राजस्थान में तापमान का कहर: 44 डिग्री से ऊपर पांच शहर
राजस्थान इन दिनों दोहरी मौसम विपरीत स्थितियों से जूझ रहा है। एक तरफ भीषण हीटवेव का प्रकोप है तो दूसरी ओर आंधियों का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने पश्चिमी राजस्थान के 11 जिलों में 19 से 22 मई तक हीटवेव की चेतावनी जारी की है। जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, कोटा और बाड़मेर जैसे बड़े शहरों में पारा 44 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। दिन के वक्त धूप इतनी तेज है कि सड़कें दोपहर में सुनसान नजर आ रही हैं।
अब हर दिन गर्मी में नया रिकॉर्ड दिख रहा है। इंस्टिट्यूट फॉर क्लाइमेट स्टडीज के अनुसार, अप्रैल के अंत से मई के तीसरे हफ्ते तक राज्य में औसतन तापमान सामान्य से 3 से 4 डिग्री ज्यादा रहा। इसका सीधा असर शहरों के जनजीवन पर दिखा है – स्कूलों का समय घटाया गया है, दफ्तरों और निर्माण स्थलों पर दोपहर की पाली स्थगित की गई है। पानी और बिजली की खपत अचानक तेजी से बढ़ी है।
आंधी का खतरा, तैयार रहती हैं इमरजेंसी टीमें
भीषण गर्मी के बीच ही दूसरी परेशानी है – 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आने वाली आंधी। पूर्वी राजस्थान के जिलों में तेज हवाओं और बिजली गिरने की आशंका जताई जा रही है। IMD ने चेतावनी दी है कि तेज आंधी-तूफान से पेड़ और कच्चे भवन गिर सकते हैं, बिजली लाइनों को नुकसान, और यातायात में बाधा आ सकती है। कई जगहों पर प्रशासन ने स्कूल-कॉलेज और बाजार जल्दी बंद कराने के निर्देश दिए हैं।
- लोगों से बेवजह बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है।
- गर्म हवा, लू, डिहाइड्रेशन से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीने और शरीर को ढककर रखने की हिदायत जारी हुई है।
- आंधी के दौरान छतों, बालकनी या खुले मकानों में न रुकें।
- यदि संभव हो तो मोबाइल और बिजली के उपकरणों से दूर रहें।
फिलहाल प्रदेश भर के सभी जिला प्रशासन और आपातकालीन सेवाएं अलर्ट मोड पर हैं। एनडीआरएफ और स्थानीय राहत टीमें संभावित क्षेत्रों में तैनात हैं। बिजली आपूर्ति पर खास नजर रखी जा रही है, ताकि तेज हवाओं या पेड़ गिरने से सप्लाई बाधित न हो। ट्रांसपोर्ट विभाग को भी मैदान में उतार दिया गया है ताकि सड़कों पर किसी अड़चन से फौरन निपटा जा सके।
अब तक किसी बड़े नुकसान या जनहानि की खबर नहीं है, लेकिन मौसम विशेषज्ञों के हिसाब से अगले चार-पांच दिन और सावधानी बरतना जरूरी रहेगा। राजस्थान में यह मौसम आमतौर पर जून की शुरुआत तक रहता है, लेकिन इस बार गर्मी ने अपना कहर जल्दी दिखा दिया है।
Anuja Kadam - 21 मई 2025
बस एक दिन के लिए एयरकूलर बंद करके बाहर निकलो तो पता चल जाएगा कि ये गर्मी कितनी जानलेवा है। मैं तो घर से बाहर निकलने के लिए भी डर जाता हूँ।
Pradeep Yellumahanti - 22 मई 2025
अब तक तो सिर्फ तापमान बढ़ रहा था, अब आंधियाँ भी शामिल हो गईं। अगर ये जारी रहा तो अगले साल राजस्थान का टूरिस्ट बुकिंग वाला बिजनेस खत्म हो जाएगा। लोग आएंगे कहाँ? यहाँ तो बाहर निकलना भी एक स्पोर्ट्स हो गया है।
Shalini Thakrar - 23 मई 2025
इस एक्सट्रीम क्लाइमेट वेरिएबिलिटी के तहत, हम एक नए एन्वायरनमेंटल रेजिम के बारे में सोच रहे हैं जहाँ मानवीय अनुकूलन की दर भूमिका निभा रही है। हमारे शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर ने अभी तक इस ट्रांजिशन को स्वीकार नहीं किया है। ये न सिर्फ गर्मी का मुद्दा है, बल्कि एक सिस्टम फेलियर है।
हमें डिसिप्लिन्ड वॉटर मैनेजमेंट, ग्रीन रूफ्स, और एडवांस्ड अल्बीडो मटीरियल्स की जरूरत है। नहीं तो ये लू और आंधियाँ हमारे सामाजिक स्थिरता को भी तोड़ देंगी।
pk McVicker - 24 मई 2025
बस इतना ही। गर्मी और आंधी। बिजली गिर रही है। लोग मर रहे हैं।
Laura Balparamar - 26 मई 2025
इस तरह के मौसम में सरकार को सिर्फ चेतावनी नहीं, बल्कि एक्शन प्लान चाहिए। स्कूल बंद करना तो बहुत आसान है, लेकिन दिनभर के श्रमिकों का क्या? बिजली की आपूर्ति बरकरार रखो। पानी की टैंकर डिलीवरी बढ़ाओ। अगर ये नहीं हुआ तो लोग बस खुद को बचाएंगे।
Shivam Singh - 26 मई 2025
मैंने देखा बाड़मेर में एक आदमी अपनी गाड़ी के बाहर बैठा है और बर्फ खा रहा है। वो भी एक तरह का लाइफस्टाइल है न?
Piyush Raina - 26 मई 2025
क्या ये सब केवल मौसम की वजह से है या फिर हमारे शहरी विकास के तरीके में कोई गलती है? मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक शहर इतना गर्म हो सकता है कि फुटपाथ पर चलना भी मुश्किल हो जाए।
Srinath Mittapelli - 27 मई 2025
यार दोस्तों, ये गर्मी तो बहुत बुरी है, लेकिन अगर हम अपने घरों के ऊपर छत पर शेड लगा दें तो अंदर का तापमान 5-7 डिग्री तक कम हो जाता है। बाहर निकलने की जरूरत नहीं, घर में ही अपनी जिंदगी बना लो।
मैंने अपने घर पर पानी की बोतलें लटका दी हैं, जब हवा चलती है तो ठंडा हो जाता है। ये पुरानी चीज है, लेकिन अभी भी काम करती है।
और आंधी के लिए अगर आपके घर के बाहर कोई बड़ा पेड़ है तो उसे बांध दो। नहीं तो वो तुम्हारी छत पर आ जाएगा।
एक छोटी सी चीज भी बचाएगी जिंदगी।
Vineet Tripathi - 29 मई 2025
मैंने देखा कि बीकानेर में एक दुकानदार ने अपनी दुकान के ऊपर बांस के छत्ते लगा दिए हैं। बहुत बढ़िया आइडिया। बस इतना करोगे तो लोग बाहर आएंगे।
Dipak Moryani - 30 मई 2025
क्या ये आंधियाँ सिर्फ राजस्थान में हैं या पूरे देश में ऐसा हो रहा है?
Subham Dubey - 31 मई 2025
ये सब एक गुप्त अंतरराष्ट्रीय अभियान है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि ये गर्मी और आंधियाँ जानबूझकर बनाई गई हैं ताकि लोगों को डरा कर उन्हें वैक्सीन लगवाई जा सके। आप जानते हैं कि बिजली की लाइनें असल में ट्रांसमिटर हैं।
Rajeev Ramesh - 31 मई 2025
प्रशासन के द्वारा जारी किए गए आदेशों का अनुपालन नियमित रूप से निरीक्षण किया जाना चाहिए। इसके अलावा, जनसामान्य को जागरूक करने के लिए एक व्यापक अभियान की आवश्यकता है।
Vijay Kumar - 2 जून 2025
गर्मी ने हमें याद दिला दिया कि हम कितने असहाय हैं।
Abhishek Rathore - 3 जून 2025
कल मैंने एक बूढ़े आदमी को देखा जो अपने घर के बाहर बैठा था और गर्मी में चाय पी रहा था। उसने कहा, 'ये गर्मी तो हमारे बाप के समय से थी, लेकिन अब लोग इसे बड़ा मुद्दा बना रहे हैं।' शायद हम सब ज्यादा बुद्धिमान हो गए हैं।
Rupesh Sharma - 5 जून 2025
यार, इस गर्मी में बाहर निकलने के लिए बस दो चीजें चाहिए: एक बोतल पानी और एक छत। बाकी सब तो बस बातें हैं। जिंदगी बरकरार रखो, नहीं तो तुम खुद बन जाओगे एक नए राजस्थानी लोककथा का हिस्सा।