेशी कोचों का प्रभाव

विदेशी कोचों का प्रभाव

भारतीय फुटबॉल में विदेशी कोचों का प्रभाव एक महत्वपूर्ण चर्चा का स्रोत रहा है। पिछले कुछ सालों में, भारतीय फुटबॉल संघ ने विदेशी कोचों की नियुक्ति की है, जिन्होंने भारतीय खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाने की कोशिश की है।

मारक्वेज का अनुभव

मारक्वेज के पास वर्षों का कोचिंग अनुभव है और वे विभिन्न युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने में माहिर माने जाते हैं। FC गोवा और हैदराबाद FC के साथ उनके काम का असर साफ तौर पर देखा गया है। उन्होंने न केवल टीम को राष्ट्रीय स्तर पर सफल बनाया बल्कि खिलाड़ियों की व्यक्तिगत क्षमताओं को भी बढ़ावा दिया।

राष्ट्रीय टीम के विकास की चुनौतियाँ

राष्ट्रीय टीम के विकास की चुनौतियाँ

भारत की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम को बेहतर बनाने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। खिलाड़ी विकास, संरचना में सुधार, और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की तैयारी सहित कई प्रमुख चुनौतियाँ हैं। इन सभी में मारक्वेज के अनुभव से बहुत मदद मिलेगी।

भविष्य की योजनाएँ

मारक्वेज अब भारतीय फुटबॉल टीम के लिए रणनीति बनाएंगे और खिलाड़ियों को तैयार करेंगे ताकि टीम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर सके। उनके नेतृत्व में, भारतीय फुटबॉल टीम के लिए नए द्वार खुलने की संभावनाएँ अधिक हैं।

AIFF का यह निर्णय भारतीय फुटबॉल के उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद जगाता है। मारक्वेज के अनुभव और विशेषज्ञता के साथ, भारतीय फुटबॉल टीम आने वाले सालों में नई ऊंचाइयों को छू सकती है।

Shifa khatun

लेखक के बारे में

Shifa khatun

मैं एक स्वतंत्र पत्रकार हूँ जो भारत में दैनिक समाचारों के बारे में लिखती हूँ। मुझे लेखन और रिपोर्टिंग में गहरी रुचि है। मेरा उद्देश लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है। मैंने कई प्रमुख समाचार पत्रों और वेबसाइट्स के लिए काम किया है।

टिप्पणि (18)

  1. Srinath Mittapelli

    Srinath Mittapelli - 22 जुलाई 2024

    मारक्वेज का तो इंडियन सुपर लीग में काम देखा है बस अब देखना है कि नेशनल टीम में वो कैसे फिट होता है। युवा खिलाड़ियों को वो अच्छे से निखार लेता है और उनकी आत्मविश्वास में जो बदलाव आता है वो बहुत अलग होता है। अब टीम में थोड़ी आज़ादी देनी होगी ताकि खिलाड़ी अपना खेल बना सकें

  2. Vineet Tripathi

    Vineet Tripathi - 23 जुलाई 2024

    इगोर के बाद ये बदलाव जरूरी था। अब तो बस ये उम्मीद है कि बाहरी लोग भी भारतीय फुटबॉल की असली हालत समझें न कि सिर्फ ट्रॉफी जीतने की बात करें। अगर युवाओं को बेसिक्स से सिखाया जाए तो भविष्य अच्छा होगा

  3. Dipak Moryani

    Dipak Moryani - 23 जुलाई 2024

    क्या मारक्वेज के पास कभी अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट का अनुभव है? या वो सिर्फ आईएसएल के लिए ही तैयार हैं?

  4. Subham Dubey

    Subham Dubey - 23 जुलाई 2024

    ये सब बाहरी कोचों की नियुक्ति एक गुप्त योजना है। विदेशी कंपनियां भारतीय फुटबॉल को अपने नियंत्रण में लेना चाहती हैं। अगर हम अपने खिलाड़ियों को बढ़ावा दें तो ये सब नहीं होता। ये बस एक राजनीतिक चाल है

  5. Rajeev Ramesh

    Rajeev Ramesh - 24 जुलाई 2024

    इस निर्णय के पीछे आर्थिक हित भी हो सकते हैं। अगर कोच के साथ विदेशी स्पॉन्सर्स की डील है तो यह एक संदिग्ध निर्णय है। AIFF को अधिक पारदर्शिता बरतनी चाहिए।

  6. Vijay Kumar

    Vijay Kumar - 25 जुलाई 2024

    कोच बदलने से टीम नहीं बदलती। बदलता है बस नाम।

  7. Abhishek Rathore

    Abhishek Rathore - 27 जुलाई 2024

    अगर मारक्वेज युवाओं को इतना अच्छा बना पाया है तो उनकी तकनीक और दृष्टिकोण अच्छा होगा। बस ये देखना है कि वो नेशनल टीम के लिए भी वही कर पाते हैं या नहीं। उम्मीद है अच्छा होगा

  8. Rupesh Sharma

    Rupesh Sharma - 28 जुलाई 2024

    भारत में फुटबॉल के लिए बहुत ज्यादा ट्रेनिंग सुविधाएं नहीं हैं। अगर मारक्वेज वाकई युवाओं को बढ़ावा दे रहे हैं तो उन्हें ज्यादा से ज्यादा संसाधन देने चाहिए। बस कोच बदलने से कुछ नहीं होगा। बदलाव के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर भी बदलना होगा

  9. Jaya Bras

    Jaya Bras - 29 जुलाई 2024

    अरे ये भी वो ही नया कोच जिसने हैदराबाद को ट्रॉफी दिलाई थी? वो तो बस लकी था। अब नेशनल टीम के लिए भी लकी हो जाएगा 😏

  10. Arun Sharma

    Arun Sharma - 29 जुलाई 2024

    इस प्रकार की नियुक्तियाँ भारतीय फुटबॉल के लिए एक गंभीर अपमान है। हमारे देश में अत्यधिक योग्य लोग हैं जिन्हें अवसर नहीं मिल रहा है। यह एक विदेशी अधिकार का उपयोग है।

  11. Ravi Kant

    Ravi Kant - 29 जुलाई 2024

    मारक्वेज के लिए भारत बस एक बाजार नहीं है। उन्होंने यहां के खिलाड़ियों के साथ एक गहरा जुड़ाव बनाया है। उनकी भाषा, संस्कृति और खेल के प्रति जुड़ाव अद्वितीय है। ये कोच बदलने का मामला नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक समझ का विस्तार है

  12. Harsha kumar Geddada

    Harsha kumar Geddada - 31 जुलाई 2024

    अगर हम देखें तो भारतीय फुटबॉल का संकट तो कोच के पास नहीं है बल्कि उसके ऊपर के सिस्टम में है। जब तक अकादमियों में लगातार निवेश नहीं होगा, जब तक बच्चों को स्कूलों में फुटबॉल खेलने का मौका नहीं मिलेगा, तब तक कोई कोच भी नहीं बदल सकता। मारक्वेज तो बस एक लकड़ी का टुकड़ा है जिसे हम नाव में बैठा रहे हैं जो पानी में डूब रही है। अगर नाव नहीं बनाएंगे तो टुकड़ा क्या करेगा?

  13. sachin gupta

    sachin gupta - 31 जुलाई 2024

    मारक्वेज के लिए ये बस एक कैरियर स्टेप है। उन्होंने इंडियन सुपर लीग में अच्छा नाम कमाया है। अब वो अपने रिज्यूमे में नेशनल टीम का एक्सपीरियंस डालना चाहते हैं। ये सब एक बिजनेस डील है।

  14. Shivakumar Kumar

    Shivakumar Kumar - 1 अगस्त 2024

    मारक्वेज तो बस एक ऐसा आदमी है जिसने बच्चों को खेलने का मजा सिखाया। नहीं तो उनके लिए ये बस एक जॉब होती। लेकिन जब तुम एक बच्चे को बोलो कि तू गेंद को लगाना है तो वो डर जाता है। लेकिन जब तुम उसे बोलो कि ये गेंद तेरी दोस्त है तो वो उसके साथ नाचने लगता है। वो तो बस इतना करता है। और ये बहुत बड़ी बात है

  15. saikiran bandari

    saikiran bandari - 2 अगस्त 2024

    कोच बदलने से कुछ नहीं होगा बस नाम बदल जाएगा

  16. Rashmi Naik

    Rashmi Naik - 2 अगस्त 2024

    मार्क्वेज की टेक्निकल फ्रेमवर्क अलग है और इसके लिए एक डेटा-ड्रिवन एप्रोच जरूरी है। अगर AIFF ने उन्हें एनालिटिक्स टीम नहीं दी तो उनकी स्ट्रैटेजी फेल हो जाएगी

  17. Vishakha Shelar

    Vishakha Shelar - 4 अगस्त 2024

    मैं तो बस ये चाहती हूं कि अब कोई भी कोच नहीं आए... मैं बस इतना चाहती हूं कि टीम कोई टूर्नामेंट जीत जाए... और मैं रो जाऊं... 🥺

  18. Ayush Sharma

    Ayush Sharma - 4 अगस्त 2024

    भारतीय फुटबॉल के विकास के लिए विदेशी कोचों की नियुक्ति एक आवश्यक चरण है। इसके बाद ही भारतीय कोचों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण देने का अवसर मिलेगा।

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