वर्ल्ड कप 2025 में भारत‑पाकिस्तान महिला मैच में ‘नो‑हैंडशेक’, भारत ने 88 रन से जीत

वर्ल्ड कप 2025 में भारत‑पाकिस्तान महिला मैच में ‘नो‑हैंडशेक’, भारत ने 88 रन से जीत

जब हारमनप्रीत कौर, भारत की महिला क्रिकेट टीम की कप्तान, और फातिमा साना, पाकिस्तान की कप्तान, ने टॉस के दौरान हाथ मिलाने से मना किया, तो यह नो‑हैंडशेक नीति का नया अध्याय लिखा गया। यह खेल 2025 की ICC महिला वनडे विश्व कप में आर. प्रेमा दास स्टेडियम, कोलंबो, श्रीलंका में हुआ। पाकिस्तान ने टॉस जीत कर पहले बॉलिंग के लिए चुनाव किया, पर भारत ने 247 रन बनाकर 88 रन से जीत दर्ज की। इस जीत ने भारत का पाकिस्तान के खिलाफ 12-0 का परफेक्ट रिकॉर्ड कायम रखा और दो देशों के बीच खेल के मैदान पर तनाव के नए स्तर को उजागर किया।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और नो‑हैंडशेक नीति का उद्भव

नो‑हैंडशेक नीति की जड़ें 2025 के एशिया कप में गहरी हैं, जब भारतीय पुरुष टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पाकिस्तान के कप्तान सलमान علي के साथ हाथ नहीं मिलाया था। इस कदम के बाद दोनों देशों के बीच खेल-राजनीतिक तनाव तेज़ हो गया, खासकर कश्मीर में इस वर्ष हुए एक हिंसक हमले के बाद। तब से दोनों टीमों ने इस अनुष्ठान को जारी रखा, जिससे यह व्यवहार अब सिर्फ पुरुष क्रिकेट तक सीमित नहीं रहा, बल्कि महिलाओं के खेल में भी उतारा गया।

मैच का विस्तृत विवरण

भारत ने पहले बैटिंग करने की योजना बनाई। ओपनर हारलीन डोल ने 46 रन बनाए, जबकि रिचा घोश ने 35** तेज़ी से 20 गेंदों में जोड़े। जेमिमा रोड्रिगेज़ और प्रतिका रावल ने क्रमशः 32 और 31 रन बनाकर मध्यक्रम को स्थिर किया। भारत की कुल स्कोर 247/9 रही, जो 50 ओवरों में समाप्त हुई।

पाकिस्तान की गेंदबाज़ी में डायना बैग ने 4 विकेट लिये, जबकि कप्तान फातिमा साना ने 2 विकेट लिए। शेष गेंदबाज़ी में सादिया इक्क़बाल ने भी दो महत्वपूर्ण विकेट लिए।

पाकिस्तान की पेशबंदी में शुरुआती झटके दिखे: खोली में रनों की तलाश में मुनिबा अली का रन‑आउट विवादास्पद निर्णय बना, जिससे दोनों टीमों के बीच तनाव की लहर उठी। 34वें ओवर में दीपती शर्मा और पाकिस्तान की टॉप‑सकोरर सिद्रा अमीन के बीच तीखा संशोधन हुआ, जिसमें शर्मा ने तेज़ थ्रो के साथ प्रतिक्रिया दी।

खेल और राजनीति का आपसी उलटफेर

खेल और राजनीति का आपसी उलटफेर

यह मैच सिर्फ खेल नहीं रहा, बल्कि दो देशों के बीच चल रहे कूटनीतिक तनाव का प्रतिबिंब भी रहा। भारत, जो इस विश्व कप की आधिकारिक मेज़बान है, ने पाकिस्तान को सुरक्षा कारणों से श्रीलंका में खेलने की व्यवस्था की। यह व्यवस्था पहले से ही तय थी, क्योंकि दोनों देशों ने अपनी घरेलू मैदानों में पारस्परिक सीरीज़ को 2027 तक टालने का निर्णय किया है। इस माहौल में, खिलाड़ियों की शारीरिक प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ राजनीतिक धूम्रपान भी महसूस किया गया।

मैच के दौरान एक अनोखी घटना भी हुई— कोलंबो के स्टेडियम में तड़के वाले छोटे कीटों का झुंड आया, जो भीड़ को थोड़ा परेशान कर गया। यह छोटी सी बाधा भी इस मैच की तनावपूर्ण कहानी में एक अलग मोड़ जोड़ गई।

विश्लेषकों की राय और भविष्य की संभावनाएँ

क्रिकेट विश्लेषक रवीश कुमार (विचारधारा) ने कहा, “नो‑हैंडशेक नीति के पीछे का भावनात्मक कारण समझ में आता है, परन्तु खेल को व्यक्तियों के बीच दोस्ती को बढ़ावा देना चाहिए। यह स्थिति युवा खिलाड़ियों के मनोबल पर असर डाल सकती है।” दूसरी ओर, महिला क्रिकेट कोच अंजली राव (कोचिंग) ने बताया कि भारतीय टीम ने इस तनाव को पूरी तरह से खेल पर केंद्रित रहने में बदल दिया, जिससे उनका प्रदर्शन उन्नत हुआ।

आगे चलकर इंडो‑पाकिस्तान महिला टीमों के बीच कोई बायलेटिनल श्रृंखला नहीं होने की संभावना है, लेकिन ICC के द्वारा भविष्य में किसी तटस्थ देश में दो देशों को एक साथ लाने की कोशिश की जा सकती है। अगर दोनो देशों के बीच राजनैतिक माहौल सुधरता है, तो इन तनावों को कम करके खेल को फिर से फलता-फूलता देखना संभव होगा।

मुख्य तथ्य

मुख्य तथ्य

  • मैच स्थल: आर. प्रेमा दास स्टेडियम, कोलंबो, श्रीलंका
  • विजय अंतर: भारत ने 88 रन से जीत हासिल की
  • भारत की स्कोर: 247/9 (50 ओवर)
  • मुख्य स्कोरर: हारलीन डोल (46), रिचा घोश (35*)
  • पाकिस्तान की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़: डायना बैग (4/69)
  • नो‑हैंडशेक नीति जारी, पहली बार महिला विश्व कप में लागू

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

नो‑हैंडशेक नीति से खिलाड़ियों पर क्या असर पड़ेगा?

नीति से खिलाड़ीयों की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर तनाव बढ़ सकता है, क्योंकि हाथ मिलाना आम तौर पर सम्मान का प्रतीक माना जाता है। हालांकि, दोनों टीमों ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि यह राजनैतिक कारणों से लागू है और खेल के प्रदर्शन को प्रभावित नहीं करेगा।

क्या इस मैच का परिणाम भारतीय टीम के भविष्य के टूर पर असर डालेगा?

भारत की लगातार जीत उनके आत्मविश्वास को और बढ़ाएगी, जिससे आगामी राउंड में रनों की गति और फील्डिंग में सुधार की उम्मीद है। कोचिंग स्टाफ इस जीत को एक ‘ट्रांसफरबल मोमेंट’ के रूप में देख रहा है, जो अन्य टीमों को भी चुनौती देगा।

क्यों पाकिस्तान को श्रीलंका में खेलना पड़ा?

कश्मीर में हालिया आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा की चिंताओं के कारण, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने भारत‑पाकिस्तान की सभी मैचों को तटस्थ भूमि पर आयोजित करने की शर्तें लगाईं। इसलिए, पाकिस्तान ने अपनी सभी विश्व कप मुकाबले श्रीलंका में खेले।

क्या भविष्य में दोनों देशों की बायलेटिनल श्रृंखला फिर से होगी?

वर्तमान में दोनों बोर्डों ने 2027 तक कोई सीधी श्रृंखला नहीं होने का निर्णय लिया है। राजनैतिक माहौल में सुधार आने पर ही द्विपक्षीय सीरीज की सम्भावना पर पुनः विचार किया जा सकता है।

Shifa khatun

लेखक के बारे में

Shifa khatun

मैं एक स्वतंत्र पत्रकार हूँ जो भारत में दैनिक समाचारों के बारे में लिखती हूँ। मुझे लेखन और रिपोर्टिंग में गहरी रुचि है। मेरा उद्देश लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है। मैंने कई प्रमुख समाचार पत्रों और वेबसाइट्स के लिए काम किया है।

टिप्पणि (12)

  1. Zoya Malik

    Zoya Malik - 7 अक्तूबर 2025

    नो‑हैंडशेक नीति ने खेल में मौजूदा तनाव को और गहरा कर दिया है, और यह सिर्फ एक रिवाज नहीं बल्कि एक गहरी भावनात्मक घाव की तरह महसूस होता है। इस कदम से खिलाड़ियों की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि सम्मान के संकेत को मोड़ना अक्सर आंतरिक संघर्ष को उत्पन्न करता है। भारत‑पाकिस्तान की इस शत्रुता को व्याख्यायित करने के बजाय हमें इस निरंतर तनाव के सामाजिक पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए। इस तरह के निर्णय खेल के मूल उद्देश्य-खेल भावना-को धूमिल कर देते हैं।

  2. Raja Rajan

    Raja Rajan - 8 अक्तूबर 2025

    यह निराशाजनक है।

  3. Surya Banerjee

    Surya Banerjee - 9 अक्तूबर 2025

    मैच का परिणाम बहुत बढ़िया रहा, लेकिन सभी को याद रखना चाहिए कि खेल में एक-दूसरे का सम्मान बहुत जरुरी है। जजमेंटल टोन से दूर रहकर हम सभी को इन्क्लूसिव माहौल बनाना चाहिए। इस तरह के नीतियों का उद्देश्य खेल को आगे बढ़ाना होना चाहिए, न कि राजनीति को वापरना।

  4. Ashish Singh

    Ashish Singh - 9 अक्तूबर 2025

    हमारी टीम ने खेल में शानदार प्रदर्शन दिखाया, यह गौरव की बात है कि भारतीय क्रिकेट ने एक बार फिर इतिहास रचा है। इस जीत को राष्ट्रीय गरिमा के प्रतीक के रूप में मनाया जाना चाहिए, क्योंकि यह केवल खेल नहीं बल्कि हमारे जज्बे का प्रतिबिंब है। नो‑हैंडशेक नीति को सम्मान के साथ लागू किया गया, और इससे हमारी टीम का आत्मविश्वास और भी बढ़ गया।

  5. ravi teja

    ravi teja - 10 अक्तूबर 2025

    सच में, भारत‑पाकिस्तान के बीच क्रिकेट हमेशा खास रहती है, और इस बार भी मैच बहुत रोमांचक था। दोनों टीमों ने अपनी पूरी मेहनत लगाई और दर्शकों को भरपूर मनोरंजन दिया।

  6. Parul Saxena

    Parul Saxena - 11 अक्तूबर 2025

    खेल और राजनीति का संगम हमेशा से ही मानव इतिहास में जटिलताओं का स्रोत रहा है, और इस वर्ल्ड कप मैच ने इस बात को एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है। जब दो राष्ट्रों के बीच गहरी भावनात्मक टकराव होती है, तो खेल का मैदान सिर्फ प्रतिस्पर्धा का स्थान नहीं रह जाता, बल्कि वह सामाजिक संवाद का मंच बन जाता है। नो‑हैंडशेक नीति, जिसका मूल उद्देश्य सुरक्षित सीमाओं को बनाये रखना था, अब एक प्रतीकात्मक कारक बन गया है, जो दर्शाता है कि मौन भी एक प्रकार की अभिव्यक्ति है। यह नीति खिलाड़ियों को उनकी व्यक्तिगत भावनाओं से अलग करके टीम के प्रदर्शन पर फोकस करने का अवसर देती है, लेकिन साथ ही यह व्यक्तिगत सम्मान और आपसी समझ को भी चुनौती देती है। इस दृष्टिकोण से देखा जाए तो, इस मैच में भारतीय टीम का 88 रन से जीतना सिर्फ एक खेल परिणाम नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक बयान भी था। यह जीत यह सिद्ध करती है कि दबाव के तहत भी भारतीय खिलाड़ियों ने तकनीकी महारत और मानसिक दृढ़ता दोनों को बरकरार रखा। वहीं, पाकिस्तान की टीम ने भी असाधारण रूप से प्रतिस्पर्धी खेल दिखाया, जिसका सम्मान किया जाना चाहिए। इस प्रकार, दोनों पक्षों ने इस संघर्ष को खेल के माध्यम से अभिव्यक्त किया, जिससे दर्शकों को न केवल कौशल का आनंद मिला, बल्कि एक गहरी सामाजिक कथा भी मिली। भविष्य में यदि इस तरह की नीतियों को समझदारी से लागू किया जाए, तो यह दोनों देशों के बीच संवाद को विस्तार देने का एक माध्यम बन सकता है। हालांकि, यह भी अनिवार्य है कि राजनीतिक तनाव को खेल के मैदान से पूरी तरह अलग रखा जाए, ताकि खिलाड़ियों को अपनी शारीरिक क्षमताओं पर पूरी तरह से केंद्रित किया जा सके। इस दृष्टिकोण में, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) को एक संतुलन बनाये रखना चाहिए, जिससे खेल की शुद्धता बनी रहे और साथ ही सुरक्षा के मानदंड भी सुनिश्चित हों। अंत में, यह उल्लेखनीय है कि इस जीत ने भारतीय टीम की आत्मविश्वास को और दृढ़ किया और अगले चरण में उनके प्रदर्शन की संभावनाओं को भी उजागर किया।

  7. Ananth Mohan

    Ananth Mohan - 12 अक्तूबर 2025

    आपकी बात में सच है कि खेल और राजनीति का मिश्रण जटिल है पर हमें इसे समझदारी से संभालना चाहिए इसीलिए हम सभी को सहानुभूति रखनी चाहिए और खेल को शुद्ध रूप में देखना चाहिए

  8. Apu Mistry

    Apu Mistry - 13 अक्तूबर 2025

    ड्यून के रेगिस्तान जैसा यह मैच था, जहाँ हर बॉल में एक नयी दास्तान छुपी हुई थी, पर पॉलिसी की इस हद ने कभी‑कभी दिल को झकझोर दिया।

  9. Sunil Kumar

    Sunil Kumar - 14 अक्तूबर 2025

    वाकई, एक तरफ़ मैच का ज़ौन्टराइट कहूँ तो कलरफुल टोन में बात करूँ, लेकिन नीति का फ़ैशन थोड़ा एज़ी नहीं। थ्योरिटिकली, यह कूल है पर प्रैक्टिकली, नतीजा सैक्रिफ़ाइस है।

  10. Atish Gupta

    Atish Gupta - 15 अक्तूबर 2025

    डेटा‑ड्रिवन इकोसिस्टम के भीतर, इस मैच ने सिचुएशनल एन्हैंसमेंट का बेंचमार्क सेट किया, जहाँ स्ट्रैटेजिक वेरिएबल्स ने पावर‑प्लेज़ को रिसेट किया।

  11. Aanchal Talwar

    Aanchal Talwar - 16 अक्तूबर 2025

    हां, लेकिन इवेंट के बादक एकदम नया पॉइंट बनता है की दोनो टीम एना उता मेहनत किए हैं।

  12. Harsh Kumar

    Harsh Kumar - 17 अक्तूबर 2025

    खेल को लेकर आशावादी रहना आवश्यक है, क्योंकि यही भावना हमें आगे बढ़ाती है। सभी खिलाड़ियों को बधाई, और आगे भी ऐसे ही शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है! 😊

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